तत्काल टिकट बुकिंग सेवा बनी क्लर्क और एजेंट की जेब भरने का जरिया
यात्रियों की सुविधा के लिए शुरू की गयी तत्काल टिकट बुकिंग सेवा क्लर्क और एजेंट की जेब भरने का जरिया बन गयी है. रेलवे टिकट काउंटरों पर घंटों लाइन में लगे दूसरे व्यक्ति को भी तत्काल का टिकट नहीं मिलता. बुकिंग क्लर्क को दी गयी प्री फीडिंग का इस्तेमाल टिकटों की कालाबाजारी के लिए किया […]
यात्रियों की सुविधा के लिए शुरू की गयी तत्काल टिकट बुकिंग सेवा क्लर्क और एजेंट की जेब भरने का जरिया बन गयी है. रेलवे टिकट काउंटरों पर घंटों लाइन में लगे दूसरे व्यक्ति को भी तत्काल का टिकट नहीं मिलता. बुकिंग क्लर्क को दी गयी प्री फीडिंग का इस्तेमाल टिकटों की कालाबाजारी के लिए किया जा रहा है. टिकट फॉर्म पर बुकिंग क्लर्क द्वारा जानकारी भरने में लगनेवाले समय के दौरान ही तत्काल का टिकट खत्म हो जाता है. बावजूद इसके टिकट एजेंट एडवांस में ही तत्काल का कंफर्म टिकट मिलने की गारंटी ले लेते हैं. बदले में वह मुंह-मांगी कीमत भी वसूलते हैं. तत्काल टिकटों की कालाबाजारी पर प्रस्तुत है प्रभात खबर संवाददाता की खोजपरक रिपोर्ट :
रांची: तत्काल टिकट पर पूरी तरह से बुकिंग क्लर्क का कब्जा है. रेलवे ने कालाबाजारी खत्म करने के लिए तत्काल टिकट केवल काउंटरों से बेचने का प्रावधान किया है. इस प्रावधान से बुकिंग क्लर्क की लॉटरी लग गयी है. बुकिंग क्लर्क मनचाही कीमत पर तत्काल के टिकट एजेंट को बेच रहे हैं. तत्काल के टिकटों के एवज में बुकिंग क्लर्क मुंह-मांगी कीमत वसूल रहे हैं. तत्काल के एक टिकट पर बुकिंग क्लर्क ने 200 से लेकर एक हजार रुपये तक कमीशन फिक्स कर रखा है. एजेंट के माध्यम से तत्काल का टिकट लेने पर 500 से 1500 रुपये प्रति टिकट ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है. पर्व-त्योहार और अन्य विशेष मौकों पर कमीशन का रेट और बढ़ जाता है.
प्री फीडिंग बुकिंग क्लर्क का ब्रह्नास्त्र
यात्रियों की सुविधा के लिए बुकिंग क्लर्क को रेलवे ने प्री फीडिंग की सुविधा दी है. बुकिंग क्लर्क को टिकट देने के लिए कंप्यूटर पर यात्री की विस्तृत जानकारी फीड करनी पड़ती है. उसके बाद ही टिकट दिया जाता है. बुकिंग क्लर्क को आठ टिकटों पर समय से पहले यात्रियों की जानकारी फीड करने की सुविधा प्राप्त है. बुकिंग क्लर्क इसका पूरा-पूरा उपयोग कालाबाजारी में करते हैं. प्री फीडिंग ज्यादा फायदा पहुंचानेवाले एजेंट के लिए ही की जाती है. एजेंट संख्या ज्यादा होने पर उन्हें रोटेशन के आधार पर सुविधा प्रदान की जाती है.
मिनटों में खत्म हो जाते हैं टिकट
काउंटरों पर तत्काल के टिकट मिनटों में खत्म हो जाते हैं. काउंटर पर लगी कतार में दूसरे और तीसरे नंबर पर खड़े व्यक्ति को भी टिकट नहीं मिलता है. एजेंट के कर्मचारी तत्काल टिकट लेने के लिए काउंटर पर हमेशा पहले नंबर पर ही खड़े होते हैं. इसके लिए वे देर रात ही पहुंच जाते हैं. एजेंट द्वारा बुकिंग क्लर्क को पहले से ही यात्रियों की विस्तृत जानकारी सौंप दी जाती है. बुकिंग क्लर्क प्री फीडिंग कर तैयार रहते हैं. तत्काल का समय शुरू होते ही वे कंप्यूटर पर इंटर दबा देते हैं. कतार में दूसरे नंबर पर खड़े व्यक्ति की जानकारी फीड करने में जितना समय बुकिंग क्लर्क लेते हैं, उतने समय में तत्काल के सारे टिकट खत्म हो जाते हैं.
रांची से खुलनेवाली प्रमुख ट्रेनें और उनमें तत्काल का कोटा
राजधानी एक्सप्रेस सेकेंड एसी-30, थर्ड एसी 112, स्लीपर नहीं
राजधानी एक्सप्रेस वाया डालटनगंज सेकेंड एसी-32, थर्ड एसी 72, स्लीपर नहीं
एलटीटीइ एक्सप्रेस सेकेंड एसी 07, थर्ड एसी 42, स्लीपर 130
यशवंतपुर एक्सप्रेस सेकेंड एसी 08, थर्ड एसी 46, स्लीपर 100
हटिया-पुणो एक्सप्रेस सेकेंड एसी 04, थर्ड एसी 12, स्लीपर 58
रांची-दिल्ली गरीब रथ सेकेंड एसी 04, थर्ड एसी 12, स्लीपर नहीं
एल्लेपी एक्सप्रेस सेकेंड एसी 10, थर्ड एसी 16, स्लीपर 173
हैदराबाद एक्सप्रेस सेकेंड एसी 10, थर्ड एसी 32, स्लीपर 216
राजधानी व यशवंतपुर ट्रेन के लिए सबसे ज्यादा कालाबाजारी
रेलवे के तत्काल टिकटों की सबसे ज्यादा कालाबाजारी राजधानी और यशवंतपुर ट्रेन की होती है. चूंकि इन दोनों ट्रेनों के रूट के यात्रियों की संख्या अधिक होती है. इसलिए एजेंट को यात्रियों से मुंह-मांगा दाम मिलता है. बुकिंग क्लर्क की भी पौ-बारह रहती है. धनबाद-अल्लपुंजा एक्सप्रेस, हैदराबाद एक्सप्रेस, हटिया-मुंबई एलटीटीइ, हटिया-पुणो एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों में भी तत्काल के टिकटों की कालाबाजारी खूब और खुल कर होती है. वहीं, पटना, हावड़ा, आनंद विहार, गरीब रथ जैसी कई ट्रेनों के टिकटों की मांग कम है. इस वजह से इन ट्रेनों में तत्काल के टिकट कभी-कभी आम लोगों को भी सुलभ हो जाते हैं.