दक्षिण चीन सागर पर ‘युद्ध” को तैयार चीन, बनायेगा एयर डिफेंस जोन

बीजिंग : चीन के विदेश मंत्रालय ने आज प्रेस कांफ्रेस कर कल आये इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. चीन ने आज संयुक्त राष्ट्र समर्थित न्यायाधिकरण के फैसले को मानने से इनकार कर दिया और कहा कि इस फैसले को ‘‘कचरे के डिब्बे’ में फेंक दिया जाना चाहिए. चीन ने एलान किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 13, 2016 5:34 PM

बीजिंग : चीन के विदेश मंत्रालय ने आज प्रेस कांफ्रेस कर कल आये इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. चीन ने आज संयुक्त राष्ट्र समर्थित न्यायाधिकरण के फैसले को मानने से इनकार कर दिया और कहा कि इस फैसले को ‘‘कचरे के डिब्बे’ में फेंक दिया जाना चाहिए. चीन ने एलान किया है कि वह दक्षिण चीन सागर में एयर डिफेंस जोन स्थापित करेगा.

वायु सुरक्षा जोन की घोषणा को चीन की लड़ाई की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘यह चीनी सरकार की नीति है और हमें उम्मीद है कि दक्षिण चीन सागर में पड़ोसी देश और आसियान देश मिलकर शांति और स्थिरता बनाये रखेंगे और विमानों के आवागमन की स्वतंत्रता बनाए रखेंगे.
सहायक विदेश मंत्री से जब पूछा गया कि क्या चीन दक्षिण चीन सागर में एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन स्थापित करेगा ताकि इस क्षेत्र में उड़ान भरने वाले विमानों को बीजिंग से इसकी अनुमति लेनी पड़े, तो इस पर उनका जवाब था कि, ‘‘चीन को ऐसा करने का अधिकार है.’ लियु ने सम्मेलन में कहा, ‘‘पूर्वी चीन सागर (जो जापान के निकट है) में हमने एक ऐसा जोन बनाया है. दक्षिण चीन सागर में इस तरह का फैसला इस बात पर निर्भर है कि चीन को यहां कितना खतरा महसूस हो रहा है. ज्यादा खतरा होने पर हम ऐसा करेंगे लेकिन यह निर्णय कई कारकों पर निर्भर करता है.’ उन्होंने चेतावनी दी, ‘‘इसे युद्ध का क्षेत्र मत बनाईये.
ट्रिब्नयूल के फैसले को कचड़े के डिब्बे में फेंक देना चाहिए
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस फैसले को स्वीकार नहीं करते और न ही इसे लागू करेंगे. हम उम्मीद करते हैं कि यह केवल एक श्वेत पत्र है और इसे लागू नहीं किया जाएगा. बेहतर होगा कि इसे फेंक दिया जाए या दराज में डाल दिया जाए या लेखागार में रख दिया जाए और उसके बाद बातचीत की राह पर लौट आया जाए.’ उन्होंने उम्मीद जताई कि चीन और फिलिपींस के बीच फिर से बातचीत शुरू होगी.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ‘‘यह चीनी सरकार की नीति है और हमें उम्मीद है कि दक्षिण चीन सागर में पड़ोसी देश और आसियान देश मिलकर शांति और स्थिरता बनाए रखेंगे और विमानों के आवागमन की स्वतंत्रता बनाए रखेंगे. सहायक विदेश मंत्री से जब पूछा गया कि क्या चीन एससीएस में एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन स्थापित करेगा ताकि इस क्षेत्र में उड़ान भरने वाले विमानों को बीजिंग से इसकी अनुमति लेनी पड़े, तो इस पर उनका जवाब था कि, ‘‘चीन को ऐसा करने का अधिकार है.’
लियु ने सम्मेलन में कहा, ‘‘पूर्वी चीन सागर (जो जापान के निकट है) में हमने एक ऐसा जोन बनाया है. दक्षिण चीन सागर में इस तरह का फैसला इस बात पर निर्भर है कि चीन को यहां कितना खतरा महसूस हो रहा है. ज्यादा खतरा होने पर हम ऐसा करेंगे लेकिन यह निर्णय कई कारकों पर निर्भर करता है.’ उन्होंने चेतावनी दी, ‘‘इसे युद्ध का क्षेत्र मत बनाईये.

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