ग्रहण के चार गजब नजारे लेकर आ रहा 2014

नये साल 2014 में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की ‘त्रिमूर्ति’ दुनिया को ग्रहण के चार रोमांचक दृश्य दिखायेगी. हालांकि, भारत में इनमें से केवल एक खगोलीय घटना के देश के सीमित हिस्से में नजर आने की उम्मीद है. उज्जैन की प्रतिष्ठित जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ राजेंद्रप्रकाश गुप्त ने भारतीय संदर्भ में की गयी कालगणना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2013 8:15 AM

नये साल 2014 में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की ‘त्रिमूर्ति’ दुनिया को ग्रहण के चार रोमांचक दृश्य दिखायेगी. हालांकि, भारत में इनमें से केवल एक खगोलीय घटना के देश के सीमित हिस्से में नजर आने की उम्मीद है. उज्जैन की प्रतिष्ठित जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ राजेंद्रप्रकाश गुप्त ने भारतीय संदर्भ में की गयी कालगणना के हवाले से गुरुवार को बताया कि आगामी वर्ष में अद्भुत खगोलीय घटनाओं का सिलसिला 15 अप्रैल को लगने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण से शुरू होगा. नववर्ष का पहला ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा.

गुप्त ने बताया कि वर्ष 2014 में 29 अप्रैल को वलयाकार सूर्यग्रहण होगा. सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की लुकाछिपी का यह रोमांचक नजारा भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा. वलयाकार सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा कुछ इस तरह आ जाता है कि पृथ्वी से निहारने पर सौरमंडल का मुखिया चमकदार कंगन की तरह दिखाई देता है. तकरीबन दो सदी पुरानी वेधशाला के अधीक्षक ने बताया कि आठ अक्तूबर 2014 को पूर्ण चंद्रग्रहण का नजारा दिखाई देगा.

यह आगामी वर्ष का दूसरा पूर्ण चंद्रग्रहण होगा. हालांकि, इस खगोलीय घटना के भारत के पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में ही दिखाई देने की संभावना है. वेधशाला अधीक्षक ने बताया कि आगामी 23 अक्तूबर को आंशिक सूर्यग्रहण होगा. यह इस साल का आखिरी ग्रहण भी होगा, जो भारत में नहीं दिखाई देगा.

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