बीबीसी की ख़ास सिरीज़ ‘डरावने डॉक्टर’

विनीत खरे बीबीसी संवाददाता, दिल्ली कुछ दिन पहले मैं एक बच्चे से मिला जो डॉक्टर के पास पांव के अंगूठे में चुभन की शिकायत लेकर गया था. उसका परिवार करीब 30 लाख रुपए खर्च करने के बाद भी बच्चे का पांव बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है. परिवार का आरोप है कि डॉक्टरी लापरवाही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2016 9:54 AM
बीबीसी की ख़ास सिरीज़ 'डरावने डॉक्टर' 3

कुछ दिन पहले मैं एक बच्चे से मिला जो डॉक्टर के पास पांव के अंगूठे में चुभन की शिकायत लेकर गया था.

उसका परिवार करीब 30 लाख रुपए खर्च करने के बाद भी बच्चे का पांव बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है.

परिवार का आरोप है कि डॉक्टरी लापरवाही के कारण पांव में गैंगरीन हो गई थी.

आपने भी कथित डॉक्टरी लापरवाही के ऐसे मामले सुने होंगे.

बीबीसी की ख़ास सिरीज़ ‘डरावने डॉक्टर’ में हमने उन लोगों से बात की है जो डॉक्टरों के पास बहुत उम्मीदें लेकर गए थे, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी.

डॉक्टरी के पेशे को महान कहा जाता है. पिछले कुछ दशकों में इस क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हुए है और डॉक्टरों ने मुश्किल परिस्थितियों में अनेक लोगों की जान बचाई है.

लेकिन इस पेशे में अनेक कमियां भी घुस आई हैं. बीबीसी ने इस सिरीज़ में ध्यान केंद्रिय किया है इन कमियों पर और मरीज़ों के अधिकार पर.

बीबीसी की ख़ास सिरीज़ 'डरावने डॉक्टर' 4

साथ ही हम ये भी जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर कई डॉक्टर क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट क़ानून के खिलाफ़ क्यों है?

इस क़ानून का मक़सद है अस्पतालों, क्लीनिक के लिए न्यूनतम मानक निर्धारित करना.

भारत में डाक्टरी के पेश में कमीशन और कट्स की शिकायतें बढ़ रही हैं. इसी कारण से कई ईमानदार और लोगों की सेवा करने के बारे में प्रतिबद्ध डॉक्टर देश छोड़कर जा रहे हैं.

हम आपको सुनाएंगे एक ऐसे ही डॉक्टर की कहानी जो भारत छोड़कर लंदन चले गए.

और भी आपबीतियां होंगी, सिर्फ़ मरीजों की ही नहीं, डॉक्टरों की भी…और बताएंगे कि एक्सपर्ट्स की नज़र में इन परेशानियों का हल क्या है.

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