ब्रसेल्स हमला: पीले जैकेट वाली वो भारतीय महिला
ब्रसेल्स के ज़ेवेंटेम एयरपोर्ट पर चरमपंथी हमले के कुछ देर बाद एक महिला को ख़ून में सनी और घबराई हालत में देखा गया था. धमाके की वजह से उनका चमकीला पीला जैकेट फट गया था और उनके बिखरे बाल और चेहरे पर ख़ून दिखाई दे रहा है. बुधवार को अख़बारों में छपी इस महिला की […]

ब्रसेल्स के ज़ेवेंटेम एयरपोर्ट पर चरमपंथी हमले के कुछ देर बाद एक महिला को ख़ून में सनी और घबराई हालत में देखा गया था.
धमाके की वजह से उनका चमकीला पीला जैकेट फट गया था और उनके बिखरे बाल और चेहरे पर ख़ून दिखाई दे रहा है.
बुधवार को अख़बारों में छपी इस महिला की यह तस्वीर हमले की भयावहता की तस्वीर बन गई. बाद में पता चला कि यह महिला भारत की एक एयरलाइन में काम करती हैं.
मुंबई में उनके परिवार ने उनका नाम निधि चापेकर बताया. 40 वर्षीय निधि जेट एयरवेज़ में फ़्लाइट अटेंडेंट हैं और दो बच्चों की माँ हैं.
उनके रिश्तेदार निलेश चापेकर ने समाचार एजेंसी एपी को बताया, "जब हमने धमाके की तस्वीरें देखीं तो उन्हें इंटरनेट के ज़रिए तलाशने की कोशिश की और धमाके की जानकारी लेनी चाही."
उन्होंने बताया, "पहली प्रतिक्रिया थी कि वह ज़िंदा हैं. भगवान की कृपा है, वह ज़िंदा हैं."
निधि चापेकर जेट एयरवेज़ की फ़्लाइट के दो कर्मचारियों में एक थीं जो अमरीका में नेवार्क जा रही थी और जो हमले में ज़ख़्मी हुए हैं.
मंगलवार को ब्रसेल्स के ज़ेवेंटेम एयरपोर्ट और माएलबीक मेट्रो स्टेशन पर हमले में कम से कम 31 लोग मारे गए थे और क़रीब 300 ज़ख़्मी हुए थे.
कथित चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली थी.
चापेकर की तस्वीर ज्यॉर्जिया के सरकारी नेटवर्क की पत्रकार केटेवान कारदावा ने ली थी, जो दुनियाभर के सोशल मीडिया पर हैशटैग #PrayForNidhi के साथ शेयर की गई.
जेनेवा में अपने काम से जा रहीं कारदावा ने टाइम मैगज़ीन को बताया, "वह सदमे में थीं और अवाक थीं. वह रो नहीं रही थीं. वह केवल ख़ौफ़ से आसपास देख रही थीं."
जेट एयरवेज़ के लिए क़रीब 20 साल से काम कर रही चापेकर और उनके साथी फ़्लाइट सुपरवाइज़र अमित मोटवानी ठीक हैं और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. एयरलाइन ने इसकी जानकारी दी.
निलेश चापेकर ने कहा कि उनके परिवार को उनकी हालत के बारे में मिला आख़िरी मेडिकल अपडेट था, "उनकी तबीयत ठीक हो रही है. हमें बताया गया कि उन्हें कुछ फ़्रैक्चर हुए हैं और वह जल गई थीं लेकिन यह कितना गंभीर है, हमें पता नहीं."
कई भारतीयों ने सोशल मीडिया पर चापेकर को इन धमाकों के ख़ौफ़ का सबसे बड़ा प्रतीक बताया.
कुछ ने मीडिया में ऐसी तस्वीर छापने को असंवेदनशील भी बताया.
भारतीय समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस ने ख़बर दी है कि चापेकर और मोटवानी जब "एयरपोर्ट के बाहर निकल रहे थे तभी धमाके हुए."
जेट एयरवेज़ के एक प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया कि दोनों के परिवार ब्रसेल्स पहुँच रहे हैं. एयरपोर्ट अभी भी बंद है.
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