
जापान में उच्च सदन की आधी सीटों के लिए रविवार को हुए चुनाव के अंतिम नतीजे बताते हैं कि प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे की पार्टी ने बेहद अहम दो-तिहाई बहुमत हासिल कर लिया है.
इसके बाद प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे के पास देश के संविधान में संशोधन प्रस्तावित करने का विकल्प होगा.
शिंज़ो आबे क्षेत्र में चीन की बढ़ती ताक़त के मद्देनज़र ये संकेत दे चुके हैं कि जापान को अब ज़्यादा सक्रिय सैन्य भूमिका निभानी चाहिए.
हालांकि उन्होंने इस बात के संकेत भी दिए हैं कि वो संविधान संशोधन के लिए कोई जल्दबाज़ी नहीं करेंगे.

उन्होंने अपनी आर्थिक नीतियों को अपने चुनाव प्रचार का आधार बनाया था.
जापान की संसद के उच्च सदन में 242 सीटें हैं जिनमें से 121 पर मतदान हुआ है.
सदन की बाक़ी आधी सीटों में से आबे की पार्टी पहले से ही 77 पर क़ाबिज़ है.

माना जाता है कि शिंज़ों आबे संविधान के अनुच्छेद 9 में बदलाव लाना चाहते हैं.
संविधान का ये हिस्सा जापान को विदेशी धरती पर सेनाएं भेजने से रोकता है.
70 साल पहले जब जापान दूसरे विश्व युद्ध में हार गया था तब अमरीका ने जापान पर शांतिवादी संविधान थोपा था.
जापान में कुछ लोग इस प्रतिबंध को सही नहीं मानते हैं. चीन की बढ़ती सैन्य ताक़त और उपस्थिति भी जापान के लिए चिंता का विषय है.
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