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ट्रंप ने कहा : मुसलमानों पर पाबंदी संबंधी प्रस्ताव महज नहीं हैं सुझाव

वाशिंगटन : राष्ट्रपति पद के लिए संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका आने वाले मुसलमानों पर अस्थायी पाबंदी का उनका प्रस्ताव महज एक सुझाव नहीं है और यदि वह व्हाइट हाउस के लिए निर्वाचित होते हैं तो वह सीरियाई शरणार्थियों को बिना उपयुक्त जांच-परख के (अमेरिका में) नहीं आने देंगे. ट्रंप […]

वाशिंगटन : राष्ट्रपति पद के लिए संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका आने वाले मुसलमानों पर अस्थायी पाबंदी का उनका प्रस्ताव महज एक सुझाव नहीं है और यदि वह व्हाइट हाउस के लिए निर्वाचित होते हैं तो वह सीरियाई शरणार्थियों को बिना उपयुक्त जांच-परख के (अमेरिका में) नहीं आने देंगे. ट्रंप ने कल रात फॉक्स न्यूज से कहा, ‘नहीं, मैं सीरिया से उपयुक्त जांच-परख के बिना लोगों को आने नहीं दूंगा.’

उनके एक दिन पहले के इस बयान पर उनका प्रस्ताव बस एक सुझाव है, एक सवाल के जवाब में रीयल एस्टेट क्षेत्र के कारोबारी ने कहा ऐसा नहीं है और वह इसे लागू करेंगे क्योंकि सीरियाई शरणार्थी हजारों की संख्या में आ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हम नहीं जानते कि वे कौन हैं और यदि आप प्रवासन पर नजर डालें तो आपको ढेर सारे युवक मिलेंगे. आप महिलाओं की ओर देखें. महिलाएं और बच्चे कहां हैं. तुलनात्मक दृष्टि से ज्यादा नहीं हैं.’

ट्रंप ने कहा, ‘हम सीरिया से लोगों को आने नहीं दे सकते और मैं इसे रोकूंगा और मैं इसे तत्काल रोकूंगा. हमारे देश में हजारों लोग आ रहे हैं. हमें नहीं मालूम कि वे कौन हैं. कोई कागजात नहीं हैं. कोई दस्तावेज नहीं हैं.’ उन्होंने सुझाव दिया कि सीरिया में सुरक्षित क्षेत्र बनाये जाने चाहिएं और वह खाडी देशों से उसके लिए भुगतान करवायेंगे क्योंकि हमारे देश के पास धन नहीं है. ट्रंप के विरोधियों ने उनकी विवादास्पद नीति की आलोचना की है.

मुस्लिम पर रोक के आह्वान के खिलाफ अमेरिकी कांग्रेस में विधेयक पेश

अमेरिका के 70 सांसदों ने कांग्रेस में एक विधेयक पेश किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों पर उनके धर्म के चलते अमेरिका में प्रवेश पर रोक नहीं लगायी जाए. ऐसा इसलिए कि राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप मुस्लिमों पर ‘अस्थायी’ प्रतिबंध के अपने आह्वान पर अडे हुए हैं. धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक पेश करने के कदम के पीछे सांसद डॉन बेयर हैं.

उन्होंने कहा, ‘हम भय और असुरक्षा के भाव को सार्वजनिक नीति को चलाने की इजाजत नहीं दे सकते, विशेष तौर पर तब जब सवाल हमारे देश के मूल्यों को परिभाषित करने का हो.’ बेयर विधेयक के समर्थन में अपने साथ कम से कम 70 सांसदों को लेने में सफल रहे हैं जिसमें अधिकतर डेमोक्रेटिक पार्टी के हैं और कुछ रिपब्लिकन पार्टी के भी हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारे संस्थापकों ने हमारे संविधान के प्रथम संशोधन में सभी के लिए धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी दी. पूरे विश्व के लोग स्वतंत्रता और सहिष्णुता के मानक के तौर पर हमारी ओर देखते हैं.’

विधेयक को कल 100 जातीय एवं अल्पसंख्यक समूहों का समर्थन मिला जिसमें भारतीय मूल के अमेरिकी समुदाय भी शामिल है. कई सांसदों ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि विधेयक ट्रंप के मुस्लिमों को अमेरिका में प्रवेश करने से रोकने के लिए किये गए आह्वान की प्रतिक्रिया में लाया गया है.

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