परमाणु मुद्दों पर भारत के साथ सहयोग गहरा करेंगे: अमेरिका

वाशिंगटन : इस सप्ताह अमेरिका में शुरू होने वाले परमाणु सुरक्षा सम्मेलन से पहले व्हाइट हाउस ने कहा है कि उनका देश परमाणु मुद्दों पर भारत के साथ ‘‘द्विपक्षीय सहयोग को गहरा” होते देखना चाहता है. इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विश्वभर के नेता शामिल होंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति की विशेष सहायक और ‘वेपन्स […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 30, 2016 9:31 AM

वाशिंगटन : इस सप्ताह अमेरिका में शुरू होने वाले परमाणु सुरक्षा सम्मेलन से पहले व्हाइट हाउस ने कहा है कि उनका देश परमाणु मुद्दों पर भारत के साथ ‘‘द्विपक्षीय सहयोग को गहरा” होते देखना चाहता है. इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विश्वभर के नेता शामिल होंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति की विशेष सहायक और ‘वेपन्स ऑफ मास डिसट्रक्शन टेररिज्म एंड थ्रेट रिडक्शन’ मामलों की वरिष्ठ निदेशक लॉरा होलगेट ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर हम :इस सम्मेलन में शिरकत के लिए: प्रधानमंत्री मोदी के दौरे का इंतजार कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि हम इसे एक ऐसे अवसर के रुप में देख रहे हैं, जिसमें भारत द्वारा उसकी अपनी परमाणु सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों को रेखांकित किया जा सकता है.

वाशिंगटन फॉरेन प्रेस सेंटर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए होलगेट ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर हम इस सम्मेलन के परिणाम के रुप में भारत के साथ पहले से भी गहरा द्विपक्षीय सहयोग देखना चाहेंगे. इसलिए, मैं उम्मीद करती हूं कि आगे बढने के लिए हम इस पर अधिक करीब हो कर काम कर सकते हैं.” नई दिल्ली में मोदी के प्रस्थान से पहले एक वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि भारत उम्मीद करता है कि यह सम्मेलन परमाणु आतंकवाद के खतरे और आतंकियों एवं परमाणु सामग्री के तस्करों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की जरुरत के बारे में उच्च स्तरीय जागरुकता को बढाने में योगदान देगा.

निशस्त्रीकरण एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के संयुक्त सचिव अमनदीप सिंह गिल ने कहा, ‘‘हम यह भी उम्मीद करते हैं कि यह सम्मेलन परमाणु सामग्री, रेडियोधर्मी स्रोतों, संबंधित प्रतिष्ठानों और तकनीकों की सुरक्षा को मजबूत करने के कानूनी, संस्थागत और प्रवर्तन उपायों को बढाने में मदद करेगा.” उन्होंने कहा, ‘‘ हम यह भी उम्मीद करते हैं कि यह सम्मेलन परमाणु बिजली के सुरक्षित एवं संरक्षित विस्तार में यकीन बरकरार रखेगा, जो कि गैर जीवाश्म ईंधन उर्जा के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लक्ष्यों को पूरा करने में बेहद जरुरी होगा.”

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