भारत के ज़्यादातर हिस्सों में चलने वाली गर्म हवा की वजह से इस बार कई साल से ज़्यादा गर्मी पड़ने वाली है.
मौसम विज्ञानी पीटर गिब्स इन हालात पर नज़र डाल रहे हैं.
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में गर्मी की वजह से कई दर्जन लोगों के मरने की ख़बर आ चुकी है और ओडिशा के भुवनेश्वर में सोमवार को अप्रैल महीने का रिकॉर्ड तापमान 45.8 सेल्सियस दर्ज किया गया है.
भारत में मॉनसून की संभावना हमेशा ज़्यादा गर्मी पड़ने वाले हफ़्तों के हिसाब से बताई जाती है, लेकिन इस साल समय से पहले जानलेवा गर्मी पड़नी शुरू हो गई है और यह आमतौर पर पड़ने वाली गर्मी से ज़्यादा व्यापक क्षेत्र में पड़ रही है.
उत्तरी भारत के ज़्यादातर इलाक़ों में कई दिन से लगातार 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर के तापमान के साथ गर्म हवाएं चल रही हैं.
पश्चिम से आने वाली लगातार हवाओं की वजह से भुवनेश्वर और कोलकाता जैसी जगहों पर भी गर्म हवाएं चल रही हैं. आमतौर पर यहां बंगाल की खाड़ी से आने वाली समुद्री हवाओं की वजह से तापमान कम रहता है.
प्रशांत महासागर में पैदा हुए अल नीनो प्रभाव के कारण 2015 में मॉनसून ख़राब रहा था और देश के कई हिस्सों में सूखा पड़ गया था.
2015 में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में औसत बारिश के आधे से थोड़ी ही ज़्यादा बारिश हुई और इस वजह से सूखी पड़ी धरती ने गर्मी को और बढ़ा दिया है.
इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि गर्म हवाएं पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आ चुकी हैं जबकि अभी मौसम का सबसे गर्म महीना आना बाक़ी है.
गर्मी से निजात मॉनसून के आने पर ही मिलेगी, जो आमतौर पर जून के मध्य में आता है.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)