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काबुल में बस पर फिदायीन हमला, 20 की मौत, तालिबान ने ली जिम्मेदारी

काबुल : अफगानिस्तान के काबुल में सरकारी कर्मचारियों को ले जा रही एक बस में धमाका होने की खबर है जिसमें कई लोगों के मारे जाने की आशंका है. एएफपी के एक पत्रकार की माने तो इस घटना में कई लोगों के हताहत होने की आशंका है और घटनास्थल पर दो दर्जन से ज्यादा एंबुलेंस […]

काबुल : अफगानिस्तान के काबुल में सरकारी कर्मचारियों को ले जा रही एक बस में धमाका होने की खबर है जिसमें कई लोगों के मारे जाने की आशंका है. एएफपी के एक पत्रकार की माने तो इस घटना में कई लोगों के हताहत होने की आशंका है और घटनास्थल पर दो दर्जन से ज्यादा एंबुलेंस पहुंची हैं.Pajhwok Afghan News के अनुसार इस हमले में 20 लोगों की मौत हुई है जबकि 8 लोग घायल हो गए हैं. हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है.

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता सिदीक सिद्दीकी ने कहा कि आठ अन्य लोग इस हमले में घायल हो गए हैं और पुलिस पीडितों के राष्ट्रीयता की पहचान के लिए काम कर रही है. सिद्दीकी ने कहा, ‘‘आत्मघाती हमलावर ने विदेशी कंपनी के सुरक्षाकर्मियों की मिनीबस को निशाना बनाया. फिलहाल हम पीडितों की राष्ट्रीयता की पहचान के लिए काम कर रहे हैं.’ लेकिन एक पुलिस अधिकारी ने एपी को बताया कि मारे गए 14 लोग नेपाली नागरिक थे, जो एक निजी कंपनी में सुरक्षाकर्मियों के तौर पर कार्यरत थे.

मीडिया से बात के लिए अधिकृत न होने की वजह से नाम उजागर न करने के अनुरोध के साथ अधिकारी ने कहा कि घायलों में चार अफगान नागरिक शामिल हैं. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने हमले की जिम्मेदारी ली है. तालिबानी चरमपंथियों ने सरकारी कर्मचारियों और अफगान सुरक्षा बलों पर देशभर में हमले तेज कर दिए हैं.

पुलिस के अनुसार बस में दो धमाके हुए हैं. धमाके में घायल लोगों को एम्बुलेंस के माध्‍यम से अस्पताल ले जाया गया जहां कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बस के अंदर कुछ विदेशी भी मौजूद थे.पूर्वी शहर जलालाबाद की ओर जाने वाली मुख्य सडक पर किए गए इस हमले में कई लोग हताहत हुए हैं. पुलिस के अनुसार, हमलावर पैदल ही आया था. पुलिस ने मृतक संख्या बताने से इंकार कर दिया लेकिन कहा कि बस यात्रियों में से ‘‘कई लोग हताहत’ हुए हैं. ये बस यात्री ‘‘एक विदेशी कंपाउंड के कर्मचारी थे’. एएफपी के कैमरामैन के अनुसार, बस में नेपाली सुरक्षाकर्मी सवार थे। कैमरामैन ने यह भी बताया कि घटनास्थल पर दो दर्जन से ज्यादा एंबुलेंसें मौजूद थीं.

बीते छह जून से रमजान का पाक महीना शुरू होने के बाद से यह काबुल में पहला हमला है. अफगान राजधानी में पिछला हमला 19 अप्रैल को हुआ था, जिसमें 64 लोग मारे गए थे और 340 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. उस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली थी. वर्ष 2001 के अंत में अमेरिकी नेतृत्व में तालिबान को सत्ता से हटाए जाने के बाद से ही वह पश्चिमी देशों के समर्थन वाली काबुल सरकार के खिलाफ बगावत छेडे हुए है. वॉशिंगटन ने हाल ही में तालिबान के खिलाफ हवाई हमले करने के अमेरिकी सेना के अधिकारों को विस्तार दिए जाने से जुडी घोषणा की थी. इससे उन अफगान बलों की क्षमता को बढावा मिला, जिनके पास हवाई अभियानों से जुडी सीमित क्षमताएं ही हैं.

वर्ष 2015 से अमेरिकी बल अफगानिस्तान में परामर्शदाता की भूमिका में रहे हैं. उन्हें रक्षात्मक कारणों से या अफगान सैनिकों की सुरक्षा के लिए तालिबान के ठिकानों को निशाना बनाने का ही अधिकार था. इन बदलावों का अर्थ यह है कि अब अमेरिकी सैनिक तालिबान पर हमला करने के लिए स्थानीय लडाकों के साथ मिलकर काम कर सकेंगे. तालिबान सभी विदेशी बलों की वापसी की मांग उठा चुका है.

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