हक लेकर रहेंगी गांव की महिलाएं
अपने हक और अधिकारों से पूरी तरह वाकिफ और मुखर महिलाएं, जो समाज को आगे ले जाने के लिए पूरी तन्मयता के साथ काम कर रही हैं. उनका यह प्रयास है कि महिलाओं से उनका हक कोई न छीने और विकास के पायदान पर खडे सबसे अंतिम व्यक्ति तक विकास की लौ पहुंचे. झारखंड के […]
अपने हक और अधिकारों से पूरी तरह वाकिफ और मुखर महिलाएं, जो समाज को आगे ले जाने के लिए पूरी तन्मयता के साथ काम कर रही हैं. उनका यह प्रयास है कि महिलाओं से उनका हक कोई न छीने और विकास के पायदान पर खडे सबसे अंतिम व्यक्ति तक विकास की लौ पहुंचे.
झारखंड के लिए यह बात सुखद इसलिए है कि न सिर्फ शहरी इलाकों में बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी महिला सशक्तीकरण की यह छवि दृष्टिगोचर हो रही है. वर्ष 2010 में प्रदेश में पंचायत चुनाव होने के बाद महिलाएं पंचायत स्तर पर मजबूत हुईं है. जब हमने प्रदेश के कुछ गांवों का दौरा किया, तो यह बात सामने आयी कि महिलाएं राजनीतिक रूप से भी मजबूत हुईं हैं. यूं तो पंचायतों में शिक्षित और अशिक्षित महिलाएं भी चुनकर आयीं है, लेकिन विशेष बात यह है कि वे सभी अपने हक और अधिकारों को लेकर जागरुक हैं.