अमेरिकी चुनाव को हल्के में नहीं लिया जा सकता: व्हाइट हाउस

वाशिंगटन : हाल में सामने आए चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और उनकी कडी प्रतिद्वंद्वी एवं डेमोक्रेटिक पार्टी की हिलेरी क्लिंटन के बीच कडे मुकाबले के संकेत मिलने पर व्हाइट हाउस ने कहा है कि इस चुनाव में इतना कुछ दांव पर है कि इसे हल्के में नहीं लिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2016 10:17 AM

वाशिंगटन : हाल में सामने आए चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और उनकी कडी प्रतिद्वंद्वी एवं डेमोक्रेटिक पार्टी की हिलेरी क्लिंटन के बीच कडे मुकाबले के संकेत मिलने पर व्हाइट हाउस ने कहा है कि इस चुनाव में इतना कुछ दांव पर है कि इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने कल कहा, ‘‘इन चुनावों में इतना कुछ दांव पर है कि इन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता.” हर चार साल में राष्ट्रपति पद का चुनाव होने का अर्थ यह है कि अमेरिकी जनता के पास यह अवसर होता है कि वह यह आंक सके कि कौन देश का नेतृत्व करने वाला है और कौन वास्तव में मुक्त दुनिया का नेतृत्व करने वाला है.

ट्रंप (69) और हिलेरी (68) के बीच कडा मुकाबला दर्शाने वाले कुछ हालिया चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों से जुडे सवाल के जवाब में अर्नेस्ट ने कहा, ‘‘इन चुनावों में बहुत कुछ दांव पर है. राष्ट्रपति (बराक ओबामा) का मानना है कि इसका परिणाम बेहद अहम होगा.” अर्नेस्ट ने कहा कि इस समय नतीजों के बारे में पूर्वानुमान कुछ भी हों, राष्ट्रपति यह तर्क रखते रहेंगे कि उनके बाद आने वाला व्यक्ति पिछले सात या आठ वर्षों में हमारे द्वारा की गई प्रगति को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हो. उन्होंने कहा कि ओबामा के पास इन आगामी चुनावों के महत्व पर बात करने के लिए इस साल बहुत से अवसर पहले से ही थे.

उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में, ये चुनाव इतने अहम हैं कि राष्ट्रपति उम्मीद करते हैं कि गर्मियों में और शरद रितु में वह अपने समय का एक खास हिस्सा चुनाव से जुडी बहसों में लगाएं।” अर्नेस्ट ने कहा, ‘‘और राष्ट्रपति की प्रबल इच्छा है कि उनका स्थान कोई ऐसा व्यक्ति ले, जो हमारे द्वारा पिछले सात या आठ साल में की गई महत्वपूर्ण प्रगति को आगे बढाने के लिए प्रतिबद्ध हो। मुझे लगता है कि राष्ट्रपति इसी रुख के साथ :बहसों में: शामिल होंगे और वह यही तर्क रखना चाहेंगे.”a

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