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भारत और सऊदी अरब के बीच श्रम, निवेश व हैंडिक्रॉफ्ट सहित 5 क्षेत्रों में समझौते

रियाद: भारत और सऊदी अरब के बीच 5 क्षेत्रों में सहयोग को लेकर समझौते हुए हैं. इन क्षेत्रों में श्रम, निवेश व हैंडिक्रॉफ्ट जैसे सेक्टर शामिल है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों सऊदी अरब के दौरे में हैं. इस दौरान उन्होंने वहां के शाह सलमान अब्दुल अजीज के साथ मुलाकात की.सऊदी अरब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2016 7:38 PM

रियाद: भारत और सऊदी अरब के बीच 5 क्षेत्रों में सहयोग को लेकर समझौते हुए हैं. इन क्षेत्रों में श्रम, निवेश व हैंडिक्रॉफ्ट जैसे सेक्टर शामिल है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों सऊदी अरब के दौरे में हैं. इस दौरान उन्होंने वहां के शाह सलमान अब्दुल अजीज के साथ मुलाकात की.सऊदी अरब के साथ संबंधों को नई गति देने के इरादे से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वहां के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज के साथ व्यापार, निवेश बढाने और आतंकवाद की नकेल कसने सहित सामरिक सहयोग का विस्तार करने समेत विभिन्न विषयों पर चर्चा की.

उर्जा संसाधनों से सम्पन्न सऊदी अरब भारत का सबसे बडा कच्चे तेल का आपूर्तिकर्ता है और कुल आयात के 20 प्रतिशत जरुरतों को पूरा करता है. इसे देखते हुए दोनों पक्षों ने इस क्षेत्र में सहयोग को और व्यापक बनाने पर चर्चा की. मोदी के कल यहां दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचने पर उनका रायल कोर्ट में भव्य स्वागत किया गया. पिछले सात महीने में मोदी की खाडी क्षेत्र की यह दूसरी यात्रा है. यह क्षेत्र भारत के लिए सामरिक महत्व का है जहां देश के 80 लाख लोग रहते हैं और यह भारत की उर्जा सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. पिछले वर्ष वह अगस्त में संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर गए थे.

सऊदी अरब का उर्जा क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग बढने के साथ दोनों देशों के रिश्ते पिछले दो दशकों में लगातार बढते रहे हैं. शाह के साथ बातचीत से पहले सऊदी अरब के विदेश मंत्री अब्देल अल जुबैर ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुलाकात कर आपसी हितों के विभिन्न विषयों पर चर्चा की. वहां के स्वास्थ्य मंत्री और सऊदी अरब की राष्ट्रीय तेल कंपनी अरामको के प्रमुख खालिद ए अल फलीह ने भी मोदी से मुलाकात की. उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि अराम को भारत को निवेश के लिए सबसे उपयुक्त देश के रुप में देखता है.
सऊदी अरब के 30 सीईओ तथा भारतीय उद्योगपतियों से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर बैंकों के बिजली क्षेत्र में फंसे कर्ज को लेने का काम किया है. ‘‘हम अब निजी कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे हैं. उस पर भी हमने तेजी से प्रगति की है. इसीलिए निकट भविष्य में एनपीए यानी फंसे कर्ज का मुद्दा कोई समस्या नहीं होगा.” मोदी ने कहा कि कई विदेशी बैंक भारत में काम कर रहे हैं और आने वाले समय में जो भी जरूरत होगी, सरकार करेगी.उन्होंने कहा कि भारत और सऊदी अरब पुराने मित्र है और कहा कि दोनों सुनहरे भविष्य के लिये साहसिक नये कदम उठाने को तैयार हैं.
मोदी ने कहा कि भारत अनूठी स्थित में है जहां लोकतंत्र, युवा आबादी और मांग का मेल है और वृद्धि को गति देने के लिये कई नीतिगत पहल की गयी है. उन्होंने कहा कि भारत में चिकित्सा उपकरणों के विनिर्माण में निवेश के लिये शानदार मौके हैं. भारत का स्वास्थ्य क्षेत्र वैश्विक रुप से लागत प्रतिस्पर्धी है और यह स्वास्थ्य पर्यटन के लिये अपार अवसर की पेशकश करता है.उन्होंने दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को निर्यात और आयात के संबंध से उपर ले जाते हुए इसे प्रौद्योगिकी स्थानांतरण और साझा निवेश के स्तर पर ले जाने का आह्वान किया है.संबंधों में प्रगाढता पर जोर देते हुए मोदी ने सुल्तान सलमान की इस बात को याद किया कि उन्हें एक भारतीय शिक्षक ने पढाया है.

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