नयी दिल्ली : लंबे समय से चल रहे विवाद के बाद सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्रियों को सार्वजनिक किया. यह भी बताया कि मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए और गुजरात विश्वविद्यालय से एमए की पढ़ाई कर डिग्री हासिल की है. इसके बाद आप नेता आशुतोष ने इन डिग्रियों को फर्जी बताया. यह भी कहा कि बीए व एमए की डिग्रियों में मोदी के नाम में अंतर है. मालूम हो कि आप की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को मात्र 12 वीं पास बताते हुए आगे की डिग्रियों को दिखाने की चुनौती दी गयी थी.
सनसनी फैला रहे केजरीवाल : भाजपा
प्रधानमंत्री मोदी की डिग्रियां जारी करने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मांग की कि वह ‘झूठ’ फैलाने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगें. आरोप लगाया कि आप नेता डिग्रियों के मुद्दे पर झूठ फैला कर सार्वजनिक बहस का स्तर गिरा रहे हैं. सुशासन की जगह सनसनी फैला रहे हैं. इस तरह के आरोप संघीय ढांचे के लिए खतरनाक है, शाह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें प्रधानमंत्री की शैक्षिक योग्यता के बारे में यह संवाददाता सम्मेलन बुलाना पड़ा है. जब आपके पास सबूत नहीं हैं, तो कोई आरोप कैसे लगा सकता है.
नकल के लिए भी चाहिए अक्ल : आप
प्रधानमंत्री की डिग्रियों व अंकपत्रों को सार्वजनिक करने के बावजूद ‘आप’ ने आरोप लगाया कि शाह व जेटली की ओर से पेश ये दस्तावेज फरजी हैं और इनमें ‘सुस्पष्ट विसंगतियां’ हैं. आप नेता आशुतोष ने कहा कि बीए की मार्कशीट में मोदी का नाम एमए की डिग्री में दर्ज नाम से मेल नहीं खाती. कटाक्ष किया कि नकल के लिए भी अक्ल की जरूरत है. बीए की मार्कशीट 1978 की है, जबकि डिग्री 1979 की है. बीए की मार्कशीट में उनका नाम नरेंद्र कुमार दामोदरदास मोदी है, जबकि मास्टर डिग्री में यह नरेंद्र दामोदरदास मोदी है. यह भी कहा कि मोदी बीए की पढ़ाई करते समय एक बार फेल भी हुए थे. शाह, जेटली और मोदी को फरजीबाड़े के लिए माफी मांगनी चाहिए.
दस्तावेज सील करने का आदेश नहीं दिया : कुलपति
प्रधानमंत्री मोदी की डिग्रियों को लेकर जारी विवाद के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा दस्तावेज सील करने के आरोपों के बीच उसके कुलपति योगेश त्यागी ने कहा कि उन्होंने इस तरह का कोई आदेश नहीं दिया है. डिग्रियों की सत्यता के बारे में पूछे जाने पर त्यागी ने कोई टिप्पणी नहीं की.