बड़ी कामयाबी : मोदी-ओबामा के बीच वार्ता, NSG पर मिला भारत को समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के पहले दिन भारत को बड़ी कामयाबी मिली है. भारत की एनएसजी और एमटीसीआर में सदस्यता को अमेरिका का समर्थन मिला है. व्हाइट हाउस में मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने साझा बयान जारी किया. प्रधानमंत्री मोदी ने ओबामा को अपना करीबी दोस्त बताते हुए उनका शुक्रिया अदा किया […]
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के पहले दिन भारत को बड़ी कामयाबी मिली है. भारत की एनएसजी और एमटीसीआर में सदस्यता को अमेरिका का समर्थन मिला है. व्हाइट हाउस में मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने साझा बयान जारी किया. प्रधानमंत्री मोदी ने ओबामा को अपना करीबी दोस्त बताते हुए उनका शुक्रिया अदा किया है.
वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय संबंधों को नयी ऊंचाई पर ले जाने के तरीकों पर चर्चा की और प्रतिष्ठित परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया. इसके साथ ही व मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर)के लिए भी अपनी सहमति दी. व्हाइट हाउस में मोदी के साथ करीब घंटे भर चली बातचीत के बाद उनके साथ संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए ओबामा ने कहा कि दो सबसे बड़े लोकतंत्रों भारत व अमेरिका के लिए साझेदारी को गहन व व्यापक करना स्वाभाविक है. एनएसजी की भारत की सदस्यता के संबंध में चीन के विरोध के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि मैंने एनएसजी का हिस्सा होने के नाते भारत को समर्थन का संकेत दिया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एमटीसीआर व एनएसजी में सदस्यता के संबंध में मेरे मित्र ओबामा ने जो मदद और समर्थन दिया है, उसके लिए मैं आभारी हूं. दो सबसे बड़े लोकतंत्रों, भारत और अमेरिका ने उन चुनौतियों से निबटने के लिए कंधे से कंधा मिला कर काम किया है, जिनका सामना न केवल दोनों देश बल्कि पूरी दुनिया करती है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने व्यापक मुद्दों पर, खासकर द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को नयी ऊंचाई पर ले जाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया. अन्य जिन विषयों पर वार्ता की, उनमें आतंकवाद, स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, क्षेत्रीय सुरक्षा और साइबर सुरक्षा शामिल है. हम नये क्षेत्रों में मिलकर जितना अधिक काम करेंगे, वह दुनिया और दोनों देशों के लाभ के लिए बेहतर होगा. यही हमारा सपना है.
ओबामा ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को प्रौद्योगिकी की जरूरत है, जो उसकी प्रगति और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हो. महत्वपूर्ण क्षेत्रीय विषयों पर चर्चा होने की जानकारी देते हुए कहा कि अमेरिका और भारत शांति और विकास का साझा दृष्टिकोण रखते हैं और जटिल मुद्दों का समाधान कूटनीतिक तरीके से होना चाहिए.
उच्च तकनीक मिसाइलें खरीद और बेच सकेगा भारत
34 देशों वाले मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम(एमटीसीआर) में भारत के प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है. इसे प्रधानमंत्री मोदी के चौथे अमेरिकी दौरे की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है. इस समूह में भारत को शामिल करने के प्रस्ताव पर किसी भी सदस्य ने आपत्ति नहीं जतायी. भारत के इस समूह में शामिल होने से अमेरिका से ड्रोन विमान खरीदने व अपने उच्च प्रौद्योगिकी वाले प्रक्षेपास्त्रों का मित्र देशों को निर्यात करने के उसके प्रयासों को बल मिलेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एमटीसीआर और तीन अन्य निर्यात नियंत्रण व्यवस्था- ऑस्ट्रेलिया समूह, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह और वासेनार समझौते में भारत की सदस्यता का कड़ा समर्थन किया था.
मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था पर भी बनी बात
मंगलवार को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. पीएम मोदी बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे. वह ऐसा करने वाले पांचवें भारतीय प्रधानमंत्री होंगे.
एनएसजी से लाभ
एनएसजी पर भारत को यह समर्थन 48 देशों के इस समूह की एक महत्वपूर्ण बैठक से पहले मिला है. चीन इस विषय पर आम सहमति की बात करता रहा है. एनएसजी परमाणु क्षेत्र से संबंधित गंभीर मुद्दों पर गौर करता है. इसके सदस्यों को परमाणु तकनीक में कारोबार व निर्यात की अनुमति होती है. इसकी सदस्यता से भारत को अपने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को असरदार तरीके से बढ़ाने में मदद मिलेगी.
एमटीसीआर से लाभ
अमेरिका से प्रिडेटर ड्रोन खरीद सकेगा. इसी ड्रोन तकनीक ने तालिबान के ठिकानों को तबाह किया था.
भारत ब्रह्मोस जैसी अपने उच्च तकनीकी मिसाइलों को मित्र देशों को बेच सकेगा.
क्या है एमटीसीआर: एमटीसीआर की स्थापना 1987 में हुई थी. शुरुआत में इसमें जी-7 देश अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, जापान, इटली, फ्रांस व ब्रिटेन शामिल थे. इसका मकसद बैलिस्टिक मिसाइल को बेचने की सीमा तय करना है. यह मुख्य रूप से 500 किग्रा पेलोड ले जानेवाली और 300 किमी तक मार करनेवाली मिसाइल व अनमैंड एरियल व्हीकल टेक्नोलॉजी के खरीदे-बेचे जाने पर नियंत्रण रखता है.
मथुरा : जवाहर बाग में हुई हिंसा के बाद जांच कर रही बम डिस्पोजल स्क्वॉयड (बीडीएस) के हाथ यूएसए में बना रॉकेट लॉन्चर लगा है जिसके बाद से प्रशासन सकते में है. इस लॉन्चर पर जेइएफएफइआरएसओएसओएच-1044047 नंबर अंकित है. 4 जून को मामले में केस दर्ज किया गया था जिसमें इसका जिक्र है, लेकिन उस वक्त पुलिस की ओर से केवल गोला-बारूद होने की बात कही गई थी.
जवाहर बाग में 2 जून को हुई हिंसक घटना के बाद मथुरा पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया था जिसमें उन्हें यहां बीडीएस और फॉरेंसिक टीम ने 2.5 kg गन पाउडर, 5 kg गंधक, 1 kg पोटास, 1 इलेक्ट्रॉनिक प्लेट और 0.5 kg लोहे के छर्रे मिले थे. अब पुलिस ने मंगलवार को यह भी खुलासा किया है कि इन सबके साथ यूएसए मेड रॉकेट लॉन्चर भी हिंसा स्थल से बरामद किया गया था.
इधर, मंगलवार को मथुरा के नवनियुक्त जिलाधिकारी निखिल चंद्र शुक्ला एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने यहां आश्वस्त किया कि मथुरा में अब ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने दी जाएगी. अभी तक की जांच में पता चला है कि 12 लोगों की झुलसने से मौत हुई है. संवाददाता सम्मेलन में दोनों अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा दो जून की घटना की त्वरित एवं निष्पक्ष विवेचना कर दोषियों को कठोरतम दण्ड दिलाने का प्रयास किया जाएगा.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस घटना में मारे गए अब तक मिले 19 लोगों के शवों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार 12 लोगों की मृत्यु जलकर हुई है तथा 7 लोगों की मौत लाठी-डण्डा, ईंट-पत्थर आदि की चोटों से हुई है. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि किसी भी मृतक के शव परीक्षण में कोई बुलेट (गोली) मिली है.
मथुरा : इलाहाबाद हाईकोर्ट से सेवानिवृत जस्टिस इम्तियाज मुर्तुजा मथुरा के जवाहरबाग हिंसा की न्यायिक जांच करेंगे. उत्तर प्रदेश सरकार ने अब मथुरा के जवाहरबाग हिंसा की न्यायिक जांच का फैसला लिया है.
भोपाल : मध्य प्रदेश की रतलाम की तहसीलदार अमिता सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर सुर्खियों में आ गई हैं. उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा कि मोदी को ”राजीव गांधी आत्महत्या योजना” शुरू करनी चाहिए हालांकि इस पोस्ट के बाद जब विवाद बढ़ा तो उन्होंने अपना पोस्ट डिलीट कर दिया और बाद में माफी भी मांग ली.
प्राप्त जानकारी के अनुसार अमिता सिंह ने सोशल मीडिया फेसबुक पोस्ट में लिखा कि प्रधानमंत्री अफगानिस्तान के दौरे पर गए तो वहां मुसलमानों ने भारत के झंडे लेकर सड़क पर ‘वंदे मातरम्’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से मैं अनुरोध करती हूं कि वे ”राजीव गांधी आत्महत्या योजना” शुरू करें ताकि सेक्युलर और कांग्रेसी विचार वाले ऐसी खबर सुनकर आत्महत्या कर सकें.
उनके इस पोस्ट के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर विरोध का दौर चला जिसके बाद उन्होंने फेसबुक पोस्ट को वॉल से हटा दिया. तहसीलदार ने बाद में मामले पर सफाई देते हुए कहा कि मेरे वॉट्सएप ग्रुप पर यह मैसेज आया था जिसे मैंने फेसबुक पर डाल दिया, लेकिन कुछ लोगों ने बात का बतंगड़ बना दिया. किसी को बुरा न लगे, इसलिए मैंने माफी मांग ली.
आपको बता दें कि पिछले दिनों मध्य प्रदेश के आईएएस अजय गंगवार को सोशल मीडिया पर नेहरू-गांधी फैमिली की तारीफ करना और उनके अचीवमेंट्स का बखान करना महंगा पड़ा था. उनके इस पोस्ट के बाद राज्य सरकार ने अजय गंगवार को बड़वानी कलेक्टर पद से हटाकर मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेट्री बना दिया.
वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी देते हुए पठानकोट हमले के दोषियों पर कार्रवाई करने को कहा है. ओबामा ने पठानकोट आतंकी हमले को 26-11 जैसा माना है. उन्होंने मंगलवार को पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि वहपठानकोटहमले को अंजाम देने वालों को सजा दे.
अमेरिका ने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और दाउद कंपनी जैसे पाकिस्तान स्थित संगठनों से आतंकी खतरे के खिलाफ भारत के साथ खडे होने का संकल्प जताया. व्हाइट हाउस ने ओबामा-मोदी की मुलाकात के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा, ‘‘उन्होंने (ओबामा और मोदी ने) 2008 के मुंबई आतंकी हमले और 2016 के पठानकोट आतंकवादी हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाने का पाकिस्तान से आह्वान किया.”
वक्तव्य के मुताबिक मोदी और ओबामा ने अपनी बातचीत में आतंकवाद से मानवता को सतत खतरे की बात मानी और पेरिस से लेकर पठानकोट तथा ब्रशेल्स से लेकर काबुल तक की हालिया आतंकी घटनाओं की निंदा की.
इधर, अमेरिका के विदेशी मामलों की हाउस कमिटी के चेयरमैन एडवर्ड रॉयस ने कहा है कि पठानकोट हमले के दोषियों को भी सजा मिलनी चाहिए. कुछ कामों के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिलकर काम करना होता है.
मुंबई : बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स आज फिर बढ़त के साथ खुला है और शुरुआती कारोबार में बिकवाली की वजह से 22 अंकों की तेजी के साथ 27000 के स्तर के पार चला गया है. इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 4 अंकों की तेजी के साथ शुरुआती कारोबार में 8,271 अंक पर कारोबार कर रहा है. मिडकैप और स्मॉलकैप के शेयरों में भी तेजी का सिलसिला जारी है. मिडकैप के शेयर 14 अंकों की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है, जबकि स्मॉलकैप के शेयरों में 17 अंकों की बढत दर्ज की जा रही है.
मंगलवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है. मौसम वैज्ञानिकों ने इस साल अच्छी बारिश की उम्मीद जतायी है. रिजर्व बैंक ने भी मानसून अच्दा रहने पर अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों पर विचार करने के संकेत दिये हैं. मंगलवार को रिजर्व बैंक के फैसला का बाजार पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा. बाजार पहले से ही आश्वस्त था कि इस बार ब्याज दरों में कटौती नहीं होगी.
नीतिगत ब्याज दरों को उदार रखने के भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले के बीच लिवाली समर्थन के चलते सेंसेक्स मंगलवार को 232 अंक उछल कर एक बार फिर 27000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर सात महीने के उच्च स्तर पर बंद हुआ. सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच बैंकिंग व रीयल्टी क्षेत्र के शेयर चमक में रहे. सूचकांक दिनभर के कारोबार के बाद 232.22 अंक की मजबूती दिखाता हुआ 27009.67 अंक पर बंद हुआ जो इसका 28 अक्तूबर 2015 के बाद का उच्च स्तर है. नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 65.40 अंक चढकर 8266.45 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 8,294.95 और 8216.40 अंक के दायरे में रहा.
नयी दिल्ली : ट्रेनों में अब बच्चों को बेबी फूड मिलेगा. रेलमंत्री सुरेश प्रभु आज इस कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे. वे आज एक समारोह में जननी सेवा का उद्घाटन करेंगे. जननी सेवा के तहत ट्रेनों के अलावा रेलवे स्टेशन पर भी गर्म दूध, बेबी फूड, चॉकलेट व बिस्किट उपलब्ध होगा. इससे वैसे माता-पिता को सुविधा होगी जो अपने छोटे बच्चे को लेकर यात्रा करते हैं. अभी छोटे बच्चों के परिवार वालों को यात्रा के समय काफी परेशानी का सामना करना होता है और बहुत सारी चीजें इंतजाम कर यात्रा करना होता है.
रेलवे स्टेशनों पर जोनल रेलवे, आइआरसीटीसी स्टॉलो पर अब अनिवार्य रूप से गर्म दूध, गर्म पानी , चॉकलेट व अन्य दूसरे बेबी फूड मिलेगा.
वाशिंगटन : राष्ट्रपति बराक ओबामा मोहम्मद अली के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाएंगे. इस संबंध में व्हाइट हाउस की ओर से एक बयान जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा महान बॉक्सर मोहम्मद अली के अंतिम संस्कार में शरीक नहीं होंगे क्योंकि संयोगवश उनकी बडी बेटी का ग्रैजुएशन समारोह भी उसी समय होना है.
प्रवक्ता जेन फ्रीडमैन ने बताया, ‘‘वे वाशिंगटन डीसी में मालिया के हाई स्कूल ग्रैजुएशन समारोह में शामिल होंगे.”” उन्होंने बताया, ‘‘उनका एक करीबी सहयोगी राष्ट्रपति ओबामा और प्रथम महिला की ओर से शुक्रवार को लुइसविले में :दिवंगत मोहम्मद अली के लिए: उनका शोक संदेश पढेगा.””
आपको बता दें कि बॉक्सिंग ”ग्रेट” मोहम्मद अली को सांस की तकलीफ़ की वजह से अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जिसके बाद पिछले दिनों उनका निधन हो गया. बॉक्सिंग छोड़ने के बाद 1984 में अली के पारकिंसन की बीमारी का पता चला था. तीन बार के विश्व चैंपियन रह चुके अली अंतिम बार पेशाब की नली में संक्रमण की वजह से जनवरी 2015 में अस्पताल में भर्ती हुए थे.
नयी दिल्ली : इशरत जहां के कथित फर्जी मुठभेड में मारे जाने से जुडी गायब हुई फाइलें पता लगाने के लिए गठित एक सदस्यीय समिति के हाथ कुछ अहम दस्तावेज लगे हैं. मामले में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ के बाद इस दस्तावेज को बरामद किया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव बी के प्रसाद की सदस्यता वाली समिति ने तत्कालीन गृह सचिव जी के पिल्लई की ओर से तत्कालीन अटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती को लिखे गए एक पत्र की एक प्रति बरामद की है.
गृह मंत्रालय के एक कंप्यूटर के हार्ड डिस्क से यह बरामद किया गया है. जांच समिति को इस पत्र के बारे में सुराग तीन पूर्व संयुक्त सचिवों से पूछताछ के बाद मिला. ये तीनों अधिकारी गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव के तौर पर अपनी तैनाती के दौरान संवेदनशील आंतरिक सुरक्षा प्रभाग संभाल रहे थे. सूत्रों ने बताया कि इन अधिकारियों में सेवानिवृत आईएएस अधिकारी देवेराकोंडा दीप्तिविलास और सेवारत आईएएस अधिकारी धर्मेंद्र शर्मा और राकेश सिंह शामिल हैं.
निदेशक, उप-सचिव एवं अवर सचिव रैंक के कई अधिकारियों से भी समिति ने पूछताछ की. जांच समिति अब तक इशरत मामले से जुडी अन्य गायब फाइलों का पता नहीं लगा पाई है. एक सदस्यीय समिति का गठन तब किया गया था जब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 10 मार्च को संसद में बताया था कि इशरत मामले से जुडी फाइलें गायब हैं.