पाकिस्तान अमेरिका को बना रहा है मूर्ख

वाशिंगटन : अमेरिकी सांसदों एवं विशेषज्ञों ने पाकिस्तान को दी जानी मदद में कटौती करने और इसे आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश के तौर पर सूचीबद्ध करने की अपील करते हुए कहा कि आतंकवादी तत्वों को समर्थन देने वाला और चीजों को जोड तोड कर पेश करने वाला यह देश अमेरिका को मूर्ख समझता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 13, 2016 10:30 AM

वाशिंगटन : अमेरिकी सांसदों एवं विशेषज्ञों ने पाकिस्तान को दी जानी मदद में कटौती करने और इसे आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश के तौर पर सूचीबद्ध करने की अपील करते हुए कहा कि आतंकवादी तत्वों को समर्थन देने वाला और चीजों को जोड तोड कर पेश करने वाला यह देश अमेरिका को मूर्ख समझता रहा है. सदन की विदेश मामलों की समिति की एशिया एवं प्रशांत उपसमिति के अध्यक्ष मैट सैल्मन ने कहा, ‘‘वे हमें मूर्ख बना रहे हैं. वे हमें मूर्ख समझते हैं. यह माफिया को धन देने की तरह है.”

पूर्ववर्ती बुश काल के शीर्ष राजनयिक जाल्मे खलीलजाद ने सांसदों से कहा कि पाकिस्तानी नेतृत्व ने किस प्रकार दशकों से अमेरिकी प्रणाली के साथ खेल खेला है. उन्होंने कहा, ‘‘यदि मैं गैरराजनयिक शब्द का इस्तेमाल कर सकता हूं तो हम बहुत भोले भाले रहे हैं.” सैल्मन ने खलीलजाद की बात को आगे बढाते हुए कहा, ‘‘भोले भाले मूर्ख. अधिकतर अमेरिकी यह देख सकते हैं और हमारे तथाकथित नेताओं को यह बात अभी तक समझ नहीं आई.” फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज के लॉन्ग वार जर्नल के वरिष्ठ संपादक बिल रोजियो ने खलीलजाद से अपील की कि पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद में कटौती की जाए और उसे आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश के रुप में सूचीबद्ध किया जाए.

रोजियो ने कांग्रेस की सुनवाई के दौरान खलीलजाद एवं अन्य विशेषज्ञों के साथ ‘‘पाकिस्तान: आतंकवाद के खिलाफ लडाई में मित्र या दुश्मन” विषय पर अपना पक्ष रखते हुए कहा, ‘‘अंतत: वे हमें मूर्ख समझकर हमसे व्यवहार कर रहे हैं और हम पाकिस्तान को धन देने के लिए बहुत आतुर हैं.” खलीलजाद ने बुश के शासनकाल में अफगानिस्तान में अमेरिकी राजदूत एवं संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के स्थायी प्रतिनिधि समेत विभिन्न राजनयिक पदों की जिम्मेदारी संभालते हुए पाकिस्तान नेतृत्व के साथ हुए अनुभव को साझा करते हुए कहा, ‘‘पाकिस्तान बहुत चालाकी से चीजों को तोड मरोडकर पेश करके हमारा इस्तेमाल करता रहा है. मुझे यह कहना होगा.”

उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस के विशिष्ट सदस्यों तक पहुंचते हैं, वे उन्हें यात्रा के लिए आमंत्रित करते हैं, वे उन्हें लुभाते हैं, वे एक बार फिर वादा करते हैं और हमारे बयानों का ऐसा निष्कर्ष निकालते हैं जो तथ्यों के सापेक्ष ‘‘हैरान करने वाले” होते हैं. यह पूछे जाने पर कि अमेरिका उसी नीति को क्यों अपनाता रहा है, खलीलजाद ने कहा कि अपने कृत्यों को तोड मरोड कर पेश करने की पाकिस्तान की क्षमता इसका एक कारण रही है. पूर्व शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के साथ संबंधों का मेरा अनुभव यह है कि वे आपको तभी कुछ देंगे, जब उन्हें यह पता होगा कि उन्हें कुछ मिलने वाला है.” कांग्रेस के सदस्य डाना रोहराबाचर ने कहा कि पाकिस्तान सरकार और सउदी अरब ने तालिबान एवं हक्कानी नेटवर्क बनाया.

रोहराबाचर ने कहा कि अमेरिका का पाकिस्तान को मदद देना ‘‘मूर्खतापूर्ण” है. उन्होंने कहा, ‘‘यह भ्रष्ट दमनकारी शासन बलूचिस्तान के लोगों को मार रहा है. बलूचिस्तान के लोगों को यह समझना चाहिए कि अमेरिका एक भ्रष्ट, आतंकवादी समर्थन शासन से उनकी स्वतंत्रता एवं स्वाधीनता के लिए उनके साथ है.” उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी ही स्थिति सिंधियों के साथ है. ऐसे ही हालात पाकिस्तान के अन्य समूहों के साथ हैं. यदि कोई शासन लोगों की जान लेता है, दमन करता है और भ्रष्ट है और इसके बावजूद हम उन्हें किसी प्रकार का समर्थन देना जारी रखते हैं तो यह वाकई बेतुका है.” आतंकवाद, अप्रसार एवं व्यापार उपसमिति के रैंकिंग सदस्य विलियम कीटिंग ने पैनल के सदस्यों से सवाल किया कि क्या आईएसआईएस सरकार के भीतर एक सरकार है.

अमेरिकन यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर टरीसिया बैकन ने कहा, ‘‘यह पाकिस्तान के भीतर एक दुष्ट संस्था कतई नहीं है. यह स्वतंत्र रुप से या स्वयं संचालन नहीं करता. यह पाकिस्तानी सेना का एक हथियार है. यह पाकिस्तानी सेना की नीतियां लागू कर रहा है. यह पाकिस्तानी सेना की ओर से नीतियां लागू कर रहा है.” बैकन ने कहा, ‘‘रोजियो ने कहा कि आईएसआई पाकिस्तानी सेना की एक शाखा है. यह पाकिस्तानी सेना की इच्छा को अंजाम दे रहा है जो वास्तव में पाकिस्तानी सरकार है. (चयनित) सरकार पाकिस्तानी सेना का केवल चेहरा है.” खलीलजाद ने कहा, ‘‘मैं अपने सहकर्मी से सहमत हूं.” सैल्मन ने कहा कि निजी रुप से उनका मानना है कि अमेरिका को पहले कदम के तौर पर पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद को पूरी तरह बंद कर देना चाहिए.

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