अमेरिका-पाक संबंध को ‘एफ-16 सौदे” से जोड कर नहीं देखा जाना चाहिए

इस्लामाबाद : अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में ताजा तनाव की शुरुआत तब हुई जब पाकिस्तान को विमान बेचने पर अमेरिकी कांग्रेस ने आपत्ति जता दी थी लेकिन इस मामले को पाकिस्तान ने गंभीरता से नहीं लिया है और कहा है कि एफ-16 सौदा रद्द होने की घटना को अमेरिका के साथ उसके संबंधों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2016 7:42 AM

इस्लामाबाद : अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में ताजा तनाव की शुरुआत तब हुई जब पाकिस्तान को विमान बेचने पर अमेरिकी कांग्रेस ने आपत्ति जता दी थी लेकिन इस मामले को पाकिस्तान ने गंभीरता से नहीं लिया है और कहा है कि एफ-16 सौदा रद्द होने की घटना को अमेरिका के साथ उसके संबंधों के साथ जोडकर नहीं देखा जाना चाहिए. पाकिस्तान ने कहा है कि उसे इन लडाकू विमानों को हासिल करने के संबंध में अभी भी उम्मीदें हैं.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि पाकिस्तान… अमेरिका संबंधों को इस सौदे से जोड कर नहीं देखा जाना चाहिए. हमारे रिश्ते अत्यंत व्यापक हैं और कूटनीति में हम कभी नहीं कहते कि दरवाजे बंद हो गए हैं. प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका से आठ एफ-16 विमान हासिल करने का उद्देश्य आतंकवाद निरोधक प्रयासों में पाकिस्तान की मदद करना है.

आपको बता दें कि अमेरिका फॉरन मिलिट्री फाइनैंसिंग प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान यह सौदा कर रहा था लेकिन कांग्रेस ने इस पर पाबंदियां लगा दीं जिनकी वजह से पाकिस्तान ये विमान नहीं खरीद पाया जिसके बाद पाकिस्तानी विदेश सचिव एजाज चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान अब जॉर्डन से एफ-16 लड़ाकू विमान खरीदेगा.

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