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ब्रिटेन ने मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को दी राजनीतिक शरण

लंदन : ब्रिटेन ने मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को राजनीतिक शरणार्थी का दर्जा दे दिया है. यह दावा नशीद के वकील ने किया है. नशीद के चार साल तक राष्ट्रपति रहने के बाद उनका तख्तापलट कर दिया गया था. मानवाधिकारों के एक प्रसिद्ध अभियानकर्ता और मालदीव के पहले लोकतांत्रिक तौर पर निर्वाचित राष्ट्रपति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2016 9:45 AM

लंदन : ब्रिटेन ने मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को राजनीतिक शरणार्थी का दर्जा दे दिया है. यह दावा नशीद के वकील ने किया है. नशीद के चार साल तक राष्ट्रपति रहने के बाद उनका तख्तापलट कर दिया गया था. मानवाधिकारों के एक प्रसिद्ध अभियानकर्ता और मालदीव के पहले लोकतांत्रिक तौर पर निर्वाचित राष्ट्रपति नशीद (49) को श्रीलंका, भारत और ब्रिटेन की मध्यस्थता वाले एक समझौते के बाद जनवरी में रीढ से जुडी सर्जरी करवाने के लिए ब्रिटेन जाने की अनुमति दे दी गयी थी. नशीद के वकील हसन लतीफ ने कल दावा किया कि नशीद को राजनीतिक शरणार्थी का दर्जा दे दिया गया है.

हालांकि ब्रितानी सरकार की ओर से इस बात की पुष्टि की जानी अभी बाकी है. नशीद ने निर्वासन की पुष्टि करते हुए एक बयान में कहा, ‘पिछले साल, प्रेस की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति और एकत्र होने की स्वतंत्रता. सबकुछ नष्ट हो गया. मालदीव को तानाशाही की ओर जाता देखकर मुझे और कई विपक्षी नेताओं को यह महसूस हुआ है कि हमारे पास फिलहाल निर्वासन में रहकर काम करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है.’

मालदीव की सरकार ने कल कहा कि वह इस बात से निराश है कि ब्रिटेन की सरकार इसमें शामिल होने के लिए तैयार हो गयी है. मालदीव की सरकार ने यह भी कहा कि ब्रितानी मंत्री कानून को नाकाम बनाने के प्रयासों में मदद कर रहे हैं. नशीद वर्ष 2008 में मालदीव के पहले लोकतांत्रिक तौर पर निर्वाचित राष्ट्रपति बने थे. इसके साथ ही पूर्व दबंग मौमून अब्दुल गायूम का तीन दशक का शासन खत्म हो गया था.

नशीद ने चार साल तक राष्ट्रपति के रूप में काम किया और उसके बाद सेना एवं पुलिस के कथित समर्थन से उनका तख्ता पलट कर दिया गया था. नशीद को उपचार के बाद मालदीव लौट आना था लेकिन वह लंदन में ही रहे. उनकी पत्नी और बेटियां तब से ही लंदन में रह रही हैं, जब से नशीद को जेल भेजा गया था. नशीद को आतंकवाद के आरोपों में 13 साल के लिए जेल भेजा गया था.

उन्होंने एक मुकदमे से जुडे जज की गिरफ्तारी के आदेश कथित तौर पर अवैध रूप से जारी कर दिए थे, जिससे मालदीव की अस्थिरता सामने आ गयी थी. अमेरिका और विदेशी सरकारों समेत विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने नशीद को जेल भेजे जाने की व्यापक तौर पर निंदा की थी. वैश्विक मंच की एक प्रसिद्ध हस्ती माने जाने वाले नशीद के मामले को अंतरराष्ट्रीय विधि दल की मदद से लडा गया था, जिसमें ब्रितानी मानवाधिकार अधिवक्ता और अमेरिकी अभिनेता जॉर्ज क्लूनी की पत्नी एमल क्लूनी शामिल थीं.

ब्रिटेन में इलाज के लिए पहुंचने पर नशीद का भव्य स्वागत किया गया था और खुद प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने उनकी अगवानी की थी. वर्ष 2011 में कैमरन ने नशीद को अपना ‘सबसे अच्छा मित्र’ बताया था और उनके लंदन पहुंचने पर कैमरन ने इस पूर्व राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और एमल की डाउनिंग स्टरीट पर मेजबानी की थी. मालदीव ने पिछले माह नशीद से मांग की थी कि वह ब्रिटेन में चल रहीं अपनी चिकित्सीय छुट्टियों से लौटकर आएं. इसके बाद मालदीव ने नशीद की पेंशन और स्वास्थ्य बीमा को रद्द कर दिया था.

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