पुणे के पुलिसकर्मी दंपती के ‘एवरेस्ट फतह करने के दावों” की जांच कर रहा है नेपाल
काठमांडो : भारतीय पुलिसकर्मी दंपती के माउंट एवरेस्ट पर चढने के दावों के विवादों में पडने के बाद अब नेपाल इसकी जांच करेगा आरोप लग रहे हैं कि इस दंपती के दावे झूठे हैं और उनकी तस्वीरों के साथ छेडछाड की गई है. पुणे पुलिस में हवलदार तारकेश्वरी और दिनेश राठौर ने 5 जून को […]
काठमांडो : भारतीय पुलिसकर्मी दंपती के माउंट एवरेस्ट पर चढने के दावों के विवादों में पडने के बाद अब नेपाल इसकी जांच करेगा आरोप लग रहे हैं कि इस दंपती के दावे झूठे हैं और उनकी तस्वीरों के साथ छेडछाड की गई है. पुणे पुलिस में हवलदार तारकेश्वरी और दिनेश राठौर ने 5 जून को दावा किया था कि 23 मई को माउंट एवरेस्ट की चढाई पूरी करके वे ऐसे पहले भारतीय दंपत्ति बन गए हैं. उन्होंने कथित तौर पर दुनिया की सबसे उंची चोटी पर अपने फर्जी फोटो नेपाल के पर्यटन विभाग को सौंपे थे जिसके बाद उन्हें यहां से शिखर फतह करने का प्रमाण पत्र मिल गया था.
नेपाल के पर्यटन मंत्रालय के तहत आने वाले माउंटेनियरिंग विभाग के प्रमुख लक्ष्मण शर्मा ने बताया कि राठौर और उनकी पत्नी ने एवरेस्ट फतह करने के जो दावे किए हैं अधिकारी उनकी जांच कर रहे हैं. उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘यह दंपती भारत लौट चुका है और हमने इस अभियान का प्रबंध करने वाली स्थानीय एजेंसी मकालु एडवेंचर से इस मामले पर 24 घंटे के भीतर सफाई मांगी है. इस दंपती ने 8,850 मीटर (29,035 फीट) की चोटी पर अपनी तस्वीरें प्रस्तुत की थीं जिसके बाद नेपाल सरकार ने उन्हें प्रमाण पत्र जारी किया था.
लेकिन अन्य पर्वतारोहियों का कहना है कि यह दंपती बड़ी चोटी पर कभी पहुंच ही नहीं पाया था और प्रमाण पत्र को पाने के लिए उन्होंने ट्रिक फोटोग्राफी का इस्तेमाल किया है. हिमालयन टाइम्स के मुताबिक 21 मई को एवरेस्ट की चढाई पूरी करने वाले बेंगलुरु के पर्वतारोही सत्यरूप सिद्धांत ने आरोप लगाया है कि इस दंपत्ति ने उनकी तस्वीरों का इस्तेमाल किया है.
पर्यटन विभाग के एक सूत्र का भी कहना है कि उन्हें भारतीय दंपती के इस दावे पर संदेह है. अधिकारियों का कहना है कि आरोप सही पाए जाने पर दंपती से प्रमाण पत्र वापस ले लिया जाएगा और नेपाल में किसी भी पहाड़ पर चढने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.
पर्वतारोहियों के एक समूह ने उनके खिलाफ पुणे पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी जिसके बाद उनके दावों के सत्यापन के लिए भारत में भी जांच के आदेश दे दिए गए हैं. माउंट एवरेस्ट पर दो साल तक लगातार आयी प्राकृतिक आपदाओं के बाद इस साल यहां बड़ी संख्या में पर्वतारोही आ रहे हैं. अब तक 456 लोग यहां चढाई कर चुके हैं.