कराची : अज्ञात बंदूकधारियों ने आज यहां एक पूर्वनियोजित हमले में पाकिस्तान के बेहतरीन कव्वालों में से एक अहमद साबरी की गोली मारकर हत्या कर दी. साबरी को रुह को छूने वाली सूफी गायिकी के लिए जाना जाता था. 45 साल के गायक और उनके एक सहयोगी कराची के लियाकतबाद 10 इलाके में कार में सफर कर रहे थे जब मोटरसाइकिल सवार अज्ञात बंदूकधारियों ने उनके वाहन पर गोलियां चलायीं जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए.
दोनों को अब्बासी शहीद अस्पताल ले जाया गया जहां साबरी ने दम तोड़ दिया. बाद में उनके सहयोगी की भी मौत हो गयी. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘साबरी के सीने और सिर में गोली लगी थी, उन्हें तत्काल अब्बासी शहीद अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. हमले में उनके सहयोगी की भी मौत हो गयी.’ अतिरिक्त पुलिस सर्जन डॉ रोहिना हसन ने साबरी की मौत की पुष्टि की. उन्हें तीन बार- दो बार सिर में और एक बार कान में गोली मारी गयी.
प्रसिद्ध कव्वाल गुलाम फरीद साबरी के बेटे अहमद साबरी का परिवार सूफी कला और सूफी कविता के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए पूरे उपमहाद्वीप में मशहूर है. साबरी की सबसे प्रसिद्ध और यादगार कव्वालियों में ‘भर दो झोली’, ‘ताजदार-ए-हरम’ और ‘मेरा कोई नहीं है तेरे सिवा’ शामिल हैं. साबरी ने यूरोप और अमेरिका में कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए थे. उन्हें गायिकी की आधुनिक शैली के लिए कव्वाली का ‘‘रॉकस्टार’ कहा जाता था.