भारत बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिये अमेरिका से लेगा सहयोग

वाशिंगटन : सरकार देश में बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण की नयी प्रौद्योगिकी के लिए अमेरिका से सहयोग लेगी. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस सिलसिले में अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों से मिलेंगे. गडकरी एक सप्ताह के लिए अमेरिका जा रहे हैं. इस यात्रा का मकसद बुनियादी क्षेत्र में विदेशी निवेश आकर्षित करना है. देश के ढांचागत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2016 3:28 PM

वाशिंगटन : सरकार देश में बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण की नयी प्रौद्योगिकी के लिए अमेरिका से सहयोग लेगी. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस सिलसिले में अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों से मिलेंगे. गडकरी एक सप्ताह के लिए अमेरिका जा रहे हैं. इस यात्रा का मकसद बुनियादी क्षेत्र में विदेशी निवेश आकर्षित करना है. देश के ढांचागत क्षेत्र को अरबों डालर के निवेश की जरुरत है. अधिकारियों ने आज यहां कहा कि गडकरी राजमार्ग परियोजनाओं, निर्माण सामग्री, उपकरण, सुरंग निर्माण, स्मार्ट परिवहन प्रणाली (आईटीएस), सडक सुरक्षा तथा प्रशिक्षण संस्थान के संदर्भ में नयी से नयी प्रौद्योगिकी के लिये अमेरिका से सहयोग की मांग करेंगे.

सडक परिवहन, राजमार्ग तथा पोत परिवहन मंत्री के प में अमेरिका की गडकरी पहली बार अमेरिका जा रहे हैं. वह वहां कल परिवहन मंत्री एंथनी फाक्स से मिलेंगे. अधिकारियों के अनुसार एंथनी के साथ बैठक में वह भारत में सडक एवं राजमार्ग क्षेत्र में नीतिगत सुधारों के लिए उठाए गए उल्लेखनीय कदमों की जानकारी देंगे। गडकरी अमेरिकी परिवहन मंत्री को वाहनों में प्रदूषण मानक बीएस-4 से सीधे बीएस-6 की छलांग के बारे में भी बताएंगे. बीएस-6 को 2020 तक लागू किया जाना है.

भारत सरकार का वाहनों के लिये वैकल्पिक ईंधन को बढावा देने पर जोर, ईंधन में एथेनॉल मिलाने का कार्यक्रम तथा कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जन में कमी को उच्च प्राथमिकता, कारों के लिये ईंधन दक्षता नियमों को अधिसूचित करना तथा दिसंबर 2016 तक भारी वाहनों के लिये ईंधन दक्षता नियम अधिसूचित करने का मामला भी बातचीत में प्रमुखता से उठेगा. गडकरी भारत-अमेरिकी चैंबर्स, लेपी मोगर्नर, गोल्डमैन साक्श तथा अन्य व्यापार मंचों द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रम में भी भाग लेंगे.

ये कार्यक्रम वाशिंगटन, न्यूयार्क तथा सैन फ्रांसिस्को में होंगे. इन कार्यक्रमों में बुनियादी ढांचा से जुडी अमेरिकी कंपनियां भाग लेंगी. बातचीत के दौरान वह अमेरिकी कंपनियों को भारत में विशेषकर राजमार्ग परियोजनाओं, भारतमाला परियोजनाओं, सुरंग परियोजनाओं, स्मार्ट परिवहन प्रणाली में व्यापार के अवसर तलाशने का निमंत्रण देंगे. वह अमेरिकी निवेशकों को बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिये दिये जा रहे राजकोषीय प्रोत्साहन के साथ स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई के बारे में भी जानकारी देंगे. भारत को अगले पांच साल में राजमार्ग क्षेत्र में करीब 150 अरब डालर के निवेश की उम्मीद है.

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