ढाका : बांग्लादेश पुलिस ने समलैंगिकों के अधिकारों के लिए काम करने वाले दो कार्यकर्ताओं की जघन्य हत्या के सिलसिले में कॉलेज के एक छात्र को गिरफ्तार किया है और कुछ ‘महत्वपूर्ण सबूत’ हाथ लगने का दावा किया है. हथियारबंद हमलावरों द्वारा यूएसएआईडी के कर्मी जुल्हाश मन्नान और उनके मित्र महबूब तनय की धारदार हथियार से हत्या किये जाने के एक दिन बाद पुलिस के एक प्रवक्ता ने आज बताया, ‘‘हमने पूछताछ के लिए कल रात कॉलेज के एक छात्र को हिरासत में लिया.
हमलावरों द्वारा इस्तेमाल बैग बरामद
वरिष्ठ सहायक पुलिस आयुक्त शिबली नोमान ने बताया कि पुलिस ने हमलावरों द्वारा इस्तेमाल किया गया बैग बरामद किया है जो मामले की जांच में ‘महत्वपूर्ण साक्ष्य’ प्रतीत होता है. नोमान ने बताया कि पुलिस एएसआई मुमताज अहमद ने हत्यारों का पीछा किया और वह उनसे एक बैग छीनने में सफल रहे हालांकि हमलावर घटनास्थल से भाग गये। इस दौरान हुई हाथापाई में अहमद घायल हो गये.
घटना को इस्लामवादियों ने दिया अंजाम
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें बैग में एक मोबाइल फोन के समेत कई चीजें मिली हैं. हालांकि, कानून प्रवर्तन एजेंसी के किसी भी अधिकारी ने विस्तृतविवरण नहीं दिया. पूर्व विदेश मंत्री दिपू मोनी के रिश्ते के भाई मन्नान बांग्लादेश में समलैंगिक अधिकारों की वकालत करने वाली पहली पत्रिका ‘रुपबान’ के भी संपादक थे. ढाका पुलिस के संयुक्त आयुक्त कृष्णपद राय ने पूर्व में ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि दोनों कार्यकर्ताओं की हत्या करने के तरीके से लगता है कि इस घटना को संदिग्ध इस्लामवादियों ने अंजाम दिया है.
अमेरिकी दूतावास ने किया हस्तक्षेप
ढाका के अमेरिकी दूतावास में काम कर चुके मन्नान की हत्या को लेकर अमेरिकी राजदूत मर्सिया बर्नीकैट ने ‘कड़े शब्दों’ में बांग्लादेश से हत्यारों के गिरफ्तार करने को कहा है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हत्यारों को पकड़ने और उन्हें न्याय के कटघडे में लाने के लिए त्वरित कार्रवाई करने का आदेश दिया. उन्होंने सबीएनपी और इसके सहयोगी कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी पर हत्या को लेकर साजिश रचने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘हर कोई जानता है कि इस तरह की हत्याओं के पीछे किसका हाथ है, बीएनपी-जमात गठजोड़ देश को अस्थिर करने के लिए इस तरह की गुप्त एवं जघन्य हत्याओं में संलग्न हैं.
चार साल में कई बुद्धिजीवियों की हत्या
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि टी-शर्ट और जींस पहने युवाओं के एक समूह ने हत्याओं को अंजाम दिया और धारदार हथियारों से एक सुरक्षाकर्मी पर भी हमला किया और उसे घायल कर दिया. उन्होंने बताया कि हमलावर गोलीबारी करते और ‘अल्लाह ओ अकबर’ का नारा लगाते हुये घटनास्थल से फरार हो गये. हाल के महीनों में बांग्लादेश में विशेेषकर अल्पसंख्यकों, ब्लॉगरों, बौद्धिक और विदेशियों पर सुनियोजित तरीके से हमले किये गये हैं. पिछले साल, चार प्रख्यात ब्लॉगरों की हत्या कर दी गयी थी.