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तृणमूल से लो संन्यास अन्यथा सपरिवार हत्या

आसनसोल: राज्य के कृषि मंत्री मलय घटक को कथित माओवादियों की ओर से मंत्री पद से इस्तीफा देने, तृणमूल कांग्रेस की राजनीति से तौबा करने की धमकी भरा पत्र मिला है. आदेश का पालन न करने पर उनके साथ ही उनके परिवार के सफाया की भी धमकी दी गयी है. इसकी जा नकारी पुलिस आयुक्त […]

आसनसोल: राज्य के कृषि मंत्री मलय घटक को कथित माओवादियों की ओर से मंत्री पद से इस्तीफा देने, तृणमूल कांग्रेस की राजनीति से तौबा करने की धमकी भरा पत्र मिला है. आदेश का पालन न करने पर उनके साथ ही उनके परिवार के सफाया की भी धमकी दी गयी है. इसकी जा नकारी पुलिस आयुक्त अजय नंद को दी गयी है. पुलिस ने न सिर्फ श्री घटक की सुरक्षा बढ़ा दी है, बल्कि उनके हर दौरे को स्थानीय पुलिस से जोड़ दिया है. पत्र भेजनेवाले की भी जांच शुरू कर दी गयी है. खडगपुर से भेजे गये इस पत्र में माओवादी नेता किशनजी की हत्या के प्रतिवाद की बात कही गयी है.

जानकारी के अनुसार राज्य मुख्यालय से हर शनिवार को लौटने के बाद मंत्री श्री घटक सप्ताह भर में आये अपने डाक देखते हैं. बीते शनिवार की रात को भी लिफाफा खोल पत्र देख रहे थे. इस क्रम में उन्हें खड़गपुर से भेजा गया रजिस्ट्री पत्र उन्हें मिला. उनके आवासीय कार्यालय में उसे दो दिन पहले स्वीकार्य किया गया था. पत्र कोलने के बाद उसमें से कथित माओवादियों की ओर से भेजा धमकी भरा पत्र मिला. इसमें सत्ता में पहुंचने के लिए किशनजी का इस्तेमाल करने व सत्ता में आने के बाद उनकी हत्या करने का आरोप मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर लगाया गया है.

किशनजी की हत्या का बदला लेने की बात कही गयी है. लिफाफे पर पत्र भेजने वाले का नाम व पता एन रामाराव, बोगडा स्टेशन रोड, खड़गपुर, पिन- 721101 लिखा था. इंडियन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी, वर्दवान के पैड पर पत्र लिखा गया है. पत्र लिखने वाले ने स्वयं को राहुल दा बताया है और उसने पत्र के आखिर में अभिनंदन लाल सलाम लिख कर किया है. 13 मई, 2013 को लिखे पत्र का रेफरेंस नंबर 302/ए है. पत्र लेखन लाल रंग की स्याही से हिंदी भाषा में किया गया है.

मंत्री श्री घटक ने तत्काल पुलिस आयुक्त श्री नंद को इसकी जानकारी दी. राजनीतिक हलकों में सनसनी फैलने लगी. सूचना पाकर सहायक पुलिस आयुक्त (मध्य) अजय प्रसाद, सर्किल इंस्पेक्टर आलोक दास, आसनसोल दक्षिण फांड़ी प्रभारी सोमेन बनर्जी आदि श्री घटक के आवास पर पहुंचे और पत्र को अपने कब्जे में लिया.

एडीसीपी (सेंट्रल) सुरेश कुमार का कहना है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. यह पत्र खड़गपुर से आया है. वहां के डाक घर में पूछताछ की जा रही है. पहले से ही मंत्री की सुरक्षा क ड़ी है. पहले उनके कार्यक्रमों में सुरक्षा की जिम्मेवारी में स्थानीय पुलिस तैनात नहीं रहती थी, लेकिन अब से उनके हर दौरे की जानकारी स्थानीय पुलिस को पहले दी जायेगी तथा उनकी सुरक्षा में स्थानीय पुलिस भी तैनात रहेगी. उन्होंने कहा कि जांच की प्रगति सुरक्षा कारणों से अधिक नहीं दी जा सकती है.

पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) शिश राम झाझड़िया रविवार को मंत्री के आवास पर उनसेमिलने पहुंचे. पार्टी सूत्रों के मुताबिक मंत्री श्री घटक ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोई विशेष इंतजाम की मांग नहीं की है. पत्र मिलने के बावजूद वे आम दिनों की तरह कार्यक्रम में हिस्सा लेते दिखे. उनकी सुरक्षा सामान्य दिनों की तरह थी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक उनके आवास के पास सीसीटीवी कैमरा लगाये जाने पर विचार किया जायेगा. इधर शिक्षाविद् प्रोफेसर डॉ कालीदास दे का कहना है कि राज्य में पंचायत चुनाव के पहले मंत्री श्री घटक के चुनावी दौरों को बाधित करने के उद्देश्य से यह पत्र भेजा गया है. उनका कहना है कि यह कांग्रेस, माकपा व माओवादियों की सोची- समझी चाल है. ताकि पंचायत चुनाव से उनका ध्यान भटकाया जा सके. उन्होंने मंत्री के ‘जेड’ श्रेणी की सिक्युरिटी की मांग की है.

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