वाशिंगटन : तुर्की में सैन्य तख्तापलट की खबरों के बीच अमेरिका ने यहां की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को पूरा समर्थन दे दिया है. तुर्की नाटो में अमेरिका का खास सहयोगी है. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने विदेश सचिव जॉन कैरी से फोन पर तुर्की के हालात जाने. व्हाइट हाउस से कल जारी एक वक्तव्य में कहा गया, ‘राष्ट्रपति और विदेश मंत्री दोनों इस बात पर सहमत हैं कि तुर्की में सभी पक्षों को लोकतांत्रिक तौर पर चुनी गई सरकार का समर्थन करना चाहिए, संयम बरतना चाहिए और हिंसा या खूनखराबे से बचना चाहिए.’ इसमें केरी की तरफ से कहा गया है कि तुर्की के घटनाक्रम पर अमेरिका ‘गंभीरता’ से नजर रख रहा है.
उन्होंने कहा, ‘हम हर अस्थिर परिस्थिति पर नजर रखे हुए हैं.’ केरी ने कहा, ‘आज शाम मैंने विदेश मंत्री सावुश ओग्लू से बात की है और बताया कि अमेरिका लोकतांत्रिक सरकार और लोकतांत्रिक संस्थानों के साथ है.’ उन्होंने सभी पक्षों से तुर्की में राजनयिक मिशनों, अधिकारियों तथा नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा. नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलनबर्ग ने कहा कि उन्होंने भी तुर्की के विदेश मंत्री मौलूद सावुश ओग्लू से बात की है.
उन्होंने कहा, ‘तुर्की के घटनाक्रमों पर मैंने पैनी नजर रखी है. मैं शांति और संयम बरतने, तुर्की के लोकतांत्रिक संगठनों और इसके संविधान का सम्मान करने का आग्रह करता हूं. तुर्की नाटो में महत्वपूर्ण सहयोगी है.’ यूरोप, यूरेशिया और उभरते खतरों पर प्रतिनिधि सभा की विदेशी मामलों की उपसमिति के अध्यक्ष डाना रोहराबाचर ने वक्तव्य जारी कर कहा है कि लोकतांत्रिक तौर पर चुने गए नेता को सत्ता से बेदखल करने के प्रयासों की निंदा होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमें ध्यान रखना चाहिए कि तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन का खुद का इतिहास चुनाव परिणामों को पलटने, स्वतंत्र प्रेस पर लगाम लगाने और झूठ बोलकर अपने प्रतिद्वंद्वी को बलि का बकरा बनाने का रहा है.’ तुर्की के सैन्य बलों ने कहा है कि देश में संवैधानिक आदेश, लोकतंत्र, मानवाधिकार और स्वतंत्रता को दोबारा लागू करने के लिए उसने देश पर ‘पूरा नियंत्रण’ कर लिया है.