ढाका : बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए हमले में सत्तारुढ अवामी लीग के एक वरिष्ठ नेता के बेटे का भी हाथ हो सकता है. इस बाबत मीडिया में आशंका जतायी गयी है. इस आतंकी हमले में हमलावरों ने 20 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी. ‘बीडी न्यूज’ की खबर के अनुसार, पार्टी की ढाका शाखा के नेता और बांग्लादेश ओलंपिक एसोसिएशन के उपमहासचिव एस. एम. इम्तियाज खान बाबुल का बेटा रोहन इब्ने इम्तियाज की पहचान हमलावरों में से एक रुप में हुई है. उनकी पहचान पार्टी के ही एक अन्य नेता ने की है.
बाबुल ने इस वर्ष चार जनवरी को अपने बेटे के लापता होने की पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी. बीडी न्यूज ने फिलहाल आवामी लीग की ढाका शहर की निष्क्रिय इकाई के उपाध्यक्ष मुकुल चौधरी के हवाले से लिखा है, ‘‘मीडिया और फेसबुक पर तस्वीरें आने के बाद हमने उसकी (रोहन) पहचान, इम्तियाज बाबुल के बेटे के रुप में की है.’ रोहन ने ढाका के अमीर परिवारों में पसंद किए जाने वाले स्कूल ‘स्कूलास्टिका’ से ए-लेवेल किया है. उसकी मां इसी स्कूल में शिक्षिका हैं. उसके पूर्व सहपाठियों ने रोहन के माता-पिता के साथ उसकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर अपलोड की है, वहीं निगरानी संस्था एसआईटीई इंटेलिजेंस ने ट्विटर पर तस्वीर डाली है. संस्था द्वारा डाली गयी यह तस्वीर कथित रुप से इस्लामिक स्टेट की ओर से जारी हमलावरों की तस्वीर है. सेना का कहना है कि ढाका के इस रेस्तरां पर हुए हमले और अभियान के दौरान छह हमलावर मारे गए हैं जबकि 20 बंधक, ज्यादातर विदेशी, भीतर मृत मिले.
पुलिस ने बाद में पांच शवों की तस्वीरें जारी कीं, जो उनके अनुसार हमलावर थे. रिश्तेदारों का कहना है कि लेकिन इनमें रोहन की तस्वीरें नहीं हैं. एसआईटीई या पुलिस द्वारा दिए गए नाम या तस्वीरों में भी रोहन का जिक्र नहीं है. एसआईटीई ने पांच हमलावरों की पहचान अबु उमर, अबु सलाम, अबु रहीम, अबु मुस्लिम और अबु मुहरिब अल-बंगाली के रुप में की है. पुलिस ने जो नाम बताए हैं, वे हैं… आकाश, बिकास, डॉन, बधोन और रिपन. पुलिस महानिरीक्षक ए. के. एम. शहीदुल हक ने आज मीडिया से कहा कि पांच हमलावर आतंकवादी संगठन जमातुल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश के सदस्य थे. उन्होंने दावा किया कि पुलिस को कुछ वक्त से इनकी तलाश थी. चौधरी का कहना है कि सोशल मीडिया पर रोहन की तस्वीरें आने के बाद से वे बाबुल से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं.
बाबुल द्वारा पुलिस में दी गयी शिकायत के अनुसार, 20 वर्षीय रोहन बीआरएसी विश्वविद्यालय का छात्र था. ऐसा कहा जा रहा है कि बाबुल 25 दिसंबर, 2015 को अपनी पत्नी का इलाज कराने भारत गए, और 30 दिसंबर को ढाका से उन्हें सूचना दी गयी कि रोहन घर वापस नहीं लौटा है.