आतंकी पनाहगाहों की मौजूदगी पाक के साथ रिश्तों असर : पेंटागन

वाशिंगटन : पेंटागन ने कहा है कि पाकिस्तान में आतंकवादियों की पनाहगाहों की मौजूदगी बने रहने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने में पाकिस्तान की अक्षमता से अमेरिका और पाकिस्तान के बीच सुरक्षा सहयोग सहित द्विपक्षीय संबंध प्रभावित होते हैं. पेंटागन ने कल कांग्रेस को अफगानिस्तान पर अपनी छमाही रिपोर्ट भेजी, जिसमें कहा गया, ‘अमेरिका लगातार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2016 10:42 AM

वाशिंगटन : पेंटागन ने कहा है कि पाकिस्तान में आतंकवादियों की पनाहगाहों की मौजूदगी बने रहने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने में पाकिस्तान की अक्षमता से अमेरिका और पाकिस्तान के बीच सुरक्षा सहयोग सहित द्विपक्षीय संबंध प्रभावित होते हैं. पेंटागन ने कल कांग्रेस को अफगानिस्तान पर अपनी छमाही रिपोर्ट भेजी, जिसमें कहा गया, ‘अमेरिका लगातार पाकिस्तान के साथ उन कदमों के बारे में स्पष्ट रहा है, जो उसे सुरक्षा का माहौल सुधारने और आतंकियों एवं चरमपंथी समूहों को सुरक्षित ठिकाने न मिलने देने के लिए उठाने चाहिए.’ रिपोर्ट में कहा गया कि इसकी वजह से सुरक्षा एवं अफगानिस्तान में स्थिरता पर पाकिस्तान के साथ अमेरिका की वार्ता तो प्रभावित होती ही है, साथ ही साथ सुरक्षा सहयोग जैसे अन्य मुद्दों की चर्चा के दौरान अमेरिका-पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंध पर भी असर पडता है.’

हक्कानी के खिलाफ पाक की कार्रवाई से कार्टर संतुष्‍ट नहीं

अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की है. परिणामस्वरुप, पेंटागन ने 30 सितंबर को खत्म होने वाले मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए गठबंधन सहयोग कोष के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड डॉलर की राशि रोक रखी है. पेंटागन ने पाकिस्तान को दिए अपने स्पष्ट संदेश में कहा कि अफगानिस्तान-पाकिस्तान का सीमा क्षेत्र विभिन्न समूहों के लिए शरण स्थली बना हुआ है.

100 से भी अधिक पृष्ठों में जारी इस रिपोर्ट में कहा गया, ‘इनमें तालिबान, अलकायदा, एक्यूआईएस, हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, आईएस-के और इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान शामिल हैं. इस तरह की शरण स्थली और ऐसे समूहों की मौजूदगी दोनों देशों के लिए सुरक्षा चुनौती बने हुए हैं और यह क्षेत्रीय स्थिरता एवं सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है.’

आतंकवादी शक्तियों को कम करने के लिए काम करे पाक

पेंटागन ने कहा, ‘खासकर अफगानिस्तान के कुनार सूबे में हालिया कुछ हमलों और पाकिस्तान से लगती 160 मील लंबी सीमा के पास एएनडीएसएफ की सीमित मौजूदगी के कारण सुरक्षा की स्थिति पिछले कुछ महीनों से बिगड गई है.’ रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमाक्षेत्र में अलकायदा का अहम नेतृत्व कम तो हुआ है, लेकिन ऐसे तत्व दोनों ओर की सीमा क्षेत्र में लगातार पनाह की तलाश में हैं और हमले की योजना बना रहे हैं. इसके अनुसार, ‘पाकिस्तान को निश्चित रुप से आतंकवादियों के खतरों और क्षेत्र में आतंकवादी समूहों में कमी लाने में भूमिका निभानी होगी.’

रिपोर्ट के अनुसार, ‘हालांकि हक्कानी नेटवर्क और तालिबान पर दबाव कायम करने के पाकिस्तान के प्रयास और इस तरह का खतरा पैदा करने वाले स्रोत की सक्रियता कम करने में पाकिस्तान की भूमिका ने क्षेत्र में हिंसा, इन समूहों का खतरा कम करने और आतंकवाद विरोधी मुद्दों पर स्थायी प्रगति हासिल करने में मदद पहुंचाई है.’ बहरहाल, पेंटागन ने यह स्वीकार किया कि तालिबान के साथ शांति वार्ताओं में पाकिस्तान ने अहम भूमिका निभाई है.

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