वाशिंगटन : भारतीय मूल के अमेरिकी छात्र 12 वर्षीय रिषि नायर ने 50,000 डॉलर की प्रतिष्ठित नेशनल जियाग्राफिक बी प्रतियोगिता जीत ली है. इसके साथ ही इस प्रतियोगिता में शीर्ष तीन स्थानों पर भारतीय मूल के प्रतिस्पर्धियों का वर्चस्व बरकरार रहा है. फ्लोरिडा के रहने वाले ऋषि नायर ने 28वीं वार्षिक नेशनल जियोग्राफिक बी प्रतियोगिता में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है. यह प्रतियोगिता यहां नेशनल जियोग्राफिक मुख्यालय में हुई. नेशनल जियोग्राफिक बी चैंपियन के तौर पर रिषि को 50 हजार डॉलर की कॉलेज स्कॉलरशिप और नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी की आजीवन सदस्यता मिली है.
यह लगातार पांचवा साल है, जब भारतीय मूल के किसी अमेरिकी ने यह प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रतियोगिता जीती है. साथ ही भारतीय मूल के अमेरिकी छात्रों ने नेशनल जियोग्राफिक बी प्रतियोगिता के फाइनल चरण में शुरुआती तीन स्थान जीतकर इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में एक बार फिर भारतीय मूल के छात्रों का दबदबा कायम कर दिया है. आठवीं कक्षा में पढने वाले मेसाचुसेट्स निवासी 14 वर्षीय साकेत जोन्नालगादा दूसरे स्थान पर रहे और उन्हें पुरस्कार स्वरुप 25 हजार डॉलर की कॉलेज छात्रवृत्ति मिली है.
तीसरे स्थान पर अलबामा के 12 वर्षीय कपिल नाथन रहे. उन्हें 10 हजार डॉलर की कॉलेज छात्रवृत्ति मिली है. जिस अंतिम सवाल के जवाब ने रिषि को जीत दिलाई, वह सवाल था- ‘प्रशांत महासागर में किस द्वीपसमूह पर एस्ला वूल्फ के आसपास शार्क मछलियों और अन्य वन्यजीवन की सुरक्षा एक नए समुद्री अभयारण्य में की जाएगी?’ उत्तर था- ‘गेलेपेगोस द्वीपसमूह’. ऋषि इस प्रतियोगिता को जीतने वाला फ्लोरिडा का दूसरा छात्र है.
वर्ष 2010 में पाम हार्बर का आदिथ मूर्ति इस प्रतियोगिता में विजेता रहा था. ऋषि के अभिभावक केरल के रहने वाले हैं. उसके और साकेत के बीच फाइनल राउंड में सात प्रश्न थे जो बेहद कठिन थे. प्रतियोगिता के अंतिम दौर में पहुंचे 10 प्रतिभागियों में से सात भारतीय मूल के अमेरिकी थे. फाइनल राउंड के साथ अन्य प्रतिस्पर्धियों में से प्रत्येक को 500 डॉलर की राशि दी गई. ये प्रतिस्पर्धी क्रमश: मोन्टाना निवासी ग्रेस रेम्बेर्ट, मेरीलैंड निवासी ऋषि कुमार, टैक्सास निवासी प्रणय वरदा, मिन्नेसोटा निवासी ल्यूकास एगर्स, उत्तरी कैरोलिना निवासी समन्यू दीक्षित, विस्कोन्सिन निवासी थॉमस राइट और ओरेगॉन निवासी अश्विनी शिवकुमार थे.
भारतीय अमेरिकी छात्रों ने कई साल से विभिन्न बी प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन किया है. स्पेलिंग बी प्रतियोगिता में लगातार आठ साल तक भारतीय अमेरिकी छात्र विजेता रहे हैं. वर्ष 1999 में शुरू हुई प्रतियोगिता के 17 सत्रों में से 13 भारतीय अमेरिकी छात्रों के नाम रहे हैं.