चीन की बढ़ती सैन्य ताकत से परेशान अमेरिकी सांसद चाहते हैं भारत से मजबूत संबंध
वाशिंगटन : चीन के आक्रामक सैन्य निर्माण से हैरान-परेशान शीर्ष अमेरिकी सांसद भारत के साथ मजबूत रक्षा संबंध बनाने पर जोर दे रहे हैं. संसदीय सुनवाई के दौरान रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों ही पार्टियों के शीर्ष सीनेटरों ने भारतीय सेना के आधुनिकीरण में मदद करने के ओबामा सरकार के एक कदम का अनुमोदन किया है. […]
वाशिंगटन : चीन के आक्रामक सैन्य निर्माण से हैरान-परेशान शीर्ष अमेरिकी सांसद भारत के साथ मजबूत रक्षा संबंध बनाने पर जोर दे रहे हैं. संसदीय सुनवाई के दौरान रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों ही पार्टियों के शीर्ष सीनेटरों ने भारतीय सेना के आधुनिकीरण में मदद करने के ओबामा सरकार के एक कदम का अनुमोदन किया है.
सीनेट की शक्तिशाली विदेशी संबंध समिति के अध्यक्ष सीनेटर बॉब कॉर्कर ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘दुनिया के दो सबसे बडे लोकतंत्रों केरूप में यह अनिवार्य है कि अमेरिका और भारत हिंद-प्रशांत में लोकतांत्रिक मूल्यों, उसूलोें और मानदंडों को बुलंद रखने के लिए एक साथ खड़े हों, खास कर इस लिए कि चीन क्षेत्र पर ज्यादा प्रभाव पाने की कोशिश कर रहा है.’ कॉर्कर ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दशकों के दौरान अमेरिका-भारत रिश्तों की प्रकृति और दायरा खासा बदला है और अमेरिका और भारत के बीच राजनीतिक, आर्थिक तथा सामरिक सहयोग अब तक के उच्चतम पर है.’ समिति के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हमारे रिश्तों के ढेर सारे पहलुओं को और भी मजबूत करने की खासी गुंजाइश है. मसलन, मैं अमेरिका-भारत रक्षा एवं सुरक्षा सह-अभियानों को, खास कर नौवहन के क्षेत्र में विस्तार देने के प्रयासों से उत्साहित हूं.’ सीनेट की विदेशी संबंध समिति के शीर्ष सदस्य सीनेटर बेन कार्डिन ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच ढेर सारी चीजें साझी हैं.
कार्डिन ने कहा, ‘‘दक्षिण चीन सागर और नौवहन सुरक्षा पर चीन की गतिविधियां अमेरिका और भारत को निकटतर रक्षा सहयोगात्मक प्रबंध में काम करने के लिए बाध्य करती हैं ताकि हम समुद्र के वाणिज्यिक और नौवहन मार्गों का खुला रहना सुनिश्चित कर सकें.’ अमेरिकी सीनेटर ने कहा, ‘‘हमें आतंकवाद निरोध से भी निबटने की जरूरत है. हम अब भी 2008 में मुंबई में हुई त्रासदीपूर्ण आतंकवादी घटना याद करते हैं. मेरे क्षेत्र मेरीलैंड के तीन लोग इस हमले में हलाक हुए और यह अब भी भारत के लोगों के दिमाग में ताजा है.’ सुनवाई के दौरान भारत में मानवाधिकार की स्थिति पर चिंता जताने में खासा मुखर रहे कार्डिन ने कहा, ‘‘इस लिए, मैं सोचता हूं कि आतंकवाद निरोध पर हमारे रिश्तों की मजबूती, दक्षिण एशिया से सहयोग मेें इजाफा की तरफ काम करना हमारे दोनों देशों के बीच रिश्ते बढाने का एक अहम हिस्सा है.’
वाशिंगटन : चीन के आक्रामक सैन्य निर्माण से हैरान-परेशान शीर्ष अमेरिकी सांसद भारत के साथ मजबूत रक्षा संबंध बनाने पर जोर दे रहे हैं. संसदीय सुनवाई के दौरान रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों ही पार्टियों के शीर्ष सीनेटरों ने भारतीय सेना के आधुनिकीरण में मदद करने के ओबामा सरकार के एक कदम का अनुमोदन किया है.
सीनेट की शक्तिशाली विदेशी संबंध समिति के अध्यक्ष सीनेटर बॉब कॉर्कर ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘दुनिया के दो सबसे बडे लोकतंत्रों केरूप में यह अनिवार्य है कि अमेरिका और भारत हिंद-प्रशांत में लोकतांत्रिक मूल्यों, उसूलोें और मानदंडों को बुलंद रखने के लिए एक साथ खड़े हों, खास कर इस लिए कि चीन क्षेत्र पर ज्यादा प्रभाव पाने की कोशिश कर रहा है.’ कॉर्कर ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दशकों के दौरान अमेरिका-भारत रिश्तों की प्रकृति और दायरा खासा बदला है और अमेरिका और भारत के बीच राजनीतिक, आर्थिक तथा सामरिक सहयोग अब तक के उच्चतम पर है.’ समिति के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हमारे रिश्तों के ढेर सारे पहलुओं को और भी मजबूत करने की खासी गुंजाइश है. मसलन, मैं अमेरिका-भारत रक्षा एवं सुरक्षा सह-अभियानों को, खास कर नौवहन के क्षेत्र में विस्तार देने के प्रयासों से उत्साहित हूं.’ सीनेट की विदेशी संबंध समिति के शीर्ष सदस्य सीनेटर बेन कार्डिन ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच ढेर सारी चीजें साझी हैं.
कार्डिन ने कहा, ‘‘दक्षिण चीन सागर और नौवहन सुरक्षा पर चीन की गतिविधियां अमेरिका और भारत को निकटतर रक्षा सहयोगात्मक प्रबंध में काम करने के लिए बाध्य करती हैं ताकि हम समुद्र के वाणिज्यिक और नौवहन मार्गों का खुला रहना सुनिश्चित कर सकें.’ अमेरिकी सीनेटर ने कहा, ‘‘हमें आतंकवाद निरोध से भी निबटने की जरूरत है. हम अब भी 2008 में मुंबई में हुई त्रासदीपूर्ण आतंकवादी घटना याद करते हैं. मेरे क्षेत्र मेरीलैंड के तीन लोग इस हमले में हलाक हुए और यह अब भी भारत के लोगों के दिमाग में ताजा है.’ सुनवाई के दौरान भारत में मानवाधिकार की स्थिति पर चिंता जताने में खासा मुखर रहे कार्डिन ने कहा, ‘‘इस लिए, मैं सोचता हूं कि आतंकवाद निरोध पर हमारे रिश्तों की मजबूती, दक्षिण एशिया से सहयोग मेें इजाफा की तरफ काम करना हमारे दोनों देशों के बीच रिश्ते बढाने का एक अहम हिस्सा है.’