26/11 मामले में ज्यादा साक्ष्य की मांग को भारत ने किया खारिज
नयी दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान के इस दावे का आज विरोध किया कि इसने मुंबई हमला के मुकदमे को शीघ्र पूरा करने के लिए अतिरिक्त साक्ष्य मांगे हैं. नई दिल्ली ने कहा कि उसे इस्लामाबाद से कोई नया पत्र नहीं मिला है.हालांकि, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा कि आने वाले दिनों में […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
July 1, 2016 10:18 PM
नयी दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान के इस दावे का आज विरोध किया कि इसने मुंबई हमला के मुकदमे को शीघ्र पूरा करने के लिए अतिरिक्त साक्ष्य मांगे हैं. नई दिल्ली ने कहा कि उसे इस्लामाबाद से कोई नया पत्र नहीं मिला है.हालांकि, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच और पत्राचार हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारत मुकदमे को तेज करने के लिए और सभी षड्यंत्रकर्ताओं को न्याय के दायरे में लाने के लिए पाकिस्तान को हर सहयोग करने को तैयार है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारा रुख बहुत साफ है. हम मुंबई आतंकी हमले के मुकदमे को तेज करने की शर्तों और सभी षड्यंत्रकर्ताओं को न्याय के दायरे में लाने के लिए पाकिस्तान को हर सहयोग मुहैया करने को प्रतिबद्ध बने रहेंगे. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दावा किया है कि उनके(पाक) विदेश सचिव ने हमारे (भारत के) विदेश सचिव को पत्र लिखा है.’
उन्होंने बताया, ‘‘इस सिलसिले में कोई नया पत्र नहीं मिला है. वह जिस चीज का जिक्र करे हैं वह पिछले साल सितंबर में लिखा गया पत्र है. हमारे विदेश सचिव ने उस पत्र का जवाब दिया था. हम मीडया में 24 गवाहों की सूची के बारे में सुनते रहे हैं, जिनकी पाकिस्तान को मुंबई मामले का मुकदमा आगे बढाने के लिए जरूरत है.’ स्वरुप ने कहा, ‘‘लेकिन इन 24 लोगों का ब्योरा बताते हुए अब तक हमे पाकिस्तान से कोई पत्र नहीं मिला है. मुंबई मामला का मुकदमा एक त्वरित निष्कर्ष पर पहुंचाने के लिए पाकिस्तान से सहयोग करने के हमारे वादे से आप आशा कर सकते हैं कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच और भी पत्राचार होंगे।’ एक दिन पहले ही पाकिस्तान ने कहा था कि इसने भारत से मुंबई हमला मामला के शीघ्र पूरा होने के लिए अतिरिक्त साक्ष्य मांगे हैं. इस मामले में लश्कर ए तैयबा के ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी और छह अन्य आरोपी हैं.
पाक विदेश कार्यकाल के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कल इस्लामाबाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमारे विदेश सचिव ने भारत के विदेश सचिव को अतिरिक्त साक्ष्य मुहैया करने को कहा है ताकि मुंबई मुकदमे की सुनवाई पूरी हो सके. भारत की ओर से जवाब का इंतजार है. ‘ विदेश मामलों पर पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज के एक बयान पर टिप्पणी करने को कहे जाने पर स्वरुप ने कहा कि भारत कभी भी पाकिस्तान के साथ बात करने से नहीं कतराया है और यह आतंक एवं हिंसा से मुक्त माहौल में सभी द्विपक्षीय लंबित मुद्दों पर चर्चा को तैयार है.
अजीज ने कहा था कि भारत वार्ता से कतरा रहा है. वहीं, स्वरुप ने कहा कि यह भारत है जिसने पाकिस्तान के साथ वार्ता की बार बार पहल की है …चाहे यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अपने शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होने के लिए अपने पाकिस्तान समकक्ष को न्योता देना हो या विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का दिसंबर में इस्लामाबाद जाना हो या दिसंबर में शरीफ को शुभकामना देने के लिए मोदी का लाहौर की यात्रा करना हो. उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि विदेश सचिव एस जयशंकर इस साल की प्रथम छमाही में पाकिस्तान जाने को तैयार थे लेकिन पठानकोट आतंकी घटना हो गई. एक हालिया संवाददाता सम्मेलन में सुषमा की टिप्पणी का जिक्र करते हुए स्वरुप ने कहा, ‘‘पठानकोट जैसी घटना के बाद भारत की सरकार और लोगों की यह यह स्वभाविक और उचित उम्मीद है कि पाकिस्तान की ओर से ठोस कार्रवाई होनी चाहिए जिसने पठानकोट हमले में अपने नागरिकों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया है. ‘ उन्होंने कहा , ‘‘इसलिए मंत्री ने कहा कि हम पाकिस्तान की ओर से एक ठोस जांच होने का इंतजार कर रहे हैं.’ पाकिस्तान की हिरासत में मौजूद नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की स्थिति पर स्वरुप ने कहा कि भारत ने उन्हें दूतावास सहायता उपलब्ध कराने की बार बार मांग की है.
उन्होंने कहा कि जाधव के बारे में पाकिस्तान की एक विशेष कहानी है. हमारा मानना है कि ईरान में जिन परिस्थितियों में उन्हें अगवा किया गया वह बहुत अस्पष्ट बना हुआ है. जब हमारा उनसे संपर्क होगा तभी वे परिस्थितियां स्पष्ट हो पाएंगी. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उनसे संपर्क नहीं होने देने के जरिए पाकिस्तान यह दर्शा रहा है कि कुछ छिपाने को है. इसलिए मुझे लगता है कि जब हमारा जाधव से संपर्क होगा तभी जाकर सब स्पष्ट हो पाएगा.