हिरोशिमा : राष्ट्रपति ओबामा आज हिरोशिमा की यात्रा करके इतिहास रचने के लिए तैयार हैं. वह ऐसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं, जो इस पद पर रहते हुए उस स्थान का दौरा करने जा रहे हैं, जो परमाणु युग की तबाही का शिकार बना था. यह यात्रा उस भयावह हमले के सात दशक से भी ज्यादा समय बाद हो रही है, जिसमें एक अमेरिकी विमान एनोला गे ने ‘लिटिल ब्वॉय’ नामक पेलोड को जापान के पश्चिमी शहर पर गिराकर तबाही का मंजर दिखा दिया था. इस बमबारी ने 1.4 लाख लोगों की जान ले ली थी.
इनमें से कुछ लोग झुलसा देने वाली गर्मी की चपेट में आकर तुरंत ही मारे गये थे जबकि कुछ लोगों ने घायल होने की वजह से या विकिरण की चपेट में आकर बीमार होने की वजह से कुछ हफ्तों, महीनों या वर्षों में दम तोड दिया था. अमेरिका ने दूसरा बम तीन दिन बाद नागासाकी पर गिराया था. ओबामा ने अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में होने वाली इस यात्रा से सात साल पहले, प्राग में परमाणु हथियारों को पूरी तरह से खात्म करने के आह्वान वाला ऐतिहासिक भाषण दिया था, जिसने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी.
आज जब दुनिया परमाणु निरस्त्रीकरण के इस ऊंचे लक्ष्य के करीब नहीं दिखाई दे रही, ऐसे में उम्मीद है कि ओबामा हिरोशिमा में अपनी मौजूदगी को एक प्रतीक के तौर पर इस्तेमाल करके मौजूदा खतरों के प्रति ध्यान आकर्षित कर सकते हैं. ओबामा ने कल जापान में आयोजित जी सात शिखर सम्मेलन के अवसर पर संवाददाताओं को बताया, ‘मैं एक बार फिर उन वास्तविक खतरों को और तात्कालिकता की अनिवार्य समझ को रेखांकित करना चाहता हूं.’
उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में चेक की राजधानी में कही गई बात को दोहराया, ‘हमारा हिरोशिमा का दौरा परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया के हमारे साझे विजन की दोबारा पुष्टि करता है.’ ओबामा एक क्षतिग्रस्त इमारत के नीचे बने हिरोशिमा पीस मेमोरियल पार्क में बने स्मारक पर पुष्प अर्पित करेंगे. इस इमारत के ढांचे को पीडितों की साक्षी के तौर पर यहां खडा रहने दिया गया है. जापानी मीडिया के अनुसार, ओबामा परमाणु बम हमलों में जीवित बचे कम से कम तीन लोगों की मौजूदगी में अपनी बात कहेंगे.