दक्षिण चीन सागर पर पड़ोसी देशों से दो-दो हाथ को तैयार चीन, टकराव के आसार

बीजिंग : अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद विवादित क्षेत्र में दावे पर जोर देने के प्रयास के क्रम में सोमवार को चीन ने सैन्य अभ्यास के लिए दक्षिण चीन सागर (एससीएस) के हिस्से को बंद करने का एलान किया.इधर, फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर विवाद पर सशर्त वार्ता को खारिज कर दिया है. चीनी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2016 9:19 AM

बीजिंग : अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद विवादित क्षेत्र में दावे पर जोर देने के प्रयास के क्रम में सोमवार को चीन ने सैन्य अभ्यास के लिए दक्षिण चीन सागर (एससीएस) के हिस्से को बंद करने का एलान किया.इधर, फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर विवाद पर सशर्त वार्ता को खारिज कर दिया है.

चीनी सेना के प्रवक्ता ने बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की एयरफोर्स ने हाल ही में एससीएस में बमवर्षक विमानों के साथ फाइटर प्लेन की गश्त लगायी. भविष्य में नियमित अभ्यास बन जायेगा. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, पीएलए वायुसेना के प्रवक्ता शेन जिंके ने कहा कि पीएलए ने रणनीतिक बमवर्षक विमानों और अन्य विमानों, स्काउट एवं टैंकर को उस क्षेत्र में भेजा था.

उन्होंने कहा कि एयरफोर्स का मकसद समुद्र के ऊपर लड़ाकू विमानों का अभ्यास, सुरक्षा खतरों से निपटने की क्षमता में सुधार और चीन की संप्रभुता एवं सुरक्षा की रक्षा करना शामिल है. कहा कि वह इस हफ्ते सैन्य अभ्यास के लिए दक्षिण चीन सागर के एक हिस्से को बंद करने का एलान किया है. हैनान के समुद्री प्रशासन ने कहा कि द्वीप के दक्षिण-पूर्व इलाके को सोमवार से गुरुवार तक बंद किया जायेगा.

यह घोषणा ऐसे वक्त हुई है, जब अमेरिकी नौसेना के शीर्ष एडमिरल दक्षिण चीन सागर (एससीएस) विवाद पर चर्चा और दोनों सेनाओं के संवाद बढ़ाने के लिए चीन के तीन दिन के दौरे पर हैं. नौसैन्य अभियान के प्रमुख एडम जॉन रिचर्डसन ने बीजिंग और रविवार को बंदरगाह शहर क्वींदाओ की यात्रा की. वह अपने दौरे के दौरान चीन के नौसैन्य कमांडर एडमिरल वू शेंगली के साथ वार्ता कर रहे हैं. उन्हें नौसैन्य सबमरीन एकेडमी भी जाना है. इसके साथ ही, चीन के पहले विमान वाहक पोत का दौरा करेंगे और प्रशांत क्षेत्र में सैन्य अभ्यासों पर चर्चा करेंगे. चीन ने पिछले मंगलवार को फिलीपींस द्वारा शुरू मामले में हेग स्थित स्थायी मध्यस्थता अदालत के फैसले को मानने से इनकार कर दिया.

Next Article

Exit mobile version