ड्रोन हमले में तालिबान सुप्रीमो मुल्ला अख्तर मंसूर ढेर, पाक ने की अमेरिका की निंदा

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने अमेरिका पर उसके उस ड्रोन हमले की निंदा की है. अमेरिका के इस हमले को लेकर पाकिस्तान ने निशाना साधाते हुए इस कार्रवाई को ‘अपनी संप्रभुता का उल्लंघन’ बताया. आपको बता दें कि अमेरिका की ओर से पाकिस्तान की धरती पर अफगान तालिबान प्रमुख मुल्ला अख्तर मंसूर को मारने के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2016 8:17 AM

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने अमेरिका पर उसके उस ड्रोन हमले की निंदा की है. अमेरिका के इस हमले को लेकर पाकिस्तान ने निशाना साधाते हुए इस कार्रवाई को ‘अपनी संप्रभुता का उल्लंघन’ बताया. आपको बता दें कि अमेरिका की ओर से पाकिस्तान की धरती पर अफगान तालिबान प्रमुख मुल्ला अख्तर मंसूर को मारने के लिए कार्रवाई की गई. अमेरिका की ओर से पाकिस्तान के काफी भीतर घुसकर किए गए एक दुर्लभ ड्रोन हमले में मंसूर मारा जा चुका है.

इससे पहले अफगानिस्तान ने ऐलान किया कि पाकिस्तान के भीतर घुस कर किए गए अमेरिका के एक दुर्लभ ड्रोन हमले में अफगान तालिबान सुप्रीमो मुल्ला अख्तर मंसूर मारा गया है. मंसूर का मारा जाना आतंकवादियों के लिए तगडा झटका है और इससे युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में नाजुक शांति प्रक्रिया में आढे एक बडा खतरा दूर हो गया है. अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि मंसूर और अन्य आतंकवादी को अमेरिकी विशेष अभियान बलों द्वारा संचालित मानवरहित :ड्रोन: विमानों से उस वक्त निशाना बनाया गया, जब वे दोनों अफगान सीमा के पास स्थित पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में अहमद वाल शहर के पास एक सुदूर इलाके में किसी वाहन में सवार होकर जा रहे थे.

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन हमले को राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंजूरी दी थी. इससे यह जाहिर होता है कि अमेरिका पाकिस्तान में तालिबान नेतृत्च को निशाना बनाने को तैयार है. अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर बार बार आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाया है. अफगान रक्षा मंत्रालय प्रवक्ता दौलत वजीरी ने भी मंसूर की मौत की पुष्टि की है. अफगानिस्तान की मुख्य जासूसी एजेंसी ने बताया कि मंसूर की उम्र 50 साल से कुछ अधिक रही होगी. वह शनिवार को तीन बजकर 45 मिनट के करीब पाकिस्तान के अंदर अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया. राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘कुछ समय से मंसूर की करीब से निगरानी की जा रही थी. इसके बाद बलुचिस्तान में एक वाहन में अन्य लडाकों के साथ जाते समय उसे निशाना बनाया गया.’ काबुल में अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला और रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता दौलत वजीरी ने भी कहा कि मंजूर मारा गया.

राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने संगठन से एक नया नेता चुनने और काबुल आने तथा एक राजनीतिक पार्टी जैसा व्यवहार करने को कहा है. म्यांमा की राजधानी नेपीदाव में संवाददाताओं से बातचीत में अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने कहा, ‘‘मंसूर अमेरिकी जवानों, अफगान नागरिकों और अफगान सुरक्षा बलों के लिए एक आसन्न खतरा था.’ पेंटागन ने पहले इस बात की पुष्टि कर दी थी कि उसने राष्ट्रपति बराक ओबामा की मंजूरी वाले अभियान में मंसूर को निशाना बनाया.

पेंटागन के प्रेस सचिव पीटर कुक ने कहा, ‘‘मंसूर तालिबान का नेता रहा था और वह अफगानिस्तान और काबुल के प्रतिष्ठानों पर हमलों के नियोजन में संलिप्त था. वह अफगान नागरिकों एवं सुरक्षा बलों, हमारे कर्मियों तथा गठबंधन सहयोगियों के लिए खतरा पैदा कर रहा था.’ मंसूर ने जुलाई 2015 में नेतृत्व संभाल लिया था. उसने तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर की जगह ली थी. व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने हमले के कुछ ही समय बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों को ही इसकी सूचना दे दी. अमेरिका के कई शीर्ष सांसदों ने मंसूर को मार गिराए जाने के अभियान की प्रशंसा की.

सीनेटर एवं शक्तिशाली सीनेट आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के अध्यक्ष जॉन मैक्केन ने कहा, ‘‘मैं इस खबर का स्वागत करता हूं कि मुल्ला मंसूर को मार गिराया गया. इस अभियान को अंजाम देने वाले अमेरिकी सैन्य बलों की क्षमता एवं उनके पेशेवर अंदाज को मैं सलाम करता हूं. इस कार्रवाई ने अमेरिका एवं अफगानिस्तान को सुरक्षित बनाया है.’ सीनेटर एवं सीनेट फॉरेन रिलेशंस कमेटी के अध्यक्ष बॉब कॉर्कर ने कहा, ‘‘अगर तालिबान नेता मुल्ला अख्तर मंसूर की मौत की खबर में सच्चाई है तो यह आतंकवाद के खिलाफ लडाई में एक अहम जीत और अफगानिस्तान में हमारे सैन्यकर्मियों के लिए एक स्वागत योग्य खबर होगी।’ अफगानिस्तान में जन्मा मंसूर 1990 के दशक में समूह के शुरुआत से ही तालिबान का सदस्य था और वह 2013 से प्रभावी रुप से इसकी कमान संभाल रहा था. विश्लेषकों ने कहा कि मंसूर की मौत तालिबान के लिए एक बडा झटका होगी. उसकी मौत से जो शून्य पैदा होगा, वह एक बार फिर नेतृत्व को संघर्ष के लिए मजबूर कर देगा.

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