एनएसजी में सदस्यता पाने के लिए चीन के सामने नतमस्तक हुआ पाकिस्तान
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को धन्यवाद देते हुए कहा है कि न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में हमारी सदस्यता को लेकर जो चीन प्रयासरत है उसके लिए हम सदा आभारी रहेंगे. पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा है कि इस मामले में चीन का रुख बिना भेदभाव वाला है. […]
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को धन्यवाद देते हुए कहा है कि न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में हमारी सदस्यता को लेकर जो चीन प्रयासरत है उसके लिए हम सदा आभारी रहेंगे. पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा है कि इस मामले में चीन का रुख बिना भेदभाव वाला है. प्राप्त जानकारी के अनुसार आज ताशकंद में शुरू होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से इतर चीनी और पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल एक दूसरे से रु-ब-रु होंगे.पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा कि पाकिस्तान और भारत को एक ही समय में एनएसजी की सदस्यता मिलनी चाहिए.
गौरतलब है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार यानी आज ताशकंद में शुरू होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात करेंगे जिसमें उम्मीद की जा रही है कि भारत एनएसजी में अपनी सदस्यता के लिए चीन से समर्थन का आग्रह करेगा. भारत को रुस, अमेरिका, फ्रांस सहित कई देशों का समर्थन अबतक प्राप्त हो चुका है.
भारत का विरोध कर रहा है पाकिस्तान
भारत के विरोध में पाकिस्तान का तर्क है कि भारत को परमाणु साजो-सामान और तकनीक देने से उसके सैन्य परमाणु कार्यक्रम को बड़ी मदद मिलेगी. इससे परमाणु हथियारों की दौड़ को बढ़ावा मिलेगा. लेकिन यह तर्क बेमानी है, क्योंकि पाकिस्तान फिसिल मैटेरियल कट-ऑफ ट्रीटी का जोरदार विरोध करता है, जो सभी देशों में परमाणु हथियारों को कम करने के लिए लाया गया है. यह संधि पाकिस्तान की शंकाओं का समाधान करती है, पर उसने इसे मानने से इनकार कर दिया है.
चीन का अवरोध
चीन का कहना है कि जिन आधारों पर भारत को सदस्यता दी जा सकती है, उन्हीं आधारों पर अन्य देशों को भी एनएसजी में शामिल किया जाना चाहिए. ऐसे में न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में पाकिस्तान के शामिल होने की राह भी खुल जायेगी, जिस पर अनेक देशों को आपत्ति है, क्योंकि पाकिस्तान ने गुप-चुप तरीके से ईरान, लीबिया और उत्तरी कोरिया को परमाणु तकनीक मुहैया कराया है. चीन को मनाने के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई गए हैं जहां सी जिंनपिंग से उनकी मुलाकात होगी.