पनामा के बाद आईसलैंड में बनी नयी सरकार, आसान नहीं राह
रेकजाविक : आईसलैंड में नयी दक्षिणपंथी सरकार ने पदभार संभाल लिया है लेकिन इस सरकार को शुरुआत से ही मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि विपक्ष अविश्वास मत की मांग करने के साथ-साथ जल्दी चुनाव कराने की अपनी मांग पर अड़ा हुआ है. नये प्रधानमंत्री सिगुरदुर इंगी जोहानसन ने कल सिगमंदुर डेविड गुनलॉगसन […]
रेकजाविक : आईसलैंड में नयी दक्षिणपंथी सरकार ने पदभार संभाल लिया है लेकिन इस सरकार को शुरुआत से ही मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि विपक्ष अविश्वास मत की मांग करने के साथ-साथ जल्दी चुनाव कराने की अपनी मांग पर अड़ा हुआ है. नये प्रधानमंत्री सिगुरदुर इंगी जोहानसन ने कल सिगमंदुर डेविड गुनलॉगसन की जगह पदभार संभाला. ‘पनामा पेपर्स’ लीक मामले में गुप्त विदेशी खाता होने की बात सामने आने पर हुए भारी विरोध प्रदर्शनों के बाद गुनलॉगसन को मंगलवार को इस्तीफा देना पडा था.
पूर्व में पशुचिकित्सक रह चुके जोहानसन (53) पहले ही यह घोषणा कर चुके हैं कि नये विधायी चुनाव ‘शरद’ में होंगे, जो अप्रैल 2017 के निर्धारित मतदान से लगभग छह माह पूर्व आएगा. लेकिन प्रदर्शनकारियों ने संसद के बाहर लगातार तीन दिन तक विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने इमारत पर अंडे और दही फेंककर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने जोहानसंन की मध्य-दक्षिणपंथी प्रोग्रेसिव पार्टी और उसके कनिष्ठ सहयोगियों, द इंडिपेंडेस पार्टी के गठबंधन को हटाने की मांग की है. इसके साथ ही उनकी मांग जल्द चुनाव करवाने की है.
जोहानसन को रेकजाविक में राष्ट्रपति आवास पर शपथ दिलाई गई. उन्हें राष्ट्रपति ओलाफर रागनार ग्रिमसन ने शपथ दिलाई. जोहानसन के पदभार संभालने के कुछ ही समय बाद बाहर मौजूद प्रदर्शनकारी चिल्लाने लगे, ‘धोखेबाजों को बाहर निकालो.’ गुनलॉगसन ने जब अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा तो उनकी मुलाकात कुछ गुस्साए प्रदर्शनकारियों से हुई. इन्होंने गुनलॉगसन को लाल कार्ड दिखाए और नारे लगाते हुए कहा, ‘तत्काल चुनाव हों, हम मत डालना चाहते हैं.’