13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उत्तर कोरिया कांग्रेस ने परमाणु हथियारों में सुधार, विस्तार की नीति मंजूर की

प्योंगयांग : उत्तर कोरिया की सत्तारूढ़ पार्टी की पिछले करीब 40 वर्षों में आयोजित हुई पहली कांग्रेस ने देश की अर्थव्यवस्था के साथ साथ परमाणु हथियारों के विकास संबंधी नेता किम जोंग उन की नीति को औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया. कांग्रेस की शुरुआत शुक्रवार को हुई थी. इस कांग्रेस को 33 वर्षीय किम […]

प्योंगयांग : उत्तर कोरिया की सत्तारूढ़ पार्टी की पिछले करीब 40 वर्षों में आयोजित हुई पहली कांग्रेस ने देश की अर्थव्यवस्था के साथ साथ परमाणु हथियारों के विकास संबंधी नेता किम जोंग उन की नीति को औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया. कांग्रेस की शुरुआत शुक्रवार को हुई थी. इस कांग्रेस को 33 वर्षीय किम के विस्तृत राज्याभिषेक के तौर पर देखा जा रहा है और इसे किम के सर्वोच्च नेता के रुप में अपना दर्जा और सुदृढ करने तथा आर्थिक एवं परमाणु विकास के उनके ‘‘बयुंगजिन” :दो चीजों को साथ में आगे ले कर जाना: सिद्धांत की पुष्टि का अवसर माना जा रहा है.

आत्मरक्षा को मजबूत करने की पहल

उत्तर कोरिया के तकनीकी रूप से शीर्ष निर्णायक निकाय के हजारों डेलीगेट्स ने कल ‘‘गुणवत्ता एवं मात्रा दोनों के आधार पर आत्मरक्षा के लिए परमाणु बल को मजबूत करने” और साथ ही साथ आर्थिक निर्माण को आगे ले जाने के निर्णय को स्वीकार किया. कांग्रेस ने इस नीति को भी स्वीकार किया कि जब तक किसी अन्य परमाणु शक्ति से देश की संप्रभुता को खतरा नहीं होता, तब तक परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और विभाजित कोरियाई प्रायद्वीप को अंतत: एकीकृत करने की दिशा में काम किया जाएगा. उत्तर कोरिया की आधिकारिक संवाद समिति केसीएनए के प्रकाशित दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘लेकिन यदि दक्षिण कोरियाई अधिकारी युद्ध का विकल्प चुनते हैं… हम पुन: एकीकरण विरोधी ताकतों के निर्दयतापूर्ण सफाए के लिए न्यायोचित्त युद्ध करेंगे.

पुराने तर्क को दोहराया

कांग्रेस ने उत्तर कोरिया के पुराने तर्क को दोहराते हुए कहा कि वह अमेरिका की शत्रुता के कारण परमाणु हथियार विकसित करने को मजबूर हुआ है. उसने कहा कि परमाणु हथियार कार्यक्रम तब तक आगे बढता रहेगा ‘‘जब तक साम्राज्यवादियों से परमाणु खतरा बना रहेगा. इससे पहले जब 1980 में कांग्रेस आयोजित हुई थी, उस समय किम का जन्म भी नहीं हुआ था. इस कांग्रेस में उनके पिता किम जोंग इल की ताजपोशी की गई थी. उन्हें संस्थापक नेता किम इल सुंग का उत्तराधिकारी नियुक्त किया गया था. किम जोंग इल के दिसंबर 2011 में निधन के बाद जब किम जोंग उन की ताजपोशी की बारी आयी तो नए युवा नेता ने शीघ्र की अपना शक्ति आधार मजबूत करना शुरू कर दिया और स्वयं को किम परिवार के सत्तारूढ़ वंश के उत्तराधिकारी चुने जाने के योग्य बनाया.

उन्होंने अपने पिता की ‘‘सोनगुन” नीति या पहले सेना की नीति को बदलकर आर्थिक-परमाणु विकास की ‘‘बयुंगजिन” नीति अपनाई.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें