प्रधानमंत्री ने घृणा की बात करने वालों से समाज को खतरे के प्रति चेताया

नैरोबी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज चेताया कि ‘घृणा और हिंसा की बात करने’ वाले हमारे समाज के तानेबाने के समक्ष खतरा उत्पन्न कर रहे हैं. उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में महत्वपूर्ण मानी जा रही है जब इस्लामी प्रवचनकर्ता जाकिर नाइक को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है. प्रधानमंत्री ने परोक्ष रुप में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2016 9:29 PM

नैरोबी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज चेताया कि ‘घृणा और हिंसा की बात करने’ वाले हमारे समाज के तानेबाने के समक्ष खतरा उत्पन्न कर रहे हैं. उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में महत्वपूर्ण मानी जा रही है जब इस्लामी प्रवचनकर्ता जाकिर नाइक को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है. प्रधानमंत्री ने परोक्ष रुप में पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग आतंकवादियों को शरण देते हैं और उनका राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं, उनकी निंदा करनी चाहिए.

नौरोबी विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए मोदी ने घृणा और आतंक मुक्त विश्व की वकालत की और कहा कि आर्थिक विकास के लाभ का फायदा उठाने के लिए लोगों और समाज की सुरक्षा जरुरी है. किसी का नाम लिये बिना मोदी ने कहा, ‘‘ घृणा और हिंसा की बात करने वाले हमारे समाज के तानेबाने के समक्ष खतरा उत्पन्न कर रहे हैं. ”
कट्टरपंथ का मुकाबला करने की जरुरत को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कट्टरपंथी विचारधारा का मुकाबला करने के लिये युवा एक जवाबी अवधारणा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.” प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में महत्वपूर्ण मानी जा रही है जब आतंकी संगठन आईएसआईएस कई स्थानों पर पांव पसार रहा है, विशेषतौर पर कट्टरपंथ के अपने अभियान के जरिये युवाओं को आकर्षित कर रहा है.
हाल ही में बांग्लादेश में एक कैफे पर छह पढे लिखे युवकों के हमले में 22 लोग मारे गए थे जिसमें से अधिकांश विदेशी थे. छह हमलावर कथित तौर पर विवादास्पद मुस्लिम उपदेशक जाकिर नाइक से प्रभावित थे जो एक टीवी चैनल पर प्रवचन देता था. ऐसी भी आशंकाएं हैं कि भारत के कुछ युवा आईएसआईएस के झांसे में आ रहे हैं और केरल में 15 युवाओं के संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने की खबर चिंताजनक मानी जा रही है.
विकास कार्यो का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने की ओर बढना हमारी प्राथमिकता है. लेकिन हम हमारे लोगों की सुरक्षा को नजरंदाज नहीं कर सकते. ” प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें उन लोगों की समान रुप से निंदा करनी चाहिए जो आतंकवादियों को शरण देते हैं और उनका राजनीतिक हथियार के रुप में इस्तेमाल करते हैं. ” मोदी ने जोर दिया, ‘‘आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती, कोई धर्म नहीं होता, कोई नस्ल नहीं होती और कोई मूल्य नहीं होता. ”

Next Article

Exit mobile version