बांग्‍लादेश: गला काटकर ”हिंदू पुजारी” की हत्‍या

ढाका : बांग्लादेश में तीन हमलावरों ने आज 65 वर्षीय एक पुजारी की हत्या कर दी. मुस्लिम बहुल इस देश में अल्पसंख्यकों तथा धर्म निरपेक्ष कार्यकर्ताओं पर मुस्लिम चरमपंथियों के नृशंस हमलों की यह ताजा घटना है और इस साल यह दूसरे पुजारी की हत्या है. सहायक पुलिस अधीक्षक गोपीनाथ कांजीलाल ने बताया कि झिनाईगाह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 7, 2016 1:19 PM

ढाका : बांग्लादेश में तीन हमलावरों ने आज 65 वर्षीय एक पुजारी की हत्या कर दी. मुस्लिम बहुल इस देश में अल्पसंख्यकों तथा धर्म निरपेक्ष कार्यकर्ताओं पर मुस्लिम चरमपंथियों के नृशंस हमलों की यह ताजा घटना है और इस साल यह दूसरे पुजारी की हत्या है.

सहायक पुलिस अधीक्षक गोपीनाथ कांजीलाल ने बताया कि झिनाईगाह जिले के नोलडांगा गांव में पुजारी अनंत गोपाल गांगुली सुबह करीब साढे नौ बजे मंदिर जा रहे थे. तभी मोटरसाइकिल से आए तीन हमलावरों ने तेज धार वाले हथियारों से उनका गला काट दिया. कांजीलाल ने बताया कि संदिग्ध उग्रवादियों ने यह हत्या की.

पुलिस ने बताया कि उन्होंने शव बरामद कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. घटना की जांच की जा रही है. किसानों ने पुजारी का शव उनके घर के पास खेत में पडा देखा जिसका सर लगभग कटा हुआ था. गांगुली सदर उपजिला स्थित नोलडांगा मंदिर में पुजारी थे. वह पूजा के लिए मंदिर जा रहे थे. उसी दौरान हमलावरों ने उन्हें रोका और गोली मार दी. बाद में हमलावरों ने गांगुली की सर लगभग काट दिया. फिलहाल किसी ने भी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है और हत्या का कारण भी अज्ञात है.

हालिया महीनों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, धर्म निरपेक्ष ब्लॉगरों, बुद्धिजीवियों और विदेशियों पर हमले की घटनाएं बढी हैं. रविवार को एक गिरजाघर के समीप अज्ञात हमलावरों ने एक ईसाई उद्योगपति पर हमला कर उसे मार डाला. कुछ घंटों बाद आतंकवाद निरोधक एक पुलिस अधिकारी की पत्नी को धार्मिक चरमपंथियों ने गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई. फरवरी में उग्रवादियों ने एक मंदिर में एक हिंदू पुजारी को छुरा मार दिया था जिससे उसकी मौत हो गई.

पुजारी की मदद के लिए आए एक श्रद्धालु को उग्रवादियों ने गोली मारी थी और घायल कर दिया था. अप्रैल में आईएसआईएस के उग्रवादियों ने एक उदारवादी प्रोफेसर का राजशाही शहर में स्थित उनके आवास में उनका गला काट कर उनकी नृशंस हत्या कर दी थी. उसी माह एक हिंदू दर्जी को आईएसआईएस उग्रवादियों ने उसकी दुकान में ही मार डाला था. आईएसआईएस और अलकायदा ने बांग्लादेश में कुछ हमलों की जिम्मेदारी ली है लेकिन सरकार ने अपने देश में उनकी मौजूदगी से इंकार किया है.

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