NSG में भारत की एंट्री को लेकर अमेरिका और चीन आमने-सामने!
वाशिंगटन : अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता का एक बार फिर समर्थन किया है. अमेरिका ने एनएसजी के सदस्यों से सोमवार को कहा कि वे सोल में शुरू होने वाली अपनी बैठक के दौरान एनएसजी में शामिल होने संबंधी भारत के आवदेन पर विचार करें और उसे समर्थन दें. व्हाइट […]
वाशिंगटन : अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता का एक बार फिर समर्थन किया है. अमेरिका ने एनएसजी के सदस्यों से सोमवार को कहा कि वे सोल में शुरू होने वाली अपनी बैठक के दौरान एनएसजी में शामिल होने संबंधी भारत के आवदेन पर विचार करें और उसे समर्थन दें. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमारा मानना है और यह कुछ समय से अमेरिका की नीति रही है कि भारत सदस्यता के लिए तैयार है और अमेरिका भाग लेने वाली सरकारों से अपील करता है कि वे एनएसजी की पूर्ण बैठक में भारत के आवेदन को समर्थन दें.’
अर्नेस्ट ने कहा, ‘‘ साथ ही, किसी भी आवेदक को समूह में शामिल करने के लिए भाग लेने वाली सरकारों को सर्वसम्मति से निर्णय पर पहुंचने की आवश्यकता होगी और अमेरिका भारत की सदस्यता की निश्चित रुप से वकालत करेगा.’ अर्नेस्ट का बयान ऐसे समय में आया है जब चीन ने कहा है कि भारतीय की सदस्यता का मामला एनएसजी की बैठक के एजेंडे में नहीं है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने प्रवक्ता जॉन किर्बी ने भी एक अन्य संवाददाता सम्मेलन में अर्नेस्ट की बात दोहराई.
आपको बता दें कि सोमवार को चीन ने कहा है कि दक्षिण कोरिया के सोल में हो रही परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह यानी एनएसजी की बैठक के एजेंडे में भारत को इसकी सदस्यता देने का मुद्दा शामिल नहीं है. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता होवा चुनिइंग ने कहा कि एनएसजी की वार्षिक बैठक में नये सदस्यों को शामिल किया जाना एजेंडे में कभी नहीं रहा. उन्होंने कहा कि बिना परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किये भारत को इसकी सदस्यता नहीं मिलनी चाहिए और अगर उसे इसकी सदस्यता मिलती है तो अन्य दूसरे देशों जिन्होंने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं उन्हें भी सदस्यता मिलनी चाहिए.