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ब्रिटेन के लिए चुनौतीपूर्ण वक्त में थेरेसा मे का आना

ब्रेक्जिट के बाद के राजनीतिक उथल-पुथल के बीच 59 वर्षीय थेरेसा मे ब्रिटेन की अगली प्रधानमंत्री बन रही हैं. हालांकि उन्हें न तो कभी निवर्तमान प्रधानमंत्री डेविड कैमरून के उत्तराधिकारी के रूप में देखा गया था और न ही वे टोरी पार्टी की प्रभावशाली या लोकप्रिय नेताओं में गिनी जाती हैं. लेकिन, लंबे राजनीतिक जीवन […]

ब्रेक्जिट के बाद के राजनीतिक उथल-पुथल के बीच 59 वर्षीय थेरेसा मे ब्रिटेन की अगली प्रधानमंत्री बन रही हैं. हालांकि उन्हें न तो कभी निवर्तमान प्रधानमंत्री डेविड कैमरून के उत्तराधिकारी के रूप में देखा गया था और न ही वे टोरी पार्टी की प्रभावशाली या लोकप्रिय नेताओं में गिनी जाती हैं.
लेकिन, लंबे राजनीतिक जीवन के अनुभव तथा सीधा-सपाट तेवर उनकी विशिष्टताएं हैं. फिलहाल ब्रेक्जिट और पार्टी की आंतरिक खींचतान से उत्पन्न समस्याएं उनकी बड़ी चुनौतियां हैं. थेरेसा के जीवन और राजनीति पर एक नजर आज के ‘इन-डेप्थ’ में…
इस साल के शुरू में हर किसी को उम्मीद यही थी कि डेविड कैमरून 2019 तक अपने पद पर बने रहेंगे. उनके सबसे संभावित उत्तराधिकारी जॉर्ज ओसबोर्न और बोरिस जॉनसन माने जाते थे. यह भी चर्चा थी कि साजिद जाविद, निक्की मॉर्गन या स्टीफेन क्रैब पर भी निगाह रखने की जरूरत है. कुछ लोग इस दौड़ में रूथ डेविडसन को भी लाने पर विचार कर रहे थे. थेरेसा मे का जिक्र शायद ही कभी होता था, और अगर होता भी था, तो उन्हें तुरंत खारिज कर दिया जाता था कि उनके पास सदन में पीछे बैठनेवाले सांसदों का ज्यादा समर्थन नहीं है तथा डाउनिंग स्ट्रीट (प्रधानमंत्री का निवास और कार्यालय) में उन्हें नापसंद किया जाता है.
टोरी पार्टी के जानकारों की नजर में श्रीमती मे ब्रेक्जिट जनमत संग्रह के बाद होनेवाले कैबिनेट फेरबदल में हटाये जानेवाले मंत्रियों में प्रमुख नाम थीं.
बहरहाल, राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच थेरेसा मे ने तीन सप्ताह के भीतर अपने विरोधियों को चित्त करते हुए बड़ी मंजिल पा ली है. मार्गरेट थैचर के बाद ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बननेवाली वह दूसरी टोरी महिला होंगी. प्रधानमंत्री के रूप में थेरेसा मे क्षमता और नये विचारों को लेकर आ रही हैं. सोमवार के उनके भाषण से इसकी झलक भी मिलती है.
लेकिन, सच यह है कि उनकी सरकार के एजेंडे पर पूरा असर ब्रेक्जिट से जुड़े मसलों का रहेगा. ठंडी आर्थिक हवाएं श्रीमती मे के हनीमून के दौर को तुरंत खत्म कर सकती हैं. कुछ मायनों में वे जॉन मेजर के बाद ऐसी टोरी नेता हैं, जो बहुत दिलचस्प भी हैं और उन्हें समझना मुश्किल भी है. इसे डोनाल्ड रम्ज्फेल्ड ‘जानामाना अनजान’ की संज्ञा देते. जो भी हो, वे एक ऐसे समय में पदभार संभाल रही हैं, जो किसी चर्चिल के लिए भी बहुत चुनौतीपूर्ण होता.
(‘द गार्डियन’ के संपादकीय का अंश)
ब्रेक्जिट पर थेरेसा मे
ब्रेक्जिट का मतलब है ब्रेक्जिट. अभियान चलाये गये, मतदान हुआ, बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया और जनता ने अपना निर्णय दिया. यूरोपीय संघ में बने रहने का कोई प्रयास नहीं होना चाहिए, न ही पिछले दरवाजे से इसमें दुबारा शामिल होने की कोशिश होनी चाहिए, और न ही कोई दूसरा जनमत संग्रह कराया जाना चहिए. (30 जून)
मुझे नहीं लगता है कि हमें अब लोगों को ब्रेक्जिटवाले और रिमेनवाले के खाने में बांट कर देखना चाहिए. यूरोपीय संघ से बाहर निकलने की प्रक्रिया में सबसे अच्छा समझौता करने का काम हमारे सामने है और मैं इस संबंध में पूरी तरह से स्पष्ट हूं कि मैं ब्रेक्जिट को हासिल करूंगी. (08 जुलाई)
प्रमुख मुद्दों पर विचार
आप्रवसान: थेरेसा मे बीते छह सालों से ब्रिटेन की गृह सचिव हैं. इस लिहाज से आप्रवासन जैसे विवादास्पद मुद्दे पर उनके रवैये पर ही उनकी राजनीति की रूपरेखा तैयार होती है. उन्होंने आप्रवासियों की संख्या को सीमित करने का लक्ष्य प्रस्तावित नहीं किया था, पर उन्होंने बार-बार ऐसा करने की बात कही है. फिलहाल ब्रिटेन में आप्रवासन की सही संख्या 3.30 लाख है.
उनका सबसे बड़ा विवादास्पद निर्णय यह है कि ऐसे ब्रिटिश नागरिक अपने गैर-यूरोपीय जीवन साथी और बच्चों को ब्रिटेन नहीं ला सकते थे, जिनकी आय 18,600 पाउंड से कम है. अभी सर्वोच्च न्यायालय में इस कानून के विरुद्ध याचिका लंबित है. एक अन्य पहल में उन्होंने देश भर में गाड़ियां भेजी थीं, जिनमें अवैध आप्रवासियों को उनके मूल देश में भेजने के लिए लाया जाता था. ऐसे आप्रवासियों को फर्जी फोन भी किये जाते थे. इस योजना के तहत सिर्फ 11 लोगों को ब्रिटेन से बाहर भेजा जा सका.
जीवन परिचय
1956 में जन्म
थेरेसा का जन्म इस्टबर्न, ससेक्स में एक अक्तूबर, 1956 को हुआ.
1977 में िडग्री
ऑक्सफॉर्डशायर में हॉलटन पार्क गर्ल्स ग्रामर स्कूल में आरंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद ऑक्सफोर्ड में सेंट ह्यूज कॉलेज से वर्ष 1977 में जियोग्राफी में बीए की डिग्री हासिल की.
शुरुआती कैरियर
वर्ष 1977 में इन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत की और बैंक ऑफ इंगलैंड में काम शुरू किया. वर्ष 1983 तक ये इस प्रोफेशन से जुड़ी रहीं. वर्ष 1985 से 1997 के दौरान इन्होंने एसाेसिएशन फॉर पेमेंट क्लियरिंग सर्विसेज के लिए फाइनेंशियल कंसल्टेंट और सीनियर एडवाइजर के तौर पर काम किया.
राजनीति में प्रवेश
वर्ष 1992 में थेरेसा ने पहली बार जनरल इलेक्शन के दौरान नॉर्थ वेस्ट डरहम सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन वे हार गयीं. वर्ष 1997 में आयोजित आम चुनाव के दौरान वे मेडनहेड सीट से कंजर्वेटिव एमपी के तौर पर चुनाव जीतने में कामयाब रहीं.
वर्ष 1999 से 2010 तक विरोधी दल रही कंजर्वेटिव पार्टी की शैडो कैबिनेट में अलग-अलग समय पर ये श्रम, शिक्षा और पेंशन मंत्री रह चुकी हैं. इन सभी पद पर इनकी भूमिका काे बेहद दमदार माना गया. बाद में इन्हें विपक्षी दल का नेता बना बनाया गया.
पहली महिला चेयरमैन
वर्ष 2002 में थेरेसा को कंजर्वेटिव पार्टी की पहली महिला चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया गया था.
होम सेक्रेटरी और मंत्री
मई, 2010 में इन्हें होम सेक्रेटरी और मिनिस्टर फॉर विमेन एंड इक्वलिटी बनाया गया.
बतौर होम सेक्रेटरी सबसे लंबा कार्यकाल
वर्ष 2014 में थेरेसा पिछले 50 सालों के दौरान ब्रिटेन की सबसे ज्यादा दिनों तक होम सेक्रेटरी रहने का दर्जा प्राप्त कर चुकी थीं.
कंजर्वेटिव पार्टी का नेतृत्व
यूरोपियन यूनियन का सदस्य बने रहने या इससे हट जाने को लेकर हुए जनमतसंग्रह के नतीजे आने के बाद ब्रिटेन के प्रधामनंत्री डेविड कैमरून द्वारा इस्तीफा देने के बाद 30 जून, 2016 को थेरेसा मे ने कंजर्वेटिव पार्टी का नेतृत्व करने की घोषणा की.
सामाजिक कार्यकलापों में रुचि
थेरेसा की रुचि अन्य सामाजिक कार्यकलापों की ओर भी रही है. उनकी सामाजिक सक्रियता के कारण वर्ष 2006 में इन्हें समाज की प्रेरक महिलाओं के तौर पर नामांकित किया गया था.
रीडिंग िववि की कंजर्वेटिव एसोसिएशन की पेट्रॉन
थेरेसा रीडिंग यूनिवर्सिटी की कंजर्वेटिव एसोसिएशन की पेट्रॉन रह चुकी हैं. बर्कशायर में यह छात्रों का सबसे बड़ा राजनीतिक समूह माना जाता है.
ब्रिटेन की दूसरी सबसे ताकतवर महिला
फरवरी, 2013 में बीबीसी रेडियाे द्वारा महिलाओं के लिए किये जानेवाले एक खास कार्यक्रम के दौरान यह जिक्र किया गया कि थेरेसा ब्रिटेन की दूसरी सबसे ताकतवर महिला हैं.
शांत महिला की पहचान
ब्रिटिश राजनीति में थेरेसा की पहचान एक शांत और धीर महिला के तौर पर है.
वैवाहिक जीवन
थेरेसा ने 1980 में फिलिप मे से शादी की. फिलिप भी उन दिनों बैंक अधिकारी थे. इन दोनों को क्रिकेट के प्रति गहरी दिलचस्पी थी. एक डांस पार्टी के दौरान हुई इनके बीच की मुलाकात को शादी में तब्दील करने में पाकिस्तान की प्रधानमंत्री रह चुकीं बेनजीर भुट्टो का अहम योगदान माना जाता है. हालांकि, शादी के करीब साढ़े तीन दशक बीतने के बावजूद थेरेसा की कोई संतान नहीं है.
हॉबी खाना पकाने में थेरेसा की दिलचस्पी रही है. बताया जाता है कि इनके पास कुकरी की करीब 100 किताबें हैं. इसके अलावा उन्हें पहाड़ों पर चढ़ने में भी मजा आता है.
पैशन फॉर फैशन
ब्रिटेन में राजनीति को ग्लैमराइज करनेवालों में एक नाम थेरेसा का भी आता है. अपने ट्रेडमार्क फुटवियर के चलते वे अनेक बार इस कारण से भी चर्चा में रह चुकी हैं. कई बार फोटोग्राफरों को उनके फुटवियर को नजदीक से तसवीरें लेते देखा गया है. वर्ष 2004 में बर्नमाउथ में आयोजित कंजर्वेटिव पार्टी के एक सम्मेलन के दौरान फोटोग्राफरों ने विविध प्रकार से उनके फुटवियर पर फोकस करते हुए फोटो खींचे थे. उनके आलोचक तो यह भी कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री बनने के बाद वे राजनीति को ग्लैमर का टच दे सकती हैं.
महिलाएं और समानता : थेरेसा खुद को ‘वन-नेशन टोरी’ की संज्ञा देती रही हैं और पार्टी के कई परंपरागत विचारों में बदलाव का आह्वान करती रही हैं. उन्होंने संसद में समलैंगिक शादी के पक्ष में मतदान किया था. इससे पहले उन्होंने समलैंगिक संबंधों को बढ़ावा देने से स्कूलों को रोकने के कानून के पक्ष में मतदान किया था.
टोरी पार्टी के नेता पद के अभियान में उन्होंने औरतों को पुरुषों के बराबर वेतन देने की वकालत की थी. गृह सचिव के रूप में थेरेसा मे ने घरेलू हिंसा को रोकने की दिशा में बहुत काम किया है.
व्यापार और मजदूरों के अधिकार : थेरेसा ने कामकाजी तबके के अधिकारों की रक्षा और उनके लाभों को बढ़ाने का वादा किया है, जिनमें उन्हें कंपनियों के बोर्ड में जगह देने और शेयरधारकों की वार्षिक बैठक में मतदान का अधिकार देने जैसे प्रस्ताव भी शामिल हैं. हालांकि 1997 में जब वे पहली बार सांसद बनी थीं, तो उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम मजदूरी निर्धारित किये जाने का विरोध किया था.
विश्वविद्यालयों की फीस : विश्वविद्यालयों की फीस बढ़ाने के मुद्दे पर भी थेरेसा मे के रवैये बदलते रहे हैं. वर्ष 2004 में उन्होंने फीस बढ़ाने तथा फीस को निर्धारित करने के प्रस्तावों के विरोध में मतदान किया था, लेकिन 2010 में अधिकतम फीस की सीमा हटाने के पक्ष में मतदान किया था. वे मुफ्त स्कूली शिक्षा का समर्थन करती हैं और इसमें चरिटी, एनजीओ और समूहों की भागीदारी की वकालत करती हैं.
प्रधानमंत्री का चुनाव : वर्ष 2007 में जब टोनी ब्लेयर के हटने के बाद गॉर्डन ब्राउन प्रधानमंत्री बने थे, तब विपक्ष में बैठीं थेरेसा ने आम चुनाव के द्वारा ब्राउन से जनादेश लेने की मांग की थीं, लेकिन अब जब वे खुद उसी तरह से सीधे प्रधानमंत्री बन रही हैं, तब उन्होंने आम चुनाव कराने से इनकार कर दिया है.
मानवाधिकार : यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के निकलने के मसले पर हुए जनमत-संग्रह के दौरान उनका एकमात्र महत्वपूर्ण हस्तक्षेप यह था कि चाहे इस जनमत-संग्रह का जो भी परिणाम हो, ब्रिटेन को मानवाधिकार पर यूरोपीय समझौते से बाहर आ जाना चाहिए. हालांकि थेरेसा मे ब्रिटेन के यूरोपीय संघ में बने रहने की पक्षधर थीं. जनमत संग्रह के बाद कंजरवेटिव पार्टी के नेता पद के लिए अपनी दावेदारी के दौरान उन्होंने मानवाधिकार समझौते से बाहर निकलने की अपनी मांग वापस ले लिया था.
थेरेसा मे जॉर्डन मूल के अबू कतादा के वापस भेजने के फैसले को अपनी बड़ी उपलब्धि मानती हैं, लेकिन कंप्यूटर हैकर गैरी मैक्किनॉन जैसे ब्रिटिश नागरिकों को प्रत्यर्पित करने से उन्होंने इनकार कर दिया था. वर्ष 2011 में तो उन्होंने एक आप्रवासी को इस आधार पर बाहर भेजने से मना कर दिया था कि उसके पास एक पालतू बिल्ली थी. थेरेसा ब्रिटिश नागरिकों पर सघन निगरानी के लिए प्रस्तावित कानून स्नूपर्स चार्टर की घोर समर्थक हैं जिसका चौतरफा विरोध होता रहा है.
जाकिर नाइक पर रोक
गृह सचिव के रूप में अपने विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए उन्होंने इसलामी प्रचारक और भारतीय नागरिक डॉ जाकिर नाइक को 2010 में ब्रिटेन आने पर रोक लगा दिया था.

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