स्मृति शेष : राजनीति में खरी बातें करनेवाले थे लालमुनि

स्मृति शेष : लालमुनि चौबे ने विधायक, मंत्री व सांसद के रूप में वर्षों तक राज्य की सेवा की, पर कभी उन पर कोई दाग नहीं लगा अवधेश ना सिंह विप सभापति 16 राजनीति में खरी बातें कहने वाले थे लालू मुनि चौबे. एक साधारण परिवार से राजनीति में आये लालमुनि चौबे अंत तक ईमानदार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2016 6:59 AM
स्मृति शेष : लालमुनि चौबे ने विधायक, मंत्री व सांसद के रूप में वर्षों तक राज्य की सेवा की, पर कभी उन पर कोई दाग नहीं लगा
अवधेश ना सिंह विप सभापति
16 राजनीति में खरी बातें कहने वाले थे लालू मुनि चौबे. एक साधारण परिवार से राजनीति में आये लालमुनि चौबे अंत तक ईमानदार बने रहे. विधायक, मंत्री और सांसद के रूप में उन्होंने वर्षों तक राज्य की सेवा की लेकिन, कभी उन पर कोई दाग नहीं लगा. वह अपनी सोच और सिद्धातों से विमुख नहीं हुए.
ईमानदार की प्रतिमूर्ति थे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के काफी करीब माने जाने वाले लालमुनि चौबे पहली बार 1972 में विधायक बने. 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी तो उन्हें मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया. बाद में वह रामसुंदर दास मंत्रिमंडल में भी मंत्री रहे. पार्टी कार्यकर्ताओं से वह कहते थे कि जब आपके माता-पिता घर बनवाते हैं तो आप उसकी देखभाल करते और निगरानी करते हैं. लेकिन, सरकारी पैसे से जब सड़क बनता है तो आप उस पर नजर क्यों नहीं रखते. पूराने शाहाबाद के वह निवासी थे इसलिए मेरा उनसे घनिष्ठ संबंध था.
कमिटमेंट के पक्के थे. किसी बात की उन्होंने स्वीकारोक्ति दे दी तो वह अटल होता था. हम जानते थे कि उन्होंने कह दिया तो काम होना ही है. राजनीति में वह सेल्फ मेड थे. उनके परिवार में कोई राजनीति में नहीं था. अपने दम पर उन्होंने लंबी यात्रा पूरी की.बनारस हिंदु विवि से पढे लालमुनि चौबे छात्र जीवन से ही राजनीति में रहे थे. उनकी शक्सीयत ऐसी थी कि विरोधी दल के नेता भी उनकी प्रशंसा करते थे. उनके साथ बिताया हुआ एक-एक पल जेहन में है. वह हमेशा याद में रहेंगे.
नंदकिशोर यादव
बेबाक टाइप आदमी थे. बिना लाग लपेट के अपनी बात रखने के लिए वह जाने जाते थे. बहुत ईमानदार थे. वह एक सीनियर राजनेता थे. भाजपा के बड़े नेता के रूप में उन्होंने अपनी पहचान कायम की थी. अटल जी के वह काफी करीबी थे. चुनाव के दौरान बक्सर में अटल जी की सभा जरूर होती थी.
बेबाक टाइप आदमी थे. बिना लाग लपेट के अपनी बात रखने के लिए वह जाने जाते थे. बहुत ईमानदार थे. वह एक सीनियर राजनेता थे. भाजपा के बड़े नेता के रूप में उन्होंने अपनी पहचान कायम की थी. अटल जी के वह काफी करीबी थे. चुनाव के दौरान बक्सर में अटल जी की सभा जरूर होती थी.
नंदकिशोर यादव, भाजपा नेता

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