ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्लाह अली ख़ामेनेई ने कहा है कि जो लोग कहते हैं कि भविष्य मिसाइल बनाने में नहीं बल्कि बातचीत में हैं वो ग़लत हैं.
उनकी आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक़ उन्होंने कहा कि जो लोग बातचीत को भविष्य बता रहे हैं वो या तो कुछ जानते नहीं हैं या फिर ग़द्दार हैं.
उन्होंने कहा कि ये समय बातचीत और मिसाइल दोनों का हैं.
अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर उन्होंने कहा कि बातचीत को सैन्य समर्थन भी हासिल होना चाहिए.
ईरान के सर्वोच्च नेता का ये बयान ऐसे समय आया है जब कुछ दिन पहले पूर्व राष्ट्रपति अकबर हाशमी रफ़संजानी ने कहा था कि देश का भविष्य बातचीत में है, मिसाइलों में नहीं.
राजनीतिक तौर पर उदारवादी रफ़सनजानी ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी के क़रीबी माने जाते हैं.
इस बीच संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने कहा है कि ईरान के हाल के मिसाइल परीक्षण ने ख़तरे की घंटी बजा दी है.
उन्होंने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इसके जवाब में उठाए जाने वाले क़दमों पर फ़ैसला लेगा.
ईरान ने इस महीने की शुरुआत में बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था.
ईरान का कहना है कि हालिया परीक्षण संयुक्त राष्ट्र के समझौते का उल्लंघन नहीं हैं.
पिछले साल पास किए गए प्रस्ताव के तहत ईरान परमाणु क्षमता वाले बैलिस्टिक मिसाइल ना बना सकता, न ही परीक्षण कर सकता है.
हालांकि पिछले साल ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर लगाम कसने के मक़सद से विश्व शक्तियों और ईरान के बीच जो परमाणु समझौता हुआ था उसके तहत मिसाइल कार्यक्रम पर रोक नहीं लगाई गई थी.
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