वाशिंगटन : अमेरिका के 70 करोड डॉलर की अनुमानित लागत के आठ एफ-16 लडाकू विमान खरीदने के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए पाकिस्तान के पास मई तक का समय है. इससे पहले ओबामा प्रशासन ने पाकिस्तान से कहा कि उसे इन लडाकू विमानों को खरीदने के लिए अपने राष्ट्रीय फंड को पेश करना चाहिए. विदेश मंत्रालय ने कल संवाददाताओं से कहा कि उसने पाकिस्तानी नेतृत्व को यह बता दिया है कि कांग्रेस के अहम सदस्यों ने यह स्पष्ट किया है कि उन्हें पाकिस्तान को इन विमानों की बिक्री के लिए विदेशी सैन्य वित्तपोषण – अमेरिकी करदाताओं के धन – का इस्तेमाल किए जाने पर आपत्ति है इसलिए उन्हें (पाकिस्तान को) ये विमान खरीदने के लिए ‘राष्ट्रीय फंड पेश करने चाहिए.’
सीनेटरों ने कहा कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की है, ऐसे में वे पाकिस्तान को एफ-16 विमान देने के लिए ओबामा प्रशासन को करदाताओं के धन का इस्तेमाल नहीं करने देंगे. एफ-16 की बिक्री संबंधी अधिसूचना कांग्रेस को 11 फरवरी को दी गई थी. सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी की इस नयी गतिविधि पर प्रतिक्रिया के लिए पाकिस्तान को दी गई मई तक की समयसीमा ‘प्रस्ताव वैधता और (लॉकहीड की) उत्पादन प्रक्रिया’ के दृष्टिकोण पर आधारित है.
प्रस्ताव स्वीकार करने में देरी के परिणामस्वरुप एफ-16 विमानों की कीमत बढेगी. एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने अपना नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया कि जैसा कि अमेरिका ने अब कहा है, उस पूरी कीमत पर पाकिस्तान की ओर से एफ-16 विमान खरीदे जाने की संभावना नहीं है.
अधिकारियों ने बताया कि आठ एफ-16 विमानों का अमेरिकी प्रस्ताव भले ही कागजों पर बना रह सकता है लेकिन यदि पाकिस्तान इन्हें नहीं खरीदने का फैसला करता है तो इसमें लंबा अल्पविराम लग सकता है और इसकी कीमत बढ सकती है.