बंगलादेश में हिंदू चीफ जस्टिस सुरेंद्र सिन्हा को हटाने की मांग

ढाका: बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को हटाने और बंगाली नववर्ष के जश्न को ‘हराम’ बताकर इसके लिए फंड में कटौती करने की मांग करने के कारण बांग्लादेश के एक इस्लामी समूह ने विवाद खडा कर दिया है.सत्तारुढ आवामी लीग से संबद्ध होने का दावा करने वाली उलेमा लीग ने बंगाली नववर्ष पहला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2016 5:36 PM

ढाका: बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को हटाने और बंगाली नववर्ष के जश्न को ‘हराम’ बताकर इसके लिए फंड में कटौती करने की मांग करने के कारण बांग्लादेश के एक इस्लामी समूह ने विवाद खडा कर दिया है.सत्तारुढ आवामी लीग से संबद्ध होने का दावा करने वाली उलेमा लीग ने बंगाली नववर्ष पहला बैशाख के जश्न समारोहों के लिए सरकारी फंड के विरोध में एक मानवीय श्रृंखला (चेन) बनाकर प्रदर्शन किया और जीफ जस्टिस सुरेंद्र कुमार सिन्हा को हटाए जाने की मांग की, जो एक हिंदू हैं.

समूह ने सरकार से पहला बैशाख के अवसर पर आयोजित समारोहों के लिए सरकारी आर्थिक सहायता की राशि कम करने और इस धन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी जैसे इस्लामी उत्सवों में लगाने की मांग की.कई धर्मनिरपेक्ष समूहों और सामाजिक मंचों ने उलेमा लीग की आलोचना की है और उसके साथ संबंधों को लेकर आवामी लीग से स्पष्टीकरण मांगा है क्योंकि सत्तारुढ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को पूर्व में उनके कार्यक्रमों में भाग लेते देखा गया है.
समाचार पत्र ‘डेली स्टार’ ने अपने मुख्य पृष्ठ पर लिखा, ‘‘ तो क्या हमारी सरकार ‘हराम’ संस्कृति को अपना रही है क्योंकि यह सार्वजनिक अवकाश है? क्या 16 करोड बांग्लादेशी एक हराम उत्सव मना रहे हैं?… उलेमा लीग वर्षों से जो कर रही है, वह अपराध है.”‘डेली स्टार’ ने लिखा, ‘‘ वह :उलेमा लीग) हिंदुओं या अल्पसंख्यक समुदाय के किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकता है क्योंकि उसने कल ही कहा था कि ‘‘जिस देश में 98 प्रतिशत लोग मुसलमान हैं, उसमें एक हिंदू चीफ जस्टिस धार्मिक मुस्लिमों की भावनाओं को आहत कर रहा है.” हालांकि आवामी लीग ने इस समूह से किसी भी प्रकार के संबंधों से इनकार किया है.
आवामी लीग के प्रवक्ता एवं संयुक्त महासचिव महबूब उल आलम हनीफ ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘मैं आपको बता रहा हूं कि आवामी लीग का उलेमा लीग नाम का कोई सहयोगी नहीं है… हमारे सहयोगी या हमसे संबद्ध 11 संगठन हैं और आप तथाकथित उलेमा लीग को उस सूची में नहीं पाएंगे।” उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आवामी लीग बैनर का इस्तेमाल करके विवादास्पद गतिविधियां करने के कारण समूह के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने को कहा गया है.
हनीफ ने मीडिया की इस रिपोर्ट का भी खंडन किया कि उलेमा लीग को आवामी लीग के केंद्रीय कार्यालय के भीतर एक कक्ष का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है. उन्होंने कहा, ‘‘ उन्होंने पूर्व में हमारे कार्यालय में एक बैनर टांगा था लेकिन हमें यह पता लगा, इसे तुरंत हटा दिया गया.

Next Article

Exit mobile version