हड़ताल पर बैठे जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की तबियत गुरुवार को ख़राब हो गई जिसके बाद उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाया गया है.
भूख हड़ताल के आठवें दिन कन्हैया का बीपी और शुगर लेवल गिर गया और उन्हें विश्वविद्यालय के स्वास्थय केंद्र में ले जाया गया.
वहाँ से उन्हें एम्स के आपात कालीन वार्ड में भर्ती कराया गया.
कन्हैया समेत कई छात्र नौ फ़रवरी के कार्यक्रम के सिलसिले में विश्वविद्यालय प्रशासन के हालिया फ़ैसले से नाराज़ हैं.
इस फ़ैसले के तहत प्रशासन ने उस कार्यक्रम को आयोजित करने और उसमें भाग लेने वाले कुछ छात्रों पर जुर्माना लगाया है और दो को निलंबित किया गया है.
इस कार्यक्रम में कथित तौर देश विरोध नारे लगे थे और कन्हैया और उनके दो अन्य साथियों को देशद्रोह के आरोपों में गिरफ्तार भी किया गया था. हालांकि वो सभी इससे इनकार करते हैं.
फिलहाल वो जमानत पर हैं और जेएनयू प्रशासन के फैसले के ख़िलाफ़ हड़ताल कर रहे हैं.
हड़ताल के आठवें दिन गुरुवार को लगभग दोपहर 12 बजे कन्हैया का बीपी और शुगर लेवल गिर गया.
एक छात्र ने बीबीसी को बताया कि कन्हैया बेहोश हो गए थे, जिसके बाद उन्हें हेल्थ सेंटर ले जाया गया.
बताया जाता है कि कन्हैया के साथ हड़ताल पर बैठे 20 छात्रों में अब तक चार स्वास्थ्य कारणों से हट गए हैं और अब 16 लोग ही हड़ताल पर हैं.
इस बीच, एबीवीपी के जिन छात्रों पर जुर्माना लगाया गया था, वो जुर्माना देने को तैयार हो गए हैं और उन्होंने अपनी हड़ताल वापस ले ली है.
वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदेश कुमार ने बीबीसी से बातचीत में कहा है कि वो छात्रों से बात करने के लिए तैयार हैं क्योंकि हर समस्या को सुलझाने के लिए बातचीत ही अकेला रास्ता है.
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