चीन और रुस के विकास को रोकने के लिए अमेरिका चाहता है एनएसजी में भारत की इंट्री : पाकिस्तान

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासिर जनजुआ ने आरोप लगाया कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत को शामिल कराने की अमेरिका की कोशिश चीन पर अंकुश लगाने औररूस के उदय को रोकने की एक ‘‘बड़ी साजिश’ का हिस्सा है.जनजुआ ने कल ‘‘एनएसजी की सदस्यता के लिए पाकिस्तान का मामला’ पर आयोजित एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2016 4:47 PM

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासिर जनजुआ ने आरोप लगाया कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत को शामिल कराने की अमेरिका की कोशिश चीन पर अंकुश लगाने औररूस के उदय को रोकने की एक ‘‘बड़ी साजिश’ का हिस्सा है.जनजुआ ने कल ‘‘एनएसजी की सदस्यता के लिए पाकिस्तान का मामला’ पर आयोजित एक गोष्ठी में कहा, ‘‘यह एकबड़ी साजिश का हिस्सा है.’ उन्होंने कहा कि 48 राष्ट्रों के विशेष परमाणु क्लब में भारत को शामिल करने की अमेरिका की मौजूदा मुहिम को ‘वैश्विक सत्ता राजनीतिक रुझान’ के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए.

दैनिक एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार जनजुआ ने ‘‘चीन को थामने,रूस के उदय को रोकने और मुस्लिम जगत को नियंत्रित अराजकता में रखने’ को मौजूदा वैश्विक राजनीति के अग्रणी रुझान केरूप में गिनाया.

पाकिस्तानी दैनिक ने कहा कि यह अपने आप में अभूतपूर्व है कि किसी शीर्ष पाकिस्तानी अधिकारी ने किसी संवेदनशील मुद्दे पर इस तरह का पहला बेबाक बयान दिया है.

इन विकास क्रम के निहितार्थ के बारे में चर्चा करते हुए जनजुआ ने आगाह किया कि अमेरिकी नीतियां पाकिस्तान को चीन के और भी नजदीक ला देंगी.

अखबार ने कहा कि भारत के लिए आक्रामक अभियान चलाने और एनएसजी का सदस्य बनने की पाकिस्तानी आकांक्षाओं को नजरअंदाज करने के अमेरिका के फैसले से पाकिस्तान चिंतित है.

पिछले महीने, पाकिस्तान ने औपचारिक रूप से एनएसजी की सदस्यता के लिए आवेदन किया था जिससे इस समूह के सोल अधिवेशन में भारत के साथ तनातनी का मंच तैयार हो गया.

पाकिस्तानी अखबार ने कहा कि एनएसजी के लिए भारत की सदस्यता के अभियान को पाकिस्तान और उसके साथ ही चीन के साथ रिश्ते बिगाड़ने के खतरों केरूप में देखा जा रहा है. चीन भारत के आवेदन पर वीटो कर सकता है.

अखबार के अनुसार पाकिस्तान को डर है कि एनएसजी में भारत को शामिल करने से सामरिक संतुलन बिगड़ सकता है और दक्षिण एशिया में हथियारों कीनयी होड़शुरू हो सकती है. इस बीच, संयुक्त राष्ट्र में जिनेवा में पाकिस्तान के पूर्व स्थायी सदस्य जमीर अकरम ने कहा कि उनका देश एनएसजी में भारत के लिए ‘‘विशिष्ट सदस्यता’ के सिर्फ खिलाफ है.

अकरम यहां स्ट्रैटेजिक विजन इंस्टीट्यूट में आयोजित एक गोष्ठी में कल बोल रहे थे.

इस बीच, ‘डॉन’ की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अकरम की यह टिप्पणी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इस बयान के बादआयी है कि भारत गुण-दोष के आधार पर एनएसजी में पाकिस्तान समेत किसी भी देश के शामिल होने के खिलाफ नहीं है.

अकरम ने कहा, ‘‘पाकिस्तान ऐसी कसौटी के विकास का समर्थन करता है जिसे हर एक पर लागू किया जा सके.’ पाकिस्तानी अखबार ने टिप्पणी की है कि भारतीय और पाकिस्तानी टिप्पणियां इंगित कर रही हैं कि एनएसजी में प्रवेश के उनके अभियान अब ‘कसौटी’ पर आ चुके हैं.

अकरम ने ऐसे परिदृश्य के संभावित निहितार्थों के बारे में चेताया है जिसमें अकेले भारत को एनएसजी में प्रवेश मिलता है और इस क्लब में पाकिस्तान के शामिल होने की संभावना धूमिल हो जाती है और भारत के परमाणु जखीरे में संभावित इजाफा होता है.

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