हमेशा सोचते रहें, तभी आयेगा आइडिया
सफल होने के लिए हमेशा सोचते रहना चाहिए. पता नहीं कब दिमाग में ऐसा आइडिया आ जाये, जो हमारे साथ-साथ दूसरों को भी फायदा पहुंचाए. अमेरिका की एलिजाबेथ होल्म्स को इसी तरह सोचते रहने की आदत ने सबसे युवा अरबपति महिलाओं की कतार में लाकर खड़ा कर दिया. 19 वर्ष की उम्र में एलिजाबेथ ने […]
सफल होने के लिए हमेशा सोचते रहना चाहिए. पता नहीं कब दिमाग में ऐसा आइडिया आ जाये, जो हमारे साथ-साथ दूसरों को भी फायदा पहुंचाए. अमेरिका की एलिजाबेथ होल्म्स को इसी तरह सोचते रहने की आदत ने सबसे युवा अरबपति महिलाओं की कतार में लाकर खड़ा कर दिया. 19 वर्ष की उम्र में एलिजाबेथ ने कॉलेज जाना छोड़ दिया. इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने का मन बनाया. अमेरिका में स्वास्थ्य पर होने वाले खर्चे एलिजाबेथ को परेशान करते थे.
उनका मानना था कि मध्यमवर्गीय परिवार के लिए इलाज का खर्च उठाना मुश्किल है. उन्होंने खून की जांच को सस्ता करने की ठानी. इसके लिए एलिजाबेथ ने एक ऐसी तकनीक अपनायी जो न सिर्फ कम खर्च वाली थी, बल्कि उससे खून निकालने में दर्द भी कम होगा. इसके लिए उन्होंने थेरोन नाम की एक कंपनी बनायी. कंपनी बनाने के लिए एलिजाबेथ ने अपने कॉलेज के दिनों में बचाये गये पैसे का इस्तेमाल किया.
आज कंपनी की कुल कीमत करीब नौ बिलियन डॉलर है. इसमें एलिजाबेथ आधे की हिस्सेदार हैं. इस कंपनी ने कम उम्र में अरबपति बननेवाली महिलाओं की कतार में इन्हें खड़ा कर दिया. एलिजाबेथ की कंपनी अमेरिका की दूसरी कंपनियों की अपेक्षा सस्ते दाम में खून की जांच करती है, वह भी बिना इंजेक्शन के. यह कंपनी दावा करती है कि एक सैंपल की मदद से 30 से ज्यादा टेस्ट करने की तकनीक इसके पास है.
सीख : एलिजाबेथ को यह सफलता सिर्फ सोचते रहने की वजह से मिली, वह भी आउट ऑफ बॉक्स जाकर सोचने से. उन्होंने लोगों की सबसे मूलभूत जरूरत को समझा. फिर एक रणनीति बनाकर उस पर काम करना शुरू किया. शुरुआत में अपने जेब खर्च से बचाये गये पैसे को काम में लगाया. लेकिन, यह सब सोचते रहने का परिणाम है. अगर सोचेंगे नहीं, तो नये-नये आइडिया कैसे आयेंगे.
daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in