12वीं बोर्ड : साइंस स्ट्रीम विषयवार तैयारी
विभिन्न बोर्डो की 12वीं की परीक्षाएं फरवरी या मार्च में शुरू हो रही हैं. परीक्षार्थियों को शेष बचे दिनों में सटीक रणनीति के साथ तैयारी को मुकाम तक पहुंचाना है. अवसर के इस अंक में आप विस्तार से जानेंगे कि बाकी बचे दिनों में 12वीं साइंस स्ट्रीम के विभिन्न विषयों की तैयारी कैसे करनी चाहिए. […]
विभिन्न बोर्डो की 12वीं की परीक्षाएं फरवरी या मार्च में शुरू हो रही हैं. परीक्षार्थियों को शेष बचे दिनों में सटीक रणनीति के साथ तैयारी को मुकाम तक पहुंचाना है. अवसर के इस अंक में आप विस्तार से जानेंगे कि बाकी बचे दिनों में 12वीं साइंस स्ट्रीम के विभिन्न विषयों की तैयारी कैसे करनी चाहिए.
बोर्ड परीक्षाओं का दौर शुरू हो रहा है. 12वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे विद्यार्थियों के लिए यह वक्त अधिक से अधिक पढ़ाई करने का है, लेकिन यह पढ़ाई तभी सार्थक हो सकती है, जब शेष समय में तैयारी को मुकाम तक पहुंचाने की सटीक रणनीति बनायी जाये. जाहिर है, परीक्षार्थियों के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि बोर्ड परीक्षा के लिए बचे थोड़े से वक्त में किस तरीके की तैयारी उन्हें अच्छे अंक दिला सकती है.
सीबीएसइ की 12वीं की बोर्ड परीक्षा 1 मार्च से शुरू हो रही है. अन्य बोर्डो की 12वीं की परीक्षाएं भी फरवरी या मार्च महीने में शुरू होंगी. इसलिए इन बचे हुए थोड़े से दिनों में खासकर 12वीं साइंस स्ट्रीम के विद्यार्थी अपनी तैयारी को किस दिशा में बढ़ाएं, इस बार अवसर की कवर स्टोरी में साइंस स्ट्रीम के टॉपर विद्यार्थियों और विशेषज्ञों से बातचीत कर हमने यही जानने की कोशिश की है.
आत्मविश्वास है अच्छे अंकों की चाबी
परीक्षा कोई भी हो, उसमें परीक्षार्थियों के आत्मविश्वास की अहम भूमिका होती है. 12वीं की बोर्ड परीक्षा कैरियर की दिशा में पहली सीढ़ी मानी जाती है. इसके बाद सीधे कैरियर बनाने की ओर कदम बढ़ाना होता है. इसलिए 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे विद्यार्थियों में अपनी तैयारी को लेकर आत्मविश्वास की कमी नतीजे पर बेहद नकारात्मक प्रभाव डालती है.
नये सिरे से तैयार करें टाइम टेबल
शेष समय में अपने टाइम टेबल को कुछ इस तरफ बनाएं कि सभी महत्वपूर्ण चीजों का तीन से चार बार रिवीजन हो सके.अगर आपने सालभर पढ़ाई का रुटीन सही रखा है और सभी विषयों का कोर्स पूरा हो चुका है, तो अब आपको टाइम टेबल में कुछ ऐसे अध्यायों को भी जोड़ना चाहिए, जो आपको कुछ कठिन लगते हों. इससे उन चैप्टर्स की तैयारी बेहतर की जा सकती है.
रिवीजन की रणनीति इस तरह से बनाएं कि ज्यादा अंकों के टॉपिक्स समय से पहले तैयार हो जायें. रटने की जगह चीजों को आसान टेक्निक्स के जरिये याद करने की कोशिश करें. अगर कोई चीज याद नहीं हो रही है, तो उस टॉपिक को छोड़ कर आगे के टॉपिक्स को रिवाइज करना ही बेहतर होगा. इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और परीक्षा से जुड़ा दबाव कम होगा.
विषयपरक तैयारी पर दें जोर
साइंस स्ट्रीम के छात्रों के लिए मुख्यत: केमिस्ट्री, फिजिक्स, बायोलॉजी और मैथ्स के बीच संतुलन बनाना कठिन होता है. सामान्य रूटीन से बेहतर होगा कि विषय आधारित रूटीन बनाएं. इससे सभी विषयों को पूरा समय मिलेगा, जिससे छोटी-छोटी चीजों के कंफ्यूजन को दूर करने में मदद मिलेगी. साथ ही समस्या आने पर विशेषज्ञों से मदद लेने का भी समय मिल पायेगा. हिंदी और अंगरेजी को अनदेखा न करें. रूटीन में इन दोनों विषयों के लिए भी निश्चित समय निकालें.
केमिस्ट्री की तैयारी
विद्यार्थियों को केमिस्ट्री की तैयारी कैसे करनी चाहिए, इस पर 2011 के साइंस स्ट्रीम के टॉपर आदित्य ग्रोवर कहते हैं कि छात्रों को तैयारी इस प्रकार करनी चाहिए कि वे न सिर्फ 12वीं की परीक्षा में बेहतर कर पाएं, बल्कि मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसी परीक्षा में भी सफलता अजिर्त कर पाने में सक्षम हो जायें. विस्तार से जानें कैसे करें परीक्षा के लिए केमिस्ट्री की तैयारी.
अगर छात्रों को लगता है कि वे केमिस्ट्री में निपुण नहीं हैं, तो उन्हें इसकी तैयारी की शुरुआत जल्द करनी चाहिए. सबसे पहले एनसीइआरटी की टेक्स्ट बुक को अच्छी तरह पढ़ना चाहिए.
हर चैप्टर को धीरे-धीरे और अच्छी तरह पढ़ें. पूरे चैप्टर के साइंटिफिक कांसेप्ट, थ्योरी और रिएक्शन को अच्छे से समङों. अगर किसी भी प्रकार की दिक्कत आ रही है, तो तुरंत शिक्षक से पूछ कर उसे दूर करें. शिक्षक का साथ तैयारी के लिए जरूरी है.
रेफरेंस बुक को साथ लेकर चलना चाहिए. इससे हर टॉपिक पर गहरी समझ विकसित होती है. साथ ही ऑनलाइन टेस्ट देते रहें. इससे आप अपने ज्ञान की जांच कर सकते हैं.
त्नयह तय करें कि बचे हुए दिनों में होनेवाली क्लासेस और लैब एक्सपेरिमेंट्स को न छोड़ें. क्लास में जो पढ़ें, उसे घर पर अच्छे से उसी दिन दोहरा लें. इससे वह टॉपिक काफी हद तक तैयार हो जाता है. कोई समस्या आये, तो तुरंत साथियों और शिक्षकों से पूछ कर दूर कर लें.
अधिकतर देखा गया है कि विद्यार्थी (खासतौर से बायोलॉजी विषय लेनेवाले) केमिस्ट्री की तैयारी के दौरान न्यूमेरिकल प्रश्नों को छोड़ देते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनकी मदद से अच्छे अंक स्कोर किये जा सकते हैं. अगर इनका अच्छे से अभ्यास किया जाये, तो इसकी तैयारी में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है. बस कुछ तय फॉर्मूला याद करना होता है और उसे समझ कर अप्लाइ करना पड़ता है. न्यूमेरिकल प्रश्नों के अलग से भी बहुत से टेस्ट होते हैं. उनकी मदद से अभ्यास करना चाहिए.
अंत में किसी भी परीक्षा के लिए पहले रिवीजन करना होता है. इसके लिए अच्छे मैटेरियल्स की मदद लें. सैंपल पेपर और मॉडल क्वेश्चन पेपर की मदद से रिवीजन में तेजी लाएं. जितने ज्यादा क्वेश्चन पेपर हल कर सकते हैं, उन्हें करें. इसके लिए पिछले वर्षो के एआइइइइ और जेइइ मेन्स आदि के पुराने प्रश्नपत्रों की भी मदद ले सकते हैं.
केमिस्ट्री की तैयारी को तीन भागों में बांटें. 1. फिजिकल केमिस्ट्री की तैयारी करते समय सॉलिड स्टेट, सॉल्यूशन, इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री और केमिकल काइनेटिक्स के सभी फॉमरूले को अच्छे से याद करें. इन चैप्टर्स से रोज पांच न्यूमेरिकल्स हल करने का नियम बनाएं. इन चैप्टर्स की थ्योरी को समझने और याद करने में भी समय दें, क्योंकि बोर्ड परीक्षाओं के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इससे प्रश्न आते हैं.
2. इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री में बहुत याद करना पड़ता है. इसमें केमिकल रिएक्शन, विभिन्न केमिकल कंपाउंड का प्रोसेस और प्रिपरेशन आता है, इसलिए नोट्स बनाना जरूरी होता है. केमिस्ट्री के इस भाग से सीधे प्रश्न पूछे जाते हैं. बोर्ड परीक्षा के साथ ही इससे मेडिकल और इंजीनियरिंग दोनों प्रवेश परीक्षाओं में भी बहुत प्रश्न पूछे जाते हैं.
3. 12वीं की परीक्षाओं के लिए ऑर्गेनिक केमिस्ट्री, केमिस्ट्री का सबसे आसान हिस्सा माना जाता है. थोड़ी सी मेहनत से ही इसमें अच्छे अंक हासिल किये जा सकते हैं. इस पर पकड़ बनाने के लिए एनसीइआरटी की किताबों की सभी एक्सरसाइज अच्छे से तैयार करें. एल्कोहल्स, फीनॉल्स व इथर्स और एल्डेहाइड्स, कीटोन्स और कार्बनऑक्सिलिक एसिड दो महत्वपूर्ण चैप्टर्स हैं.
अगर आप केमिस्ट्री में 95 फीसदी से ज्यादा अंक लाना चाहते हैं, तो आपको इसके सभी चैप्टर्स पर ध्यान देना होगा. खासतौर से फिजिकल केमिस्ट्री पर मजबूत पकड़ बनाएं. कमजोर छात्रों को चाहिए कि चुनिंदा चैप्टर्स की तैयारी करें. जैसे बायोमॉलीक्यूल्स, पॉलीमर्स, केमिस्ट्री इन एवरीडे लाइफ. इन चैप्टर्स से 10 अंकों के प्रश्न पूछे जाते हैं. पी-ब्लॉक एलीमेंट्स से आठ अंकों के प्रश्न पूछे जाते हैं. इसके साथ ही कॉऑर्डिनेशन कंपाउंड, सरफेस केमिस्ट्री चैप्टर्स को अच्छे से तैयार करें.
फिजिक्स की तैयारी
विद्यार्थियों को फिजिक्स की तैयारी पर थोड़ा ज्यादा और अलग से ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यह इंजीनियरिंग के साथ ही मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में भी पूछा जाता है. अगर फिजिक्स की बेहतर तैयारी हो, तो 12वीं बोर्ड परीक्षा में बेहतर अंक हासिल करने के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर करने में मदद मिलती है. जिन छात्रों की मैथ्स में पकड़ कमजोर होती है, उनकी फिजिक्स भी कमजोर होती है. पिछले कुछ वर्षो में फिजिक्स में कमजोर छात्र मेडिकल परीक्षाओं में कम सफल हो पाये हैं. क्योंकि मेडिकल परीक्षाओं में करीब 25 फीसदी प्रश्न फिजिक्स से पूछे जाते हैं. अगर छात्रों ने इस कमी को अभी दूर नहीं किया, तो उन्हें आगे अपना लक्ष्य हासिल करने में दिक्कत होगी. 12वीं में अच्छे अंक हासिल करने के लिए भी फिजिक्स में अच्छे अंक हासिल करना जरूरी हो जाता है.
फिजिक्स भी मैथ्स की तरह नियमित अभ्यास की मांग करता है. फिजिक्स की तैयारी के लिए आइडियल रुटीन बनाना जरूरी है. इसमें ज्यादा से ज्यादा न्यूमेरिकल प्रॉब्लम्स को हल करना चाहिए. कोई समस्या आये, तो तुरंत शिक्षक से मिलना चाहिए.
इसकी तैयारी के लिए सबसे पहले एनसीइआरटी की किताबों की मदद लेनी चाहिए. क्योंकि एनसीइआरटी की किताब से सीधे-सीधे प्रश्न पूछे जाते हैं. टॉपिक्स को विस्तार से समझने के लिए साइड किताबों की भी मदद ली जा सकती है. त्नबोर्ड परीक्षा में न्यूमेरिकल पर आधारित प्रश्नों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं होती है. जबकि छात्रों को सोचना होता है कि फिजिक्स मैथ्स जैसा टॉपिक है, तो इसमें न्यूमेरिकल प्रॉब्लम्स ज्यादा आयेंगी. इसलिए वे इन प्रॉब्लम्स को हल करने में ज्यादा समय देते हैं. इसलिए उन्हें सिर्फ न्यूमेरिकल्स की तैयारी पर जोर नहीं देना चाहिए, बल्कि डेरिवेशंस और थ्योरेटिकल, दोनों पर बराबर फोकस करना चाहिए.
12वीं परीक्षा के लिए मॉडर्न फिजिक्स ज्यादा महत्वपूर्ण होती है. मैथ्स में कमजोर छात्रों को इसके कुछ चैप्टर्स को बहुत अच्छे से तैयार कर लेना चाहिए. जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, ड्यूअल नेचर ऑफ रेडिएशन, एटम एंड न्यूक्लियर. ये चैप्टर्स 12वीं परीक्षा के साथ ही विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी जरूरी होते हैं.
बोर्ड परीक्षाओं के लिए ऑप्टिक्स बहुत जरूरी अध्याय होता है. इससे करीब 14 अंक के प्रश्न पूछे जाते हैं. इसके अध्याय के इलेक्ट्रोस्टेटिस्टिक्स, मैग्नेटिज्म और इएमआइ व एसी बोर्ड परीक्षा के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण चैप्टर्स हैं. इन्हें अच्छे से तैयार करना जरूरी है.
बिना रुचि के इस विषय में बेहतर करना मुश्किल है. इसलिए सबसे पहले इस ओर अपनी रुचि पैदा करें. रोज पांच से 10 न्यूमेरिकल प्रश्न हल करें.
मैथ्स की तैयारी
मैथ्स की तैयारी के लिए शुरुआती दौर में सिर्फ एक पंक्ति में कहें, तो इसमें सिर्फ अभ्यास पर ही सारा दारोमदार टिका होता है.
12वीं में मैथ्स के कुछ टॉपिक खासे महत्वपूर्ण होते हैं, जिन्हें अच्छे से तैयार करना जरूरी होता है. इनमें मुख्य हैं- रिलेशन एंड फंक्शंस, इनवर्स ट्रिगनोमेट्रिक फंक्शंस, मैट्रिक्स एंड डिटरमिनेंट्स, कॉन्टिन्यूटी एंड डिफरेंशिएबिलिटी, अप्लीकेशंस ऑफ डेरिवेटिव्स, इंटीगरल्स, अप्लीकेशंस ऑफ द इंटीगरल्स, डिफरेंशियल इक्वेशंस, वेक्टर्स एलजेब्रा, थ्री-डायमेंशनल जिओमेट्री, लाइनर प्रोग्रामिंग, प्रोबेबिलिटी.
सबसे पहले विद्यार्थी हर टॉपिक के कांसेप्ट क्लियर करते जाएं. फिर सेल्फ स्टडी के लिए ज्यादा से ज्यादा समय निकालें और ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों का अभ्यास करें.
कम से कम 10 से 11 सैंपल पेपर और पिछले वर्षो के पेपर हल करें. वह भी समय प्रबंधन के साथ.