अस्पताल में ‘एचआईवी वाला ख़ून चढ़ाया गया’
दिलीप कुमार शर्मा गुवाहाटी, बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए असम के कामरूप ज़िले के एक माता-पिता ने आरोप लगाया है कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान उनके बच्चे को एचआईवी संक्रमित ख़ून चढ़ा दिया और अब बच्चा वायरस से पीड़ित हो गया है. कामरूप ज़िले के हाजो से आए बच्चे के पिता […]
असम के कामरूप ज़िले के एक माता-पिता ने आरोप लगाया है कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान उनके बच्चे को एचआईवी संक्रमित ख़ून चढ़ा दिया और अब बच्चा वायरस से पीड़ित हो गया है.
कामरूप ज़िले के हाजो से आए बच्चे के पिता का कहना है कि उन्होंने अपने बेटे को पिछले साल इलाज के लिए जीएमसी में भर्ती करवा था, वहीं आरपेशन के दौरान बच्चे को कई बार ख़ून चढ़ाया गया.
उन्होंने कहा कि बच्चे को चढ़ाया गया ख़ून जीएमसी अस्पताल के ब्लड बैंक से लिया गया था.
अस्पताल अधीक्षक डा. बाबुल कुमार बेजबरुवा ने बच्चे के एचआईवी पाज़िटिव होने की बात स्वीकारी है. और मामले की जांच के लिए एक पांच सदस्यों की समिति बना दी है.
डा. बेजबरुवा का कहना था कि फ़िलहाल ये कहना मुश्किल है कि बच्चे के शरीर में एचआईवी संक्रमण कहां से और कैसे आया है?
उनके मुताबिक़ अस्पताल में भर्ती के दौरान बच्चे का कई ऑपरेशन हुआ था, फिर उसे पिछले साल अक्टूबर में अस्पताल से छुट्टी दी गई थी.
इस साल मार्च में उसे फिर से आपरेशन के लिए भर्ती किया गया, जिसमें जांच के दौरान पाया गया कि उसे एचआईवी है.
जीएमसीएच अधीक्षक ने कहा कि अस्पताल ख़ून चढ़ाने के मामले में बेहद एहतियात बरतता है.
उनका कहना था कि एचआईवी वायरस किसी और ज़रिये से भी शरीर में पहुंच सकता है.
पीड़ित के पिता का दावा है कि उनका और उनकी पत्नी का ख़ून एचआईवी निगेटिव है.
वो कहते हैं कि ऐसे में बच्चे के शरीर में अचानक एचआईवी पाज़िटिव खून कहां से आ सकता है.
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