क्लीवलैंड (अमेरिका) : भारत को अमेरिका का ‘भूराजनीतिक सहयोगी’ बताते हुए रिपब्लिकन मंच से नयी दिल्ली से यह अपील की गई कि वह अपने धार्मिक समुदायों को हिंसा और भेदभाव से बचाए। इसके साथ ही पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को सुरक्षित करने का भी आह्वान यहां से किया गया. रिपब्लिकन पार्टी ने कहा, ‘भारत हमारा भूराजनीतिक सहयोगी और एक रणनीतिक व्यापारिक साझेदार है. इसकी जनता की गतिशीलता और इनके लोकतांत्रिक संस्थानों का स्थायित्व इस देश को न सिर्फ एशिया में बल्कि पूरे विश्व में नेतृत्व की स्थिति में लेकर आ रहा है.’
भारतीय मूल के नागरिकों की ओर से अमेरिका के प्रति किए गए योगदानों का उल्लेख करते हुए इसमें कहा गया, ‘हम भारत के सभी धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के लिए हिंसा एवं भेदभाव के खिलाफ सुरक्षा की अपील करते हैं.’ रिपब्लिकन मंच या पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में कहा गया कि पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्षों ने पाकिस्तान की जनता के लिए विशेष राजनीतिक एवं सैन्य चुनौतियां पैदा कर दी हैं.
दस्तावेज में कहा गया, ‘हमारा कामकाजी संबंध जरुरी है. हालांकि कई बार यह मुश्किल होता है लेकिन यह दोनों के लिए फायदेमंद है और हम इन ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय संघर्ष के बोझ से घिस गए हैं.’ दस्तावेज में कहा गया, ‘जब तक आतंक के खिलाफ युद्ध में मदद के लिए पाकिस्तान के नागरिकों को दंडित किया जाता है, तब तक यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ सकती. क्षेत्र को तालिबान से छुटकारा दिलाने और पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को सुरक्षित बनाने में पाकिस्तानियों, अफगानिस्तानियों और अमेरिकियों के साझा हित निहित हैं.’
क्षेत्र में प्रगति के लिए आपसी विश्वास की अपील करते हुए दस्तावेज में कहा गया, ‘रिपब्लिकन उम्मीदवार के राष्ट्रपति बनने पर वह आपसी विश्वास बहाल करने के लिए सभी क्षेत्रीय नेताओं के साथ मिलकर काम करेंगे और उग्रवाद को बढावा देने वाले नशीले पदार्थों के व्यापार के खिलाफ और भ्रष्टाचार के खिलाफ आगे बढेंगे.’ वर्ष 2012 के रिपब्लिकन मंच ने दुनिया के सबसे बडे गणतंत्र के साथ आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से मजबूत संबंध के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों में जुडाव का भी स्वागत किया था.
इसमें कहा गया, ‘हम इस बात की पुष्टि और घोषणा करते हैं कि भारत हमारा भूराजनीतिक सहयोगी है और एक रणनीतिक व्यापारिक सहयोगी है. हम भारत को ज्यादा विदेशी निवेश और व्यापार की मंजूरी देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. हम पूरे भारत के धर्मों के अनुयायियों की सुरक्षा की अपील करते हैं.’ इसमें कहा गया, ‘किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को आतंकियों के खिलाफ अमेरिका की मदद करने के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए.’