‘पाकिस्तान की पतली गली से निकलने की कोशिश’

सुशांत सरीन रक्षा विशेषज्ञ पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का ये कहना बड़ा अजीब लगता है कि पठानकोट हमले की जांच के लिए भारतीय सुरक्षा बलों के चश्मदीद जवानों से उसकी टीम को नहीं मिलने दिया गया. ये लगभग पहले से तय था कि पाकिस्तानी जांच दल को किससे मुलाकात की इजाज़त दी जाएगी और किससे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2016 10:16 AM
'पाकिस्तान की पतली गली से निकलने की कोशिश' 4

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का ये कहना बड़ा अजीब लगता है कि पठानकोट हमले की जांच के लिए भारतीय सुरक्षा बलों के चश्मदीद जवानों से उसकी टीम को नहीं मिलने दिया गया.

ये लगभग पहले से तय था कि पाकिस्तानी जांच दल को किससे मुलाकात की इजाज़त दी जाएगी और किससे मिलने नहीं दिया जाएगा.

क्योंकि ये माना जा रहा था कि वो कुछ ऐसी मुलाकातें चाह रहे थे जो मुनासिब नहीं थीं और जिसका संबंध उस जांच से नहीं था जिसके लिए वो आ रहे थे.

जिन अधिकारियों से पाकिस्तानी जांच दल मिलने की बात कर रहा है, ये बात उस पर लागू होती है.

'पाकिस्तान की पतली गली से निकलने की कोशिश' 5

पठानकोट हमले से जिन-जिन लोगों का सीधा ताल्लुक था जैसे कि एसपी साहब, जोहरी और कुछ अन्य लोग, उनसे पाकिस्तानी जांच दल की मुलाक़ात कराई गई थी.

लेकिन अगर पाकिस्तान ये कहे कि 200 सुरक्षाकर्मी वहां मौजूद थे और वो किसी ऑपरेशन में शामिल थे, इसलिए चश्मदीद गवाह भी थे क्योंकि वो वहां लड़ रहे थे, तो उन सबसे मुलाकात कराना मुनासिब नहीं माना जा सकता.

'पाकिस्तान की पतली गली से निकलने की कोशिश' 6

तो इससे थोड़ा शक उठता है कि क्या ये पतली गली से निकलने की कोशिश है ताकि बाद में बहाना मिल जाए कि आपने इन लोगों से मुलाकात नहीं करने दी, इसलिए जांच अधूरी रह गई और केस गिर गया.

इस तरह के मामले हमने पहले भी देखे हैं. लेकिन इस आपत्तिजनक बात के अलावा बाकी बयान में कोई शक़ वाली बात नज़र नहीं आती.

(बीबीसी संवाददाता संदीप सोनी के साथ बातचीत पर आधारित)

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें . आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

Next Article

Exit mobile version